घंटे की सुई बड़ी और मिनट की छोटी क्यों होती है

घंटे की सुई बड़ी और मिनट की छोटी क्यों होती है

हर घर में घड़ी होती है। और लगभग हर किसी का घड़ी की सुईयों को देखकर सवाल होता है। हर किसी के मन में ये जानने की जिज्ञासा होती है कि घड़ी की सुईयों में इतना फर्क क्यों होता है। घंटे वाली सुई छोटी और मिनट वाली सुई बड़ी क्यों होती है। चलिए जानते हैं…

दिन में 24 की जगह 28 घंटे होते तो ये सब होता खास

दिन में 24 की जगह 28 घंटे होते तो ये सब होता खास

उठना है, जिम जाना है, खाना है, ऑफिस जाना है, बैंक के काम, घर के काम, बच्चों के काम और अतिरिक्त फलाना ढिमकाना काम, काम, काम, काम बस काम….। ये काम हैं कि दिनभर यानि 24 घंटे में पूरे ही नहीं होते हैं। कभी कभी लगता है कि भगवान ने दिन भर के लिए 24…

रेगुलर पीरियड्स होने के बावजूद भी महिला ने दिया बच्चे को जन्म !

रेगुलर पीरियड्स होने के बावजूद भी महिला ने दिया बच्चे को जन्म !

34 साल की एक महिला ने बिना बेबी बंप के बाथरूम में अचानक एक बच्चे को जन्म दिया। महिला ने खुद सोशल मीडिया पर अपनी कहानी शेयर करते हुए कहा उसे पता ही नहीं था कि वह प्रेग्नेंट है। क्योंकि बेबी बंप भी नहीं था और उसे हर महीने पीरियड्स भी हो रहे थे। लेकिन…

नाक नहीं होती तो कितनी मुसीबतों से बच जाते हम

नाक नहीं होती तो कितनी मुसीबतों से बच जाते हम

नाक न होती तो क्या होता? नाक न होती तो, ना रामायण होती और ना महाभारत, दोनों नाक के कारण ही तो हुई हैं। लक्ष्मण शूर्पनखा की नाक नहीं काटते और नाक के चक्कर में ही महाभारत लड़ी गई। नाक! नाक ने तो हमारी नाक बचा ली चेहरे पर लगकर। मजेदार है ना, सुनना नाक…

…तो इस आसान तरीके से बनता है राई का पहाड़

…तो इस आसान तरीके से बनता है राई का पहाड़

क्या आपने राई का पहाड़ बनते हुए देखा है, या फिर तिल का ताड़। ज्यादातर घर में ये दोनों बातें सुनने को मिलती रहती हैं।  मम्मी ने कई बार बाेला कि राई का पहाड़ मत बनाओ। जबकि मैंने तो बनाया ही नहीं था। इसके बाद सोच लिया कि एक दिन ये पहाड़ जरूर बनाना है।…

…तो यहां से शुरू हुई महिलाओं द्वारा कद्दू नहीं काटने की परंपरा

…तो यहां से शुरू हुई महिलाओं द्वारा कद्दू नहीं काटने की परंपरा

तो जैसा कि हमने पहले बताया था कि फलाने-ढिमकाने पंडित जी को लड़कियों से कोई खास लगाव नहीं था। जब भी कोई ज्ञान का पिटारा खोलना होता तो वह सबसे पहले महिलाओं पर तीर चलाते थे। उन्होंने तमाम ऐसे नियम बनाए जिन्हें महिलाओं को मानना पड़ा। जिसमें खास था गुरुवार को सिर नहीं धोना, पति…

कुत्ता है तू कुत्ता! इसे गाली नहीं, समझें तारीफ… कुत्ते के ये गुण कर देंगे हैरान

कुत्ता है तू कुत्ता! इसे गाली नहीं, समझें तारीफ… कुत्ते के ये गुण कर देंगे हैरान

भाई बहन का झगड़ा हो या फिर दोस्तों का। तीसरा शब्द कुत्ता ही होता है। जाहिर है कि इस शब्द को गाली के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर हर घर में कुत्ता रखना एक पैशन, जरूरत बन गया है। स्थिति तो यह है कि बच्चों से ज्यादा घर के कुत्ते…

बिटौड़े के भूमिपूजन से लेकर नजर उतारने तक की परंपरा निभाती हैं महिलाएं

बिटौड़े के भूमिपूजन से लेकर नजर उतारने तक की परंपरा निभाती हैं महिलाएं

बड़े शहरों की गगनचुंबी इमारतों से दूर एक सड़क ऐसी है, जो गांव की ओर जाती है। इस सड़क की दो खास बातें हैं। एक तो इसके गड्ढे और दूसरी बात सड़क किनारे बनी गोबर की हट यानि बिटौड़े। कहने को इस गोबर की हट में उपलों को सुरक्षित रखा जाता है, लेकिन इस पर…

घर का कुत्ता मेरा बच्चा और घर का बच्चा कुत्ता!….यह कैसा हाल है 

घर का कुत्ता मेरा बच्चा और घर का बच्चा कुत्ता!….यह कैसा हाल है 

क्या आपके घर में भी कुत्ते को मिलता है बच्चों के बदले का प्यार दुनिया में इंसानियत और सच्ची मोहब्बत के उदाहरण कम ही देखने को मिलते हैं। लेकिन आज कल हर घर में कुत्तों से सच्चे प्यार के एंग्जाम्पल सैट किए जा रहे हैं। इनके प्यार की दास्तान इतनी गहरी है कि बच्चों की…

