Fruit dropping: ज्यादा फल लाने के लिए करें बोरोन उर्वरक का उपयोग
पौधों पर अच्छी फ्लावरिंग व फ्रूटिंग न होना बड़ी समस्या है। जिसकी वजह से लोगों का गार्डनिंग करने का मनोबल टूट जाता है। इसी वजह से बहुत से लोग फ्रूट्स प्लांट्स या किचिन गार्डनिंग करना छोड़ देते हैं। पौधों पर अच्छी फ्रूटिंग नहीं होने के कई कारण हो सकते हैं। जिनकी वजह से पौधों में अच्छी फ्लावरिंग और फ्रूटिंग नहीं होती है। हालांकि इसका सबसे बड़ा कारण है कि पौधों में पोषक तत्वों की कमी होना। जिसमें कि सूक्ष्म पोषक तत्व भी इसके जिम्मेदार होते हैं। जिसमें बोराेन महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
पौधों में फलों की पैदावार बढ़ाता है बोरोन
- बोरॉन फूल व फलों को झड़ने से रोकता है।
- बोरोन फलों की वद्धि करता है।
- फलों को फटने से बचाता है।
- बोरॉन पौधों में जल शोषण की प्रक्रिया को नियंत्रित करता है।
- पराग की क्रियाशीलता एवं परागण को बढ़ाता है।
- कैल्शियम एवं पोटैशियम के अनुपात को नियंत्रित करने में सहायता प्रदान करता है।
- फलों में विटामिन-सी की सांद्रता को बढ़ाता है।
- फलों के आकार व गुणवत्ता बढ़ाता है।
- बोरोन रोगों और कीटों के प्रतिरोध को बढ़ाता है, जिससे पौधे स्वस्थ रहते हैं और अधिक फल पैदा करते हैं।
कैसे करें बोरोन की कमी पूरी
बाजार में बोरोन पोषक तत्व के फर्टिलाइजर उपलब्ध हैं। यह बोरोन 20 के नाम से मिलता है। इसे पौधों पर छिड़काव किया जाता है । यह फलों के पेड़ सेब, नाशपाती, संतरा, आम, जामुन व अन्य पौधों पर इस्तेमाल किया जा सकता है। यह टमाटर, मिर्च, बैंगन, भिंडी, टिंडा आदि सब्जियों पर भी डाला जा सकता है। ज्यादा फूल लेने के लिए गुलाब, गेंदा, सूरजमुखी, आदि पर डाला जा सकता है।
कब और कैसे करें बोरोन का इस्तेमाल
पौधों पर जैसे ही फूल आना शुरू हो जाए तो इसका इस्तेमाल करना चाहिए। इससे फूल गिरने से रुकता है। फूल का फल भी अच्छा बनता है। बोरोन उर्वरक का उपयोग मिट्टी में मिलाकर या पत्तियों पर छिड़काव करके किया जा सकता है। बोराेन उर्वरक के लेवल पर इसके इस्तेमाल के दिशानिर्देश दिए जाते हैं। छिड़काव के लिए उपयोग करते है तो 0.5 ग्राम से 1 ग्राम तक प्रति लीटर पानी में मिलाना है। इसके बाद पौधों पर छिड़काव के लिए उपयोग करना है। बीच-बीच में मिश्रण को हिलाते रहें। सुबह या शाम को पत्तियों पर इसका स्प्रे करें।
ध्यान रखने योग्य बातें
- लेबल पर दिए गए निर्देशों का पालन करें।
- अधिक मात्रा में उर्वरक का उपयोग न करें।
- छिड़काव करते समय आँखों और त्वचा से संपर्क से बचें।