लोगों में गार्डनिंग का शौक बढ़ता जा रहा है। इसी दौरान लोगों ने छत पर फूलों के साथ ही फल और सब्जियां लगाना शुरू कर दिया है। लेकिन बहुत सारे लोगों का यह मानना है की छत पर उगे गए फल व सब्जियों का साइज बहुत ज्यादा छोटा होता है।
वहीं विशेषज्ञों का मानना है कि फलों का साइज छत पर उगाने की वजह से नहीं, बल्कि हमारे द्वारा दिए जा रहे पौष्टिक तत्वों में कमी की वजह से हो रहा है। अगर हम चाहे तो पौधों की जरूरत को पूरा करके एक गमले में ही हम बड़े-बड़े फल प्राप्त कर सकते हैं।
इस लेख में हम आपको कुछ ऐसे ही टिप्स देंगे जिसकी मदद से आप अपनी छत पर या बालकनी में लगे हुए फल व सब्जियों का साइज बड़ा कर सकेंगे।
पौधों में डालें बोरोन
बोरोन एक सूक्ष्म पोषक तत्व है। जो पौधों के लिए बहुत ज्यादा जरूरी है। यह मुख्य तौर पर फलों को रोकने और फलों को आकार बढ़ाने का काम करता है। मिट्टी में इस पोषक तत्व की लगातार कमी होती जा रही है। इसीलिए हमें अलग से बोरोन का इस्तेमाल मिट्टी में करना चाहिए। ताकि पौधों के फलों का आकार बड़ा हो सके।
कैसे काम करता है बोरोन
- बोरोन पॉलिनेशन की प्रक्रिया को बेहतर बनाता है
- पौधों में कैल्शियम को अवशोषित करने में मदद करता है
- पौधों की कोशिकाओं के विभाजन को बढ़ाता है, जिससे फल का आकार बढ़ जाता है
- बोरोन फलों को मीठे और रसीले बनता है
- पौधों की पोषक तत्वों को अवशोषण की क्षमता को सुधरता है
- जड़ों के विकास को बढ़ावा देता है
कैसे पता करें मिट्टी में है बोरोन की कमी
- फल बनने से पहले फूलों का गिरना
- फलों का साइज छोटा रहना
- फलों में दरारें आना
- पौधे का आकार छोटा रहना
- पौधे पर फूलों का ना आना
- कलियाें का टूटना
कैसे करें पौधों में बोरोन की पूर्ति
बोरोन मिट्टी में पाया जाने वाला एक सूक्ष्म पोषक तत्व है। लेकिन मिट्टी में लगातार इसकी कमी होती जा रही है। जिसके लिए बाजारों में कई तरह की खाद उपलब्ध हैं जिसमें बोरोन शामिल है। बोरोन लिक्विड और सुखे रूप, दोनों में बाजार में पाया जाता है। आप बोरोन से एक पतला घोल बनाकर पौधों में दे सकते हैं। जिसके बाद पौधों का साइज बढ़ने लगता है। लेकिन याद रहे कि बोरोन देने की प्रक्रिया को लगातार रखें। इसके बाद पौधे अचानक से फलने फूलने लगेंगे।
एक पौधे में डालें एक ग्राम बोरोन
- पौधों में बोराेन की अधिक मात्रा न डालें।
- एक पौधे के लिए एक ग्राम बोरोन काफी होता है।
- एक लीटर पानी में एक ग्राम बोरोन डालें।
- अच्छे से मिलाएं
- पौधे की गुड़ाई करें
- अब पौधों में इस पानी को डाल दें
- एक महीने में इस प्रक्रिया को फिर दोहराएं
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