समाज की धारणा: मां ही करेगी बच्चों की परवरिश

समाज की धारणा: मां ही करेगी बच्चों की परवरिश

शादी दो व्यक्तियों की आपसी समझ से चलने वाला रिश्ता है। माना जाता है कि इस शादी रुपी गाड़ी के दोनो पहिए यानि पति और पत्नी को संमानतर होना चाहिए। एक समान है तो ये गाड़ी अच्छे से चलेगी। लेकिन समाज ने ये धारणा बना रखी है कि बच्चों की परवरिश मां अकेली ही करेगी।…

ये पढ़ने के बाद बुढ़ापा नहीं लगेगा नीरस

ये पढ़ने के बाद बुढ़ापा नहीं लगेगा नीरस

अब मेरी कोई सुनता नहीं है मैं बच्चों को नहीं समझ पा रहा हूं, बच्चे मुझे नहीं समझ पा रहे हैं। सबकुछ कितना बदल गया है। आज से तीस चालीस साल बाद क्या हम भी ये ही बोलने वाले है। क्या हम समय के अनुरुप खुद का ढ़ाल पाएंगे या नहीं। तो चलो आज अपनी…

माता-पिता करवाएं बच्चों को जिम्मेदारियों का अहसास

माता-पिता करवाएं बच्चों को जिम्मेदारियों का अहसास

युवावस्था में ज्यादातर युवाओं को अक्सर यह कहते सुना है कि”युवावस्था से तो बचपन अच्छा था, बचपन में हम कितने बेफिक्र थे, वक्त ही वक्त था, जो मन में आया वही करते थे, मां बाप के होते फिक्र करने की जरूरत नहीं होती थी। लेकिन युवावस्था में आकर इतनी जिम्मेदारियां आ गई है, कि खुद…

किसी याद या बात को भूलना है, तो ये करना होगा

किसी याद या बात को भूलना है, तो ये करना होगा

जब तक पुरानी यादों को संजोकर रखोगे, तो नई यादों का घर कैसे बनेगा। नया घर बनाने के लिए पुराना घर तो तोड़ना पड़ेगा। तो क्यों ना आज आज कुछ मोटिवेशनल हो जाए। आज पुरानी कड़वी यादों को अलविदा कहकर कुछ नई सुंदर यादों का घर बनाया जाए। असली बात में हम आज ये टॉपिक…

बुधवार को सुसराल जाने पर हो सकता है बवाल

बुधवार को सुसराल जाने पर हो सकता है बवाल

शादी के बाद हर लडकी अपने मायके लिए पराई हो जाती है। उसका ससुराल ही उसका घर होता है। लेकिन हिंदू धर्म में ऐसी मान्यता है कि बुधवार के दिन बेटियों को उनके ससुराल विदा नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से उनके जीवन में कुछ अशुभ हो सकता है। दरअसल शास्त्रों के अनुसार सप्ताह के…

आपकी इस चूक से बच्चा बनता है जिद्दी

आपकी इस चूक से बच्चा बनता है जिद्दी

बच्चों की परवरिश का असर उनकी पर्सनैलिटी पर पड़ता है। हर माता-पिता अपने बच्चों को अच्छी और बेहतर परवरिश देना चाहते हैं, लेकिन छोटी सी चूक बच्चों को जिद्दी बना सकती है। जिद्दी बच्चे को कैसे हैंडल करें? ये सवाल किसी एक का नहीं बल्कि कई माता-पिता का होता है। वे जानना चाहते हैं कि…

साड़ी में सबसे ज्यादा दिखते हैं शरीर के भाग, फिर क्यों रही सूट और जींस पर रोक

साड़ी में सबसे ज्यादा दिखते हैं शरीर के भाग, फिर क्यों रही सूट और जींस पर रोक

भारतीय परिधानों में साड़ी का कोई जबाव नहीं। देश के प्रत्येक हिस्से में साड़ी महिलाओं का मुख्य पहनावा रहा है। कुछ समय पूर्व तक उत्तर भारत में महिलाओं के लिए एकमात्र परिधान साड़ी रहा है। जब भी महिलाओं ने दूसरे कपड़े पहनने का प्रयास किया तो उन्हें अनुचित बताकर साड़ी की सलाह दी गई। यदि…