संभल कर कीजिए उंगली का इस्तेमाल, कहीं आपको शर्म से लाल ना होना पड़ जाए

संभल कर कीजिए उंगली का इस्तेमाल, कहीं आपको शर्म से लाल ना होना पड़ जाए

हमारी उंगली अपने आप हमारी नाक के अंदर चली जाती है। आप ये बिल्कुल ना सोचे कि आप ही इस समस्या से ग्रसित हैं। जी नहीं, उंगली का नाक में जाना सामाजिक समस्या है। अकेले में ये उंगली नाक में चली जाए तो कोई शर्म की बात नहीं है,लेकिन यही उंगली किसी के सामने आपने…

दुनिया का सबसे अजीबो गरीब प्राणी है ‘सास’, जानिए इसके अनोखे गुण

दुनिया का सबसे अजीबो गरीब प्राणी है ‘सास’, जानिए इसके अनोखे गुण

अजीबो गरीब, अनोखा, अप्रत्याशित, आश्चर्यजनक, अद्भुत, विचित्र, विलक्षण, अलबेला और अलौकिक कोई चरित्र इस दुनिया में है तो वो है ‘भारतीय सास’। जितना भी सास के गुणों का व्याख्यान किया जाए वो कम है। कलयुग के समय भी इनके पास दैवीय शक्तियां है। जिनका यह समय-समय पर इस्तेमाल करती हैं। चूंकि भारतीय संस्कृति की अपनी…

अगर गुस्सा आने पर आप भी करते हो ये गलती तो है बिल्कुल सही, पढ़िए
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अगर गुस्सा आने पर आप भी करते हो ये गलती तो है बिल्कुल सही, पढ़िए

जब भी आपको गुस्सा आता है तो दरवाजा जोर से बंद कर देते हैं, मोबाइल फोन तोड़ देते हैं, बर्तन फेंक देते हैं।गुस्सा निकलता है इन बेजान चीजों पर है। बेजान चीजों पर गुस्सा निकालना एक नेचुरल रिएक्शन है। जिससे कुछ पल के लिए हमें शांति मिल सकती है या कुछ पल के लिए हम…

कैसा लगे जब डॉक्टर बोले ‘दाल-रोटी बंद छोले-भटूरे खा’

कैसा लगे जब डॉक्टर बोले ‘दाल-रोटी बंद छोले-भटूरे खा’

जैसे ही कोई बीमार होता है तो डॉक्टर सबसे पहले उसने क्या खाया यह पूछता है। दवाइयों से ज्यादा परहेज पर ध्यान दिया जाता है। क्योंकि परहेज नहीं करने पर दवाइयां बेअसर हो जाती हैं। इस दौरान सबसे पहले चिकनाई वाले भोज्य पदार्थ( oily food) बंद कर दिऐ जाते हैं। ऐसे में दाल रोटी ही…

ब्यूटीपार्लर में जाने से पहले दुल्हन हो जाएं सावधान, दुल्हा कर सकता है शादी से इंकार
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ब्यूटीपार्लर में जाने से पहले दुल्हन हो जाएं सावधान, दुल्हा कर सकता है शादी से इंकार

शादी हर लड़की का ख्वाब होता है और इस दिन वो सबसे खूबसुरत दिखना चाहती है। सुंदर दिखने के लिए ब्युटीपार्लर में महीनों पहले ही जाना शुरू कर देती हैं। मंहगे-मंहगे उत्पाद यूज करती हैं ताकि वो सबसे सुंदर दिखें। लेकिन ब्यूटीशियन की थोड़ी सी लापरवाही और आपकी अनदेखी आपके लिए मंहगी पड़ सकती है।…

आखिर लड़कियां छिपकली से क्यों डरती हैं ?

आखिर लड़कियां छिपकली से क्यों डरती हैं ?

हरियाणवी में कहा जाता है कि ‘ छिपकली से सुदा कोई जिनावर ना है’  लेकिन फिर भी जाने क्यों लड़कियां इस सबसे शरीफ प्राणी से डरती हैं। छिपकली और लड़कियों के बीच शुरू से ही दुश्मनी का रिश्ता है। छिपकली नाम सुनते ही लड़कियां ऐसे डर जाती है जैसे कोई सुनामी आ गई है और…

शोक सभा में अचानक से गायब हो जाएं चप्पलें तो क्या हो सकता है, भूत या फिर…

शोक सभा में अचानक से गायब हो जाएं चप्पलें तो क्या हो सकता है, भूत या फिर…

आप किसी रिश्तेदार की मौत पर शोक सभा में जाते हैंं। वहां चारों तरफ गम का माहौल है। घर के सभी लोग जमीन पर बैठकर विलाप कर रहे हैं, ऐसे में आप भी भावुक हो जाते हैं और चप्पल उतार कर नजदीक बैठ जाते हैं।  परिवार के सभी लोगों को सांत्वना देते हैं। ऐसा करते-करते…

खुद को सुरीला बताने वाली दुल्हनों का शादी के एक दिन पहले ही बैठ जाता है गला

खुद को सुरीला बताने वाली दुल्हनों का शादी के एक दिन पहले ही बैठ जाता है गला

शादी से ठीक 1 या 2 दिन पहले दुल्हन का गला बैठ जाए तो दुल्हन स्ट्रेस में आ जाती है कि कहीं ससुराल वाले उसकी मर्दाना आवाज सुनकर उसका मजाक ना उड़ा बैठे। दुल्हन की उटपटांग सोच से दुल्हन अपने गले की और बैंड बजा बैठती है। बेचारी दुल्हन जितना कम बोलने की सोचती है…