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भारतीय संस्कृति में सिंदूर का बड़ा महत्व है। लेकिन बाजारों में मिलने वाले सिंदूर में कैमिकल की मात्रा ज्यादा आने लगी है। यह महिलाओं को कईं स्किन प्राब्लम भी देर रहा है। दरअसल  सिंदूर चूना, हल्दी, मरकरी को मिलाने के बाद बनता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि सिंदूर का पौधा भी होता है?  ये एक औषधीय पौधा है। जिसे कई चीजों को बनाने में इस्तेमाल किया जाता है। इस पौधे को सिंदूर का पौधा या “कमीला” कहते हैं। इसके फल से पाउडर और लिक्विड फॉर्म में सिंदूर जैसा लाल डाई रंग बनता है। साउथ अमेरिका में बड़े स्तर पर सिंदूर की खेती की जाती है। इन दिनों किसानों ने सिंदूर के पौधे में काफी रूचि दिखाई है। कई लोगों द्वारा सिंदूर के पौधे के अनुकूल जलवायु बनाकर खेती करने का प्रयास किया जा रहा है।

सिंदूर के पौधे से बनाए जाते हैं ये प्रोडक्ट

सिंदूर के पौधे से सूखा सिंदूर, लिपस्टिक, हेयर डाई, नेल पॉलिश और लिक्विड सिंदूर बनाया जाता है। सिंदूर का पौधा प्राकृतिक है। इससे बने प्रोडक्ट इस्तेमाल करने से कोई भी नुकसान नहीं होता है। बाजार में बिकने वाले सिंदूर में मरकरी, सल्फेट होता है जो हमारी त्वचा और बालों को नुकसान पहुंचाता है।

इन जगहों पर की जाती है सिंदूर की खेती

सिंदूर का पौधा साउथ अमेरिका और कुछ एशियाई देशों में उगाया जाता है।  वहीं भारत में यह पौधा महाराष्ट्र और हिमाचल प्रदेश के कुछ इलाकों में ही उगाया जाता है। हालांकि शौकिया तौर पर बहुत से नेचर लवर्स अपने गार्डन में इस पौधे को उगा रहे हैं। लेकिन इसके लिए निश्चित जलवायु की जरूरत होती है। बता देें कि 1 पौधे में से एक बार में एक या डेढ़ किलो तक सिंदूर का फल निकला जाता है। इसकी कीमत ₹400 प्रति किलो से ज्यादा होती है। अगर पौधे की जरूरत के हिसाब से सभी पोष्टिकता दी जाए तो इसका पेड़ 20 से 25 फीट तक ऊंचा हो सकता है।

कैसे बनता है प्राकृतिक सिंदूर

प्राकृतिक सिंदूर के लिए पौधों में लगने वाले फल जब सूख जाते हैं तो उसके अंदर मौजूद बीजों को निकाल लिया जाता है। कमीला के बीज निकालने के बाद उन्हें अच्छी तरह से सुखा दिया जाता है। फिर उनका पाउडर बना दिया जाता है।  इन बीजों से बनाया गया पाउडर ही असली और प्राकृतिक सिंदूर होता है। हालांकि बाजारों में मिलने वाले सिंदूर में मर्करी और कैमिकल मिलाए जाते हैं जो नुकसानदायक हैं।

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