पति की लगाई बंदिशें, बना देती हैं रिश्ते का मजाक

पति की लगाई बंदिशें, बना देती हैं रिश्ते का मजाक

शादीशुदा जिंदगी की नींव भरोसे, और एक दूसरे को समझने पर टिकी होती है। कहते हैं कि कई बार रिश्ते में प्यार भले ही न हो, लेकिन एक दूसरे को समझने से भी रिश्ता चल जाता है। रिश्ते में प्यार हो और एक-दूसरे के लिए अंडरस्टैंडिग ना हो तो रिश्ता बोझ लगने लगता है। ऐसे…

मायके जाते ही क्यों पुराने कपड़े पहनकर आता है सुकून

मायके जाते ही क्यों पुराने कपड़े पहनकर आता है सुकून

शादी के बाद शाही कपड़े पहनना, दुल्हनों की तरह हर रोज अपने पति के लिए सज-धज के रहना शायद हर लड़की का सपना होता है। शादी के बाद उसे यह सब पहनने का मौका भी मिलता है। हर रोज सजने सवरने के लिए कहा जाता है। लेकिन जैसे ही लड़की मायके जाती है तो तुरंत…

कुंवारी लड़कियां हो जाती हैं शादीशुदा पुरुष पर लट्टू, हो सकती है मुश्किल

कुंवारी लड़कियां हो जाती हैं शादीशुदा पुरुष पर लट्टू, हो सकती है मुश्किल

जब किसी महिला का शादीशुदा पुरूष के साथ अफेयर चलता है, तो वो इस रिश्ते को लेकर बिल्कुल सीरियस नहीं रहती है। जीवन में हर किसी की इच्छा होती है कि उसका पार्टनर अच्छा हो। और उसे एक परफेक्ट जीवनसाथी मिले। खासतौर पर कुंवारी लड़कियों की ये इच्छा होती है के उनकी शादी किसी ऐसे…

महिलाओं पर केंद्रित गालियां पुरुषों पर होती तो…

महिलाओं पर केंद्रित गालियां पुरुषों पर होती तो…

जब भी किसी से मनमुटाव होता है या बहस होती है तो मुंह से मधुर वाणी में गालियों की बौछार शुरू हो जाती है। ज्यादातर ये बौछार पुरुष करते हैं लेकिन गालियां महिलाओं पर केंद्रित ही देते हैं। क्या कभी आपने सोचा है कि ये गालियां यदि पुरुषों पर होती तो…। ये गालियां सिर्फ झगड़े,…

बीमारी में भी नहीं मिलती हाउसवाइफ को काम से छुट्टी

बीमारी में भी नहीं मिलती हाउसवाइफ को काम से छुट्टी

हाउसवाइफ होना बहुत मुश्किल काम है। सुबह सबसे पहले उठकर सबको बिस्तर पर चाय देना। सबका नाश्ता तैयार करना। बच्चों को स्कूल के लिए तैयार करना, टिफिन बनाना, फिर झाडू-पोछा,बर्तन,कपड़े करना। घर के काम खत्म नहीं होते है कि बच्चे आ जाते हैं। फिर बच्चों के लिए खाना बनाना, घर में बुजुर्गों का चाय नाश्ता…

पत्नी की कौन-सी बात पतियों को अखरती है, जानिए

पत्नी की कौन-सी बात पतियों को अखरती है, जानिए

महिला और पुरुष सिक्के के दो पहलु है। दोनों एक-दूसरे के बिना अधुरे। दोनों का रिश्ता खुबसूरत हो जाता है, जब दोनों की सोच मिल जाती है। दोनों जब एक दूसरे को समझते हैं तो रिश्ता और भी प्यारा हो जाता है। हालांकि कमी हर इंसान में होती है। कमियों के साथ किसी को एक्सपट…

