किसी भी नर्सरी में चार से पांच हजार तक पौधे होते हैं। लेकिन अगर हम कहें कि दिल्ली जैसी तंग सिटी की छत पर ही 8 हजार से ज्यादा पौधे हैं तो क्या आप यकीन कर पाएंगे। लेकिन आपको यकीन करना होगा। क्योंकि दिल्ली के वनीत जैन ने ऐसा कर दिखाया है। वे रोहिणी के फ्लैट के एक फ्लोर पर रहते हैं लेकिन उनका गार्डन चार लेवल पर तैयार किया गया है। जहां एक लेवल पर 8 हजार पौधे हैं तो दो लेवल पर 30 से ज्यादा फ्रूट प्लांट व एक लेवल पर किचिन गार्डन है। यह भी दिल्ली का सबसे ऊंचा किचिन गार्डन है। इस लेख में हम आपको इस गार्डन की खूबियां बताएंगे व गार्डनिंग संबंधी टिप्स देंगे।
8 हजार पौधों का राज
एक छत पर 8 हजार पौधों को होना सभी को आश्चर्यचकित करता है। लेकिन वनीत जैन का कहना है कि अगर जगह की कमी नहीं होती ताे यह संख्या कुछ ही दिनों में लाखों भी पहुंच जाती। उनका कहना है कि उन्हें किसी भी शहर या देश में कोई भी वैरायटी का पौधा मिला है तो वह उसे अपने गार्डन में जगह देते हैं। इसके साथ ही उनके घर में डेकोरेटिव पीस के तौर पर भी इनडोर प्लांट्स को ही लगाया जाता है। इससे उनका गार्डन ही नहीं बल्कि उनका घर भी हरा भरा नजर आता है। जहां विदेशों से बिल्कुल दुर्लभ प्रजाति के पौधे (rare species of plants) लगाए गए हैं। यहां ऐसे पौधे भी हैं जिन्हें एक साल तक पानी लगाने की जरूरत नहीं पड़ती है। यहां ऐसे पौधे हैं जिनसे आर्युवेद में चिकनपॉक्स का भी इलाज किया जाता है। जहां छत पर लाेग 100 पौधे लगाने से भी डरते हैं वहां 8 हजार पौधे होने आश्चर्यचकित करने वाली बात है।
इस तरह किया गया है डिजाइन
इस गार्डन का डिजाइन सबसे अधिक आकर्षक है। जिसकी वजह से बहुत ही आसानी से इसमें इतने पौधे लगाए गए हैं। दरअसल इस गार्डन में पौधों के कई गुट नजर आते हैं। जिनके बीच में एक बड़ा प्लांट भी नजर आता है। जिसे वनीत द्वारा पेरेंट प्लांट कहा जाता है। यह बड़े पौधों की श्रेणी में आता है। जिसके नीचे छोटे प्लांट्स काे लगाया जाता है। वनीत का कहना है कि यह पेरेंट प्लांट छोटे पौधों को सींचने में मदद करता है। गर्मी में छांव देता है। इस गार्डन में अधिकतर हैंगिग लगाए गए हैं। जो अधिकतर पेरेंट प्लांट पर टंगे होते हैं। ये सभी एक ही आकार व रंग के होने की वजह से इस गार्डन में चार चांद लगा देते हैं।
30 से ज्यादा वैरायटी के फ्रूट प्लांट्स
इस गार्डन में सिर्फ फूलों वाले ही नहीं बल्कि फलों वाले पौधे भी देखने को मिलते हैं। खास बात है कि इसमें 30 से ज्यादा वैरायटी के फ्रूट प्लांट्स लगे हुए हैं जो किसी के जमीन पर बने बगीचे में भी नहीं मिलते। लेकिन इस छत पर ये देखने को मिलते हैं। इस गार्डन में ड्रेगन फ्रूट, स्टोबेरी, ऐवोकाडाे, एप्पलबेर, माल्टा, संतरा, अमरूद, पपीता, फालसा जैसे तमाम प्लांट्स लगे हुए हैं। सभी फ्रूट प्लांट्स अलग से दो लेबल पर लगाए गए हैं।
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दिल्ली का सबसे ऊंचा किचिन टेरेस गार्डन
वनीत जी के पास जहां फल और फूलों के पौधे हैं वहीं उनका किचिन गार्डन भी खास है। आज के प्रदूषण और मंहगाई से भरे दौर में पौष्टिक और सस्ती सब्जी मिलना सपने जैसा लगता है। लेकिन इस गार्डन से वे सस्ती भी और पोष्टिक सब्जियां ले रहे हैं। यह दिल्ली का सबसे ऊंचा किचिन टेरेस गार्डन हैं। यह दसवीं मंजिल पर बना हुआ है। यहां पर मौसम की सभी सब्जियां लगी हुई हैं। फिलहाल गोभी, टमाटर, धनिया, पालक, चुकंदर, शलगम, मैथी, बैंगन, निंबू, पोदीना, पिपरमिंट आदि लगा हुआ है। यहां किसी भी कैमिकल या पेस्टिसाइड का प्रयोग नहीं किया जाता है।
वनीत जी की अनौखी आदतें
सिर्फ यह गार्डन ही नहीं बल्कि वनीत जी भी खास है। हम आपको कई गार्डनर से मिलाते रहते हैं। लेकिन वनीत जी आदतें बेहद अलग हैं। इस गार्डन में एक घंटी को लगाया गया है। यह बिल्कुल मंदिर में लगे घंटे की तरह है। जैसे ही वनीज जी गार्डन में पहुंचते हैं तो वे इस घंटी को बजाते हैं ताकि पौधे समझ जाएं कि उनके केयर टेकर यानि वनीत गार्डन में आ चुके हैं। इसके साथ ही वे अपने रुमाल से ही सभी पौधों की गंदी पत्तियों को साफ करते हैं। वे प्रत्येक पौधे से बात भी करते हैं।
लोगों को देते हैं पौधे
वनीत जैन के पास पौधों की अनगिनत संख्या है। ऐसे में अब उनके पास इन्हें रखने की जगह नहीं बची है। ऐसे में उन्होंने इन पौधों को लोगों को देने की सोची है। इससे पहले भी वे लोगों को पौधे देते आए हैं। लोग पौधा फ्री में ले तो जाते हैं, लेकिन उनकी केयर नहीं करते हें। ऐसे में वे अब कम दामों पर लोगों को पौधे उपलब्ध करा रहे हें। यह जगह Maatee and More DDA MARKET, SECTOR 9, ROHINI,( NEAR GURUDWARA.) स्थित है। अधिक जानकारी के लिए आप उन्हें इस पेज https://www.instagram.com/maateeandmore?igsh=NmJieDBtcno0Zmx5 व इस नंबर 9810968833 पर संपर्क करें।
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गार्डनिंग टिप्स
- पौधों को प्यार दें। अपने बच्चे की तरह समझें।
- पौधों से बातें करें। उनके दुख दर्द को समझें।
- समय-समय पर पानी व खाद की जरूरतें पूरी करें।
- पौधों के बीच में आपके होने का अहसास जरूर कराएं।
- अधिक से अधिक पौधे लगाएं।
- सामान्य पौधों से गार्डनिंग की शुरूआत करें।
- एक दूसरे को पौधा ही गिफ्ट करें।