ओह कितना बुरा होता है ना जब जोरों से आई हो और टॉयलेट में कोई पहले से घुसा हो। हाय राम प्राण मानों छुटने को होते हैं। ऐसा तो बहुत लोगों के साथ होता है। बहुत क्या सबके साथ ही होता है। ज्वाइंट परिवार में तो ये सबसे बड़ा लफड़ा है। बड़ा ऊटपंटाग है ना ये सब। पर हकीकत है। सबके साथ होता है ये नेचुरल है। आज हम ऐसे कई मजेदार किस्से लेकर आए हैं जिनको सुनकर आपके हंसी छुटने वाली है।
सुबह-सुबह प्रभू की नहीं टॉयलेट में घुसे व्यक्ति से करनी पड़ती है विनती
आमतौर पर सुबह-सुबह लोग प्रभू भक्ति में लीन होते हैं। हर तरफ शांतिपूर्ण माहौल होता है। भक्ति रस में दादी पूरी तरह से डूबी हुई होती हैं। मम्मी रसोई में अपना कार्यभार संभाल रही होती हैं। पापा चाय की चुस्कियों के साथ देश विदेश की खबरें पढ़ रहे होते हैं। वहीं दूसरी तरफ भाई-बहनों में जंग छिड़ी हुई होती है। टॉयलेट पहले यूज कौन करेगा इस मुद्दे को लेकर। दोनों एक दूसरे से विनती कर रहे होते हैं भाई आज-आज मुझे जाने दे प्लीज, समझ तु पंगा हो जाएगा यार, प्लीज मैं तेरे आगे हाथ जोड़ता हूं या जोड़ती हूं। इतनी शिद्दत से भगवान को दादी नहीं मना पाती ये टॉयलेट यूज करने के लिए एक दूसरे को मनाते हैं।
कसमें देने तक की आ जाती है नौबत
कई बार तो इस जंग में माहौल बड़ा कसमों वादा वाला हो जाता है। बहन अपने भाई को गर्लफ्रेंड की कसम दे देती है। देख ले भाई मर्जी है तेरी तुझे तेरी फलानी ढिमकानी की कसम लगेगी। अब प्यार के लिए ये कुर्बानी भाई को देनी पड़ती है। “सिर्फ दो मिनट के लिए जा आ प्लीज जल्दी आना” रोते भाई के ये लफ्ज होते हैं।
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हर रोज होती है ये लड़ाई
मम्मी के कई बार समझाने पर कि एक पहले उठ जाया करो, ये लड़ाई रोज होती है। अब समय पर जो आना है वो तो आएगा। आदत भी तो कोई चीज होती है भई। मम्मी के समझाने पर क्या होता है। घर में ये करुण रस हमेशा देखने को मिलता है सुबह-सुबह जब दोनों एक दूसरे से विनती कर रहे होते हैं। जब कोई फोन लेकर अंदर घुसा हुआ होता है तो समस्या बड़ी गंभीर बन जाती है।
कुछ भी कर गुजरने को होते हैं तैयार
ये सुबह वाला समय इतना नाजूक होता है कि मनुष्य कुछ भी कर गुजरने को तैयार हो जाता है। कुछ पल की कश्मकश के लिए अपनी सबसे प्यारी चीज भी देने को तैयार हो जाता है। हालत इतनी खराब हो जाती है कि व्यक्ति के हाथ पांव सब जुड़वा देती है। इस सिचुएशन का कुछ लोग जबरदस्त फायदा उठाते हैं। बाहर खड़े लोग इतने लाचार होते हैं कि ये इनके मुंह से बार-बार ये ही निकलता है बस तु बाहर आजा है यार तुझे जो चाहिए ले लियो। बहस करने का ये समय उचित नहीं है।
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बहुत बार होना पड़ता है शर्मिंदा
इस हरकत की वजह से बहुत से लोगों को कई बार शर्मिंदा होना पड़ता है। कई बार घर पर मेहमान आए हुए होते हैं, तब टॉयलेट का दरवाजा धीरे से खटखटाना, दबी आवाज में विनती करना बहुत ही शर्मनाक होता है। मेहमान हमें चोर नजरों से भी देखते हैं। बहुत बार किसी के घर चले जाते हैं और सिचुएशन कंट्रोल नहीं करने वाली होती है, तब तो राम ही बचाएं। इसलिए इस समस्या से छुटकारा पाने का एक ही तरीका है या तो आप पहले उठके बाजी मारिए या फिर यूं ही शर्मिंदगी झेलते रहिए।
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Hahaha….. Isiliye mere ghar me rooms se jyada toilets bane hain 😂