Kitchen compost: पौधों की अच्छी ग्रोथ, अच्छी फ्लवारिग व पैदावार के लिए सिर्फ मिट्टी काफी नहीं है। इसके साथ हमें खाद के जरिए पोषक तत्वों की कमी को पूरा करना होता है। इस कमी को बिना खर्चा ही पूरा करने का काम कर रहा है किचिन कम्पोस्ट (Kitchen compost)। अधिकतर बागवानी प्रेमी अपने घरों में किचिन कम्पोस्ट तैयार करते हैं।
किचिन कम्पोस्ट तैयार करने में तकरीबन सभी गार्डनर के सामने बदबू व कीड़ों की दिक्क्त होती है। लोगों के कम्पोस्ट बिन में कीड़े होना या बदबू आना आम बात है। जिसकी वजह से बहुत से लोग किचिन कम्पोस्ट भी तैयार नहीं करते हैं। लेकिन बागवानी विशेषज्ञ कविता के कम्पोस्ट तैयार के तरीके से कभी बदूब नहीं आती है। साथ ही कम्पोस्ट में कीड़े नहीं पड़ते हैं। आज इस लेख में हम उनसे बिना कीड़े और बदबू के किचिन कम्पोस्ट तैयार करने का तरीका जानेंगे।
पहला चरण: कंटेनर में छेद करें
- बागवानी विशेषज्ञ कविता का कहना है कि बिना बदबू व कीड़ाें का कम्पोस्ट को तैयार करने में कंटेनर की भूमिका अहम हैं। हमें ऐसा कंटेनर लेना है जिसमें हम छेद कर सके। मैं अधिकतर प्लास्टिक का कंटेनर तैयार करती हूं। सीमेंट के कंटेनर में छेद करना संभव नहीं हो पाता है। इसलिए प्लास्टिक का कंटेनर प्रयोग करती हैं। इसमें चार से पांच छेद चारों तरफ कर लें। अगर कंटेनर में टैप लगा सकते हैं लगवा लें। वरना कंटेनर के नीचे भी छेद करें। इससे हवा पास होती रहती है। साथ ही कम्पोस्ट में बनने वाला अतिरिक्त पानी निकलता रहता है।
दूसरा चरण: ग्रीन लेयर बनाएं
- सबसे पहले कंटेनर में ग्रीन लेयर बनाएं। ग्रीन लेयर से मतलब है कि हमारी किचिन से निकलने वाले वेस्ट को डालें। जिसमें सब्जियों के छिलके, फलों के छिलके, घास आदि शामिल हैं। लेकिन याद रखें कि किचिन कम्पोस्ट में पका हुआ भोजन न डालें।
तीसरा चरण: ब्राउन लेयर बनाए
- कंटेनर में सब्जियों के छिलके आदि की ग्रीन लेयर के बाद ब्राउन लेयर तैयार करनी है। ब्राउन लेयर में पुरानी लकड़ी, कागज के गत्ते, काडबोर्ड आदि शामिल हैं, का प्रयोग करें। ब्राउन और ग्रीन लेयर के बाद तीसरा चरण पूरा होता है। कविता का कहना है कि यदि कोई ग्रीन और ब्राउन लेयर को तैयार करता है तो कंटेनर में से कभी बदबूं नहीं आएगी।
चौथा चरण: लस्सी का करें प्रयोग
- चौथे चरण के दौरान हमें याद रखना है कि कम्पोस्ट में हमेशा नमी बनाकर रखें। इसके साथ ही कम समय में जल्दी कम्पोस्ट तैयार करने के लिए इसमें लस्सी यानि बटरमिल्क का प्रयोग करें। हालांकि बटरमिल्क की ज्यादा मात्रा न डालें। दस लीटर के कंटेनर में आधा लीटर बटरमिल्क उचित रहेगा। दस दिन के अंतराल पर कम्पोस्ट में आधा लीटर पानी डालते रहें और हिलाते रहें।
ध्यान रखने योग्य बातें
- ग्रीन और ब्राउन लेयर जरूर बनाएं।
- कंटेनर में नीम बनाकर रखें।
- सामग्री को मिलाते रहें।
- हर दो दिन के अंतराल पर टैप से पानी निकालें और पौधों में डाल दें।
- कंटेनर को छाया में रखें।
वीडियो में देखें कविता जी खुद कैसे तैयार करती हैं किचिन कम्पोस्ट
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