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बेल वाली सब्जियों में लौकी (bottle gourd) लगाना सबसे आसान है। लॉकी की बेल की ग्रोथ भी तेजी से होती है। लेकिन इस बेल से फल लेना सबसे मुश्किल काम है। लेकिन हम आपको ऐसी ट्रिक बताएंगे जिसे आप चुपके से रात में फॉलो करें। आपका पौधा लौकी से भर जाएगा।
बता दें गार्डनिंग में सिर्फ मिट्‌टी, पानी और खाद से ही सफलता नहीं मिलती है। आपको बहुत से और भी प्रयास करने पड़ते हैें। लॉकी, तोरई, कद्दू जैसी सब्जियों के साथ आपको ज्यादा ध्यान देना होता है। आज हम ऐसी ट्रिक बताएंगे जिसके बाद छोटे से पौधे पर ही ढेरों लौकी आएंगी।

कब लगाएं लौकी (When to plant bottle gourd)

लॉकी का पौधा साल में दो बार लगाया जा सकता है। गर्मी के मौसम में सब्जी लेने के लिए फरवरी माह में लौकी का बीज बो दें। वहीं अक्तूबर और नवंबर तक लौकी खाने के लिए जून के अंत तक यानि मानसून की शुरूआत में लौकी का पौधा लगाना चाहिए। आप इसे बीज या पौध (seedling) के जरिए लगाएं। बीज लगाने से एक रात पहले ही पानी में भिगो दें। इससे बीज जल्दी अंकुरित होगा। 

मिट्‌टी कैसे तैयार करें

  • 50 फीसदी गार्डन की मिट्‌टी लें
  • 30 फीसदी वर्मीकम्पोस्ट या गोबर खाद लें
  • खाद के तौर पर आप किचिन कम्पोस्ट भी ले सकते हैं
  • 10 फीसदी नीम खली मिलाएं
  • मिट्‌टी को हल्का रखने के लिए कोकोपीट मिलाएं

कैसे गमले में लगाएं

किसी भी पौधे की ग्रोथ उसके गमले के आकार पर भी निर्भर करती है। क्योंकि इससे जड़ों का फैलाव, मिट्‌टी की जरूरत के मायने तय होते हैं। दरअसल बेल वाली सब्जियेां के लिए हमें गहरे और चौड़े गमलों की जरूरत होती है। इसके लिए आप फैलाव वाले ग्रो बैग का चयन कर सकते हैं। हालांकि आप इसमें एक के साथ दो से चार बेल लगा सकते हैं। 

नर और मादा फूल की करें पहचान (Identify male and female flowers)

कई बार पौधे पर फूल तो आता है लेकिन फल बनने से पहले ही खराब हो जाता है तो ऐसे में आपको सबसे पहले नर और मादा फूल की पहचान करनी होगी। नर और मादा फूल की पहचान करना आसान है। मादा फूल के पीछे छोटा फल होता है। जबकि नर फूल के पीछे कोई फल नहीं होता है। याद रखें कि मादा फूल ही लौकी का रूप लेंगे। 

रात में करें हैंड पॉलिनेशन (Do hand pollination at night)

याद रखें कि लॉकी की बेल पर देर शाम से सुबह तक ही फूल खिलते हैं। शाम के समय जैसे ही फूल खिलना शुरू हों तो आप नर और मादा फूल की पहचान कर लें। और हैंड पॉलिनेशन करें। नर फूल को डाली से तोड़ लें। उसकी पंखुड़ियों को हटा दें। इसके बाद अब मध्य भाग (anther) बचेगा। इस हिस्से में ही पराग होता है। फीमेल फ्लावर की पंखुड़ियों (petals) को खोलें। इससे फीमेल फ्लावर का मध्य भाग यानि (Stigma) भी खुलेगा। मेल फ्लावर के मध्य भाग (anther) को फीमेल फ्लावर के Stigma पर  लगाएं। इसी तरह आप एक ही नर फूल से कई मादा फूलों पर पॉलिनेशन कर सकते हैं।

मिट्‌टी में मिलाएं बॉनमील या छाछ (Mix bonemeal or buttermilk in soil)

जब पौधे पर बड़ी मात्रा में फूल आते हैं तो उन दिनों आप पौधे को और अधिक पोष्टिकता के लिए बोनमील दें। बोनमील कैल्शियम का अच्छा स्त्रोत है। अगर आप बोनमील से परहेज करते हैं तो छाछ का प्रयोग कर सकते हैं। यह भी अच्छा विकल्प है। इसके साथ ही आप लकड़ी की राख भी डाल सकते हैं। वहीं महीने भर में गोबर के उपलों का लिक्विड फर्टिलाइजर भी पौधे में दें। ध्यान रखें कि अगर आप चाहते हैं कि पौधा फलों से भरा रहे तो आपको पोष्टिकता भी पूरी देनी होगी।

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