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 view=”circles” /]चीनी हमारी रसोई का मुख्य हिस्सा है। चाय बनानी हो या फिर कोई स्वीट डिश, चीनी का ही प्रयोग किया जाता है। लेकिन डायबिटीज के मरीज व वजन कम करने वालों को डॉक्टर द्वारा चीनी पूरी तरह बंद करने की सलाह दी जाती है। लेकिन अगर हम आपको एक ऐसे प्लांट के बारे में बताएं जिसकी पत्तियों में चीनी से 30 गुना ज्यादा मिठास होती है। हम बात कर रहे हैं स्टेविया प्लांट की। खास बात है कि इस हर्बल चीनी यानि स्टीविया प्लांट की पत्तियों को डायबिटीज के मरीज भी खा सकते हैं साथ ही इससे वजन भी नहीं बढ़ता। बता दें कि यह एक एस्टरेसिया परिवार का पौधा है जिसका वैज्ञानिक नाम स्टीविया रिबाउडियाना (stevia rebaudiana) है। इस लेख में हम स्टीविया प्लांट के बारे में जानेंगे। इसको प्रयोग करने का तरीका बताएंगे व गार्डन में उगाने का तरीका बताएंगे।  

स्टेविया के बारे में

स्टेविया पौधे का औषधीय महत्व है। भारत में इसकी खेती मुख्य तौर पर कर्नाटक तथा महाराष्ट्र राज्यों में होती है। देश में स्टेविया पौधे को मीठी तुलसी, मीठापत्ता, मधुपत्र, चीनीपत्ता, शहदपत्ता, मधुरगुणा व स्टेविया के नाम से जाना जाता है। यह पौधा अपनी मीठी पत्तियोंं के लिए पहचाना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इसकी पत्तियां चीनी के मुकाबले 30 से 40 गुना मीठी होती हैं।  इसके पत्तों का उपयोग प्राकृतिक चीनी के तौर पर किया जाता है। विशेषज्ञों के अनुसार स्टेविया की 240 प्रजातियां पाई जाती हैं।  

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क्यों होता है मीठा

स्टेविया पौधे की पत्तियों के मीठे होने के पीछे दो मुख्य कारण है। इसमें दो मुख्य यौगिक स्टेवियोसाइड एवं रेबुडीयोसाइड पाए जाते हैं। ये नेचुरल स्वीटनर है। क्योंकि इसमें कैलरी व कार्बाेहाइड्रेट नहीं होती है व चीनी का प्राकृतिक स्रोत है इसलिए यह डायबिटीज व वजन बढ़ने वाले रोगियों के लिए फायदेमंद है।

स्टेविया के फायदे

  • 1. डायबिटीज के मरीजों के लिए फायदेमंद: रिसर्च में साबित हुआ है कि स्टेविया के सेवन से इंसुलिन की मात्रा पर कोई असर नहीं पड़ता है। इसी गुण की वजह से डायबिटीज के मरीज भी इस पौधे से मिठास का स्वाद ले सकते हें।  इस पौधे की पत्तियों का इस्तेमाल पकवानों को मीठा करने के लिए किया जा सकता है। 
  • 2.एंटीऑक्सीटेंट के गुण: स्टेविया में एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं। इसमें पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट एंटी-कैंसर का काम करते हैं। स्टेविया में पाए जाने वाला कैम्फेरोल  एंटीऑक्सीडेंट तत्व एंटी कैंसर है। कैंसर के जोखिम को कम करने का काम करता है। 
  • 3.वजन कम करने में मददगार: स्टेविया में कैलोरी की मात्रा बहुत कम होती है। अगर आप वजन बढ़ने के डर से मीठा नहीं खाते हैं तो इसे बिना डरे खा सकते हैं। इससे वजन कम नहीं होगा। यह चीनी की क्रेविंग को भी कम करेगा। इसका नुकसान भी नहीं होगा। यह मीठा छोड़े बगैर वजन कम करने का अच्छा सोर्स है। 
  • 4. हार्ट अटैक के जोखिम को करे कम: स्टेविया हार्ट अटैक और स्ट्रोक के जोखिम को भी कम करता है। दरअसल इसमें ग्लाइकोसाइड्स होते हैं। ग्लाइकोसाइड्स शरीर से सोडियम को निकालते हें।  यह  ब्लड प्रेशर को भी कंट्रोल रखते हैं।
  • 5. स्किन प्राब्लम करे ठीक:  स्टेविया त्वचा की देखरेख में अहम रोल निभाता है। यह कई तरह के स्किन प्राब्लम यानि चर्म विकारों से मुक्त करने में उपयोगी है।

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उपयोग करने का तरीका

  1. स्टेविया की पत्तियों का इस्तेमाल  आसानी से चाय, सॉस, सलाद ड्रेसिंग, सूप आदि पेय पदार्थों में किया जा सकता है। किसी भी ड्रिंक्स में पत्ते डालकर मिलाने से शक्कर की जरूरत नहीं पड़ेगी।
  2. स्टेविया का पाउडर बनाकर भी इस्तेमाल किया जा सकता है। क्योंकि यह चीनी से कई गुना अधिक मीठा होता है। इसलिए स्टीविया का इस्तेमाल चीनी की मात्रा के मुकाबले कम  करना चाहिए। 
  3. इसके पौधे से पत्तियों को तोड़कर व सुखाकर आासनी से पाउडर बनाया जा सकता है। यह काफी लंबे समय तक चलता है। 

गार्डन में उगाएं स्टीविया प्लांट

स्टेविया के प्लांट को आसानी से घर में उगाया जा सकता है। हालांकि 11डिग्री सेल्सियस तापमान से ऊंचे तापमान पर ही यह रह पाता है। इसे किसी भी मौसम में लगाया जा सकता है। यह बीज व कटिंग दोनों से लगाया जा सकता है। इसे रेतीली मिट्‌टी में लगाना चाहिए। ताकि गमले में पानी न रुके। इसे सामान्य पौधों की तरह सामान्य देखरेख की जरुरत पड़ती है। 

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Disclaimer: यह लेख विभिन्न शोधों के आधार पर लिखा गया है। तरीक़ों और सुझावों पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें। धन्यवाद

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