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लेखकों के बारे में विचार किया जाए तो दिमाग में उम्रदराज, अनुभवी और स्वभाव में गंभीर महिला या पुरुष की छवि उभर कर आती है। वहीं दूसरी ओर नोएडा निवासी मात्र 11 साल की बच्ची अद्विका शशि ने अपने लेखन के हुनर से सभी को हैरान कर दिया है। वह जागरण पब्लिक स्कूल की 7वीं कक्षा की छात्रा है। 

अद्विका ने अपने जीवन के छोटे से अनुभवों को आधार बनाकर “द स्कैरी नाइट” किताब को लिखा है। इस किताब के माध्यम से वह बखूबी साबित करती है कि लेखन सिर्फ अध्ययन, अनुभव और भाषा का ज्ञान ही नहीं बल्कि कल्पना, भावों और विचारों को आसान शब्दों में सहेजना भी है। जिसके लिए उम्रदराज, अनुभवी या गंभीर हाेने की जरूरत नहीं। किताब को बड़ी संख्या में लोगों द्वारा पसंद किया जा रहा है। 

महज 7 दिन में लिखी किताब

खास बात है कि अद्विका ने महज सात दिन में इस किताब को लिख दिया। इसमें 31 पन्ने हैं। अद्विका ने बताया कि उन्हें खुद नहीं पता था कि वह एक किताब लिख सकती हैं। लेकिन स्कूल में एक प्रोजक्ट के दौरान किताब लिखने संबंधी बातें सुनी। जिसके बाद उन्होंने किताब लिखने का विचार किया। जिसके सात दिन के भीतर ही कहानी को एक रूप देकर उसे पन्नों में उतारा। अद्विका ने किताब को लिखने के साथ ही उसे खुद ही डिजाइन भी किया है।

अद्विका बचपन से ही काफी मेधावी छात्रा रही हैं। पांचवीं कक्षा में सेक्शन-6 में टॉपर थीं। अद्विका की पढ़ाई-लिखाई में उनकी मां सोनम चंद्रा का काफी अहम योगदान है। मूल रूप से पटना की रहने वाली अद्विका के पिता पत्रकार हैं और मां शिक्षिका हैं। नन्हीं लेखिका की कला और प्रतिभा लोगों को हैरान करती है उतना ही हैरान उन्होंने अपने माता-पिता को किया है। इतनी छोटी उम्र में बेटी द्वारा किताब का लिखना परिजनों के लिए गर्व का विषय है।

सपनों की अनौखी दुनिया में ले जाती है कहानी

अद्विका की लिखी किताब “द स्कैरी नाइट” एक राजकुमारी की कहानी है, जो बड़ी होकर राज्य संभालती है। एक ऐसी राजकुमारी जो अपने एक बुरे सपने को ही अपनी प्रेरणा मान लेती है। नन्हीं लेखिका का कहना है उन्हें भी काफी सपने आते हैं। वह उन्हें हमेशा याद रखती हैं। इस कहानी में भी सपनों को प्रेरणात्मक अंदाज में पेश किया गया है। यह कहानी काफी रोचक और भावविभोर करने वाली है।  अद्विका का कहना है कि इस कहानी के माध्यम से वह यह संदेश देना चाहती हैं कि सपने भी प्रेरणा बनते हैं और इनसे हम आगे सीख भी सकते हैं। इसके साथ ही उनका कहना है कि यह कहानी बेटियों को आजादी देने की मांग करती है। जिसमें एक राजकुमारी अपनी इच्छाओं को पूरा करने के लिए सपनों को सहारा बनाती है। 

लोगों द्वारा पसंद की जा रही है किताब

यह किताब अमेजन पर अपलब्ध है। लोगों द्वारा इसे काफी पसंद किया जा रहा है। किताब पढ़कर लोग सोशल साइट्स पर इसके संबंध में काफी अच्छे कमेंट्स भी कर रहे हैं। लोगों को कहानी के साथ इसे प्रस्तुत करने का अंदाज काफी पसंद आ रहा है। बता दें कि अद्विका बड़े होकर लेखिका के साथ सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनना चाहती है। वह चाहती है कि सभी बच्चे खेल कूद के साथ किसी एक कला पर खास ध्यान दें। जिसमें लेखन, नृत्य, गायन कुछ भी हो सकता है। बचपन सिर्फ नादानियों या खेलकूद की यादों का समय नहीं बल्कि प्रतिभाओं, अनुभवों और अध्ययनों का गौरवशाली समय बन सकता है।

नन्हीं लेखिका अद्विका शशि, उम्र 11 साल

7वीं कक्षा, जागरण पब्लिक स्कूल, नोएडा

 

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