Aparajita-अपराजिता जिसे शंखपुष्पी, गोकर्णी ,नीलकंठी कहा जाता है। सच में तितली जैसे लटकने वाले इन फूलों की खूबसूरती देखते ही बनती हैं। हर तरह से ये पौधा अनुठा है। इसके नाम में ही झलकता है कि इससे कोई जीत नहीं सकता है।
औषधीय रुप में कहे, तो हर बीमारी की जड़ पकड़ता है। धार्मिक रुप से कहे तो भगवान का प्रिय है। वास्तु के हिसाब से सुख समृद्धि का प्रतीक है। सुंदरता में ये पौधा बेजोड़ है।
आज के लेख में अपराजिता प्लांट (aparajita plant) की अनोखी खासियत के बारे में जानेंगे। इस प्लांट को लोग ज्यादा लगाना पसंद करते हैं। चलिए जानते हैं अपराजिता प्लांट (aparajita plant)के अनुठे और अनोखे गुण।
आयुर्वेद में अपराजिता का महत्व (medicinal properties of aparajita)
- पाचन तंत्र को अपराजिता मजबूत बनाती है।
- इससे कब्ज, अपच, पेट दर्द ठीक होता है।
- स्किन के लिए अपराजिता बहुत लाभकारी है।
- इससे दाग-मुंहासे और अन्य परेशानी ठीक होती है।
- बालों का झड़ना, रूसी की समस्या को ठीक करती है।
- अपराजिता बुखार में कारगर औषधी है।
- कई प्रकार के दर्द में ये राहत देती है।
अपराजिता का धार्मिक महत्व (Religious significance of Aparajita)
हर फूल वाले पौधे का धार्मिक महत्व है। मां पार्वती से अपराजिता (aparajita plant) को जोड़ा गया है। देवी पार्वती को ये शुभ फूल चढ़ाया जाता है। सकारात्मक ऊर्जा का संचार ये पौधा करता है। वास्तु में इसे सुख समृद्धि का प्रतीक माना गया है।
अपराजिता के अन्य गुण (Other qualities of Aparajita)
- सुंदर और सजावटी पौधा ये है।
- मिट्टी की गुणवत्ता इससे सुधरती है।
- आसानी से ग्रो होने वाला पौधा है।
- हवा को शुद्ध करने के लिए जाना जाता है।
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चाय बनाने के लिए अपराजिता का प्रयोग (Aparajita Tea)
ग्रीन टी की तरह ब्लू टी बहुत क्रेज में है। विदेशों में इसकी बहुत मांग है। बहुत से लोग इसकी खेती कर विदेशों में सप्लाई करते हैं। इसके सूखे फूलों की चाय बनती है। ब्लु टी सेहत के लिए लाभकारी मानी जाती है। अन्य चाय के मुकाबले ये थोड़ी महंगी होती है।
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अपराजिता के नाम
अपराजिता- इसका अर्थ है ‘अजेय’ या ‘अविजयी’।
नीलकंठ- नीले रंग के फूल इसपर आते हैं इसलिए नीलकंठ भी कहा जाता है।
नीलकंठी- नीलकंठ का स्त्रीलिंग रूप।
शंखपुष्पी- फूलों की शंख जैसी शेप होती है इसलिए शंखपुष्पी भी कहा जाता है।
विष्णुक्रांता-आयुर्वेद में इसे विष्णुक्रांता भी कहा जाता है।
गोकर्णी- कुछ क्षेत्रों में इसे गोकर्णी भी कहा जाता है।
क्लिटोरिया टर्नटिया- इसका वैज्ञानिक नाम है।
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