सावधान! रसोई को रिजाइन दे रही हैं महिलाएं

सावधान! रसोई को रिजाइन दे रही हैं महिलाएं

रसोई यानि घर की ऐसी जगह है जहां हमेशा से महिलाओं का राज रहा है। वो जगह जहां महिलाएं या तो प्यार से अपने परिवार के लिए स्वादिष्ट भोजन बनाती हैं या फिर कुछ महिलाएं इसे अपना मजदूरी स्थल समझती हैं।  लेकिन अब वक्त बदल रहा है। महिलाओं ने रसोई के कार्यस्थल से रिजाइन देना…

मेहमान कब बन जाता है गले का फांस
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मेहमान कब बन जाता है गले का फांस

मेहमान शब्द का अर्थ होता है- अतिथि यानि जो अस्थाई होता या जल्दी जुदा होने वाला है। मेहमान हमारे घर पर भी आते हैं। बहुत से मेहमान दो-तीन दिन के लिए आते हैं। बहुत से 15-20 दिनों तक ढ़ेरा जमाकर बैठे रहते हैं। हिदूं धर्म में मेहमान को भगवान का दर्जा दिया गया है। आतिथ्य…

क्यों बढ़ रहा है एकल परिवार का चलन
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क्यों बढ़ रहा है एकल परिवार का चलन

आजकल एकल परिवार का चलन बढ़ रहा है। लगभग व्यक्ति संयुक्त परिवार में रहकर खुश नहीं है। हर कोई चाहता है कि उसका परिवार ज्यादा बढ़ा ना हो। बहुत से व्यक्ति तो अपने मां-बाप को गांव में छोड़कर अपनी बीवी बच्चों के साथ शहर में रहने चले जाते हैं। वो शहर में इस कदर रच…

बेचारा पति ! पिसता रहता है चक्की के दो पाटों के बीच
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बेचारा पति ! पिसता रहता है चक्की के दो पाटों के बीच

पति या यूं कहे बेचारा पति! एक तरफ मां और एक तरफ श्रीमती जी। मां की सुने तो मां का लाल और पत्नी की सुन ले, तो जोरू का गुलाम। हाय रे! कितना मुश्किल है ये पति होना। पत्नी की ना माने तो मुझसे बात मत करो वाला ताना और मां की ना माने तो…

हमें करना होगा ये अन्यथा रोएगी हमारी संतान

हमें करना होगा ये अन्यथा रोएगी हमारी संतान

22 अप्रैल को हम हर साल पृथ्वी दिवस मनाते हैं। हमारी पर्यावरण संरक्षण को लेकर बहुत बड़ी जिम्मेदारी बनती है। हमें ये सोचकर  चलना होगा की हम आने वाली पीढ़ी को क्या दे रहे हैं। ये चारों तरफ फैला प्रदूषण, गाड़ियों का शोर, हर रोज विकास के नाम पर कटते पेड़ पौधे। सोचो अगर हमको…

18 घंटे काम करने वाले को देश में कहते हैं बेरोजगार

18 घंटे काम करने वाले को देश में कहते हैं बेरोजगार

दुनिया में भारत देश कई मामलों में अलग है। इसी कड़ी में भारत में 18 घंटे काम करने वाले इंसान को बेरोजगार कहा जाता है। खास बात है कि यह इंसान जीरो सैलरी यानि बिना वेतन के ही लगातार काम करता है। यह हैं देश की गृहणियां। जिन्हें हाउस वाइफ कहकर संबोधित कर दिया जाता…

पति से बड़े उम्र के पुरुषों से महिलाएं क्यों करती हैं घूंघट

पति से बड़े उम्र के पुरुषों से महिलाएं क्यों करती हैं घूंघट

“घूंघट बैन करा दे ओ पिया” ये हर नारी के मन की बात है। हर महिला चाहती है इस घूंघट प्रथा को बंद करवाना। लेकिन कैसे इस प्रथा को खत्म करें? क्योंकि घूंघट बैन करवाने की मांग पर पिया जी ही बोल देते हैं “मारूंगा र सुसरी क मारुगा घने घूंघट ओपन तन जो करा”।…