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पूजन से शारीरिक कष्ट व बाधाओं से मिलेगी मुक्ति- पं. अमरचंद

गुरुग्राम: श्री माता शीतला देवी मंदिर श्राइन बोर्ड के पूर्व सदस्य एवं आचार्य पुरोहित संघ गुरुग्राम के अध्यक्ष पंडित अमर चंद भारद्वाज ने कहा कि चैत्र नवरात्र के तीसरे दिन शुक्रवार को मां दुर्गा के तीसरे रूप मां चंद्रघंटा की आराधना होगी। पं अमरचंद ने कहा कि माना जाता है कि माता रानी का चंद्रघंटा स्वरूप भक्तों पर कृपा करती है और निर्भय और सौम्य बनाता है।

मां चंद्रघंटा को दूध से बनी चीजों का भोग लगाया जाता है, मां को केसर की खीर और दूध से बनी मिठाई का भोग लगाना चाहिए। पंचामृत, चीनी व मिश्री भी मां को अर्पित करनी चाहिए।

इस मंत्र का करें जाप

माता चंद्रघंटा की आराधना के लिए इस मंत्र का जाप किया जाता है। इस मंत्र के उच्चारण से मां का पूजन करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

पिण्डजप्रवरारूढा चण्डकोपास्त्रकैर्युता।
प्रसादं तनुते मह्यं चंद्रघण्टेति विश्रुता। 

समस्त बाधाएं ऐसे होंगी दूर

पं अमरचंद ने कहा कि साफ और पवित्र मन से मां चंद्रघंटा के स्‍वरूप को ध्‍यान में रखकर पूजा और अराधना करनी चाहिए। मान्‍यता है कि जो मनुष्‍य सच्‍चे मन से और संपूर्ण विधिविधान से मां की पूजा करते हैं, उन्‍हें आसानी से अपने जीवन में परम पद की प्राप्ति होती है। यह भी माना जाता है कि पं अमरचंद ने कहा कि पूर्ण आस्था व विश्वास के साथ पवित्र मन से माता का पूजन अर्चन करने से समस्त बाधाएं अवश्य ही दूर होती हैं। वहीं यश और वैभव प्राप्त होता है।

पं. अमरचंद भारद्वाज

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मां चंद्रघण्टा की आरती 

जय मां चंद्रघंटा सुख धाम, पूर्ण कीजो मेरे सभी काम

चंद्र समान तुम शीतल दाती, चंद्र तेज किरणों में समाती

क्रोध को शांत करने वाली, मीठे बोल सिखाने वाली

मन की मालक मन भाती हो, चंद्र घंटा तुम वरदाती हो

सुंदर भाव को लाने वाली, हर संकट मे बचाने वाली

हर नवरात्रि जो तुझे ध्याये, श्रद्धा सहित जो विनय सुनाएं

मूर्ति चंद्र आकार बनाएं, सन्मुख घी की ज्योति जलाएं

शीश झुका कहे मन की बाता, पूर्ण आस करो जगदाता

कांचीपुर स्थान तुम्हारा, करनाटिका में मान तुम्हारा

नाम तेरा रटूं महारानी, भक्त की रक्षा करो भवानी

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