हम लोगों के दिन की शुरूआत चाय के साथ होती है। फिर वह चाहे दूध वाली चाय हो या ब्लैक टी या ग्रीन टी। लेकिन क्या आपके पौधे भी चाय पीते हें। अगर नहीं पीते हैं तो जरूर पिलाएं क्योंकि इससे उन्हें मिलेगा तत्काल पोषण। लेकिन पौधों को अपनी वाली चाय गलती से भी न पिलाएं। पौधों को पसंद है वर्मीकम्पोस्ट टी। यह पौधों को तत्काल पोषित करती है।
बता दें कि ठोस केंचुआ खाद के माध्यम से यह बनाई जाती है। केंचुआ खाद से तैयार लिक्विड खाद को ही वर्मीकम्पोस्ट टी (Vermicompost Tea) कहा जाता है। इन दिनों लोग अपने पौधों को यह चाय जरूर पिलाते हैं। इस टी से सब्जी, फल, फूल वाले सभी पौधों को तुरंत पोषक तत्व मिलते हैं। इससे मिट्टी में जरूरी सूक्ष्मजीवों की संख्या बढ़ती है। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि वर्मीकम्पोस्ट टी कैसे बनती है, पौधाें को कब और कितनी मात्रा में मिलानी चाहिए, पौधों को वर्मी कम्पोस्ट टी पिलाते समय क्या सावधानी बरतनी चाहिए।
वर्मीकम्पोस्ट टी के फायदे
- वर्मीकम्पोस्ट टी पौधों की मिट्टी में सूक्ष्मजीवों की संख्या बढ़ाता है। कवक, बैक्टीरिया, प्रोटोजोआ आदि छोटे-छोटे जीव, मिट्टी में मौजूद कार्बनिक पदार्थों को अपघटित करते हैं व उपजाऊ बनाते हैं।
- वर्मी कम्पोस्ट टी पौधों की इम्युनिटी को बूस्ट करने का काम करते हैं।
- इससे पौधों पर कीटों का अटैक नहीं होता है।
- यह अन्य खाद के मुकाबले अत्यधिक घुलनशील है। ऐसे में पौधों के लिए इसे अवशोषित करना आसान हो जाता है।
- इसे पौधों को लगाना आसान है। इसका पौधों पर स्प्रे कर सकते हैं।
घर पर वर्मीकम्पोस्ट टी बनाने का तरीका
- वर्मी कम्पोस्ट टी तैयार करने के लिए एक बाल्टी (कंटेनर) में पानी भरें। पानी अपनी आवश्यकतानुसार भरें। पानी के कंटेनर को थोड़ा खाली रहने दें।
- पानी भरी हुई बाल्टी को एक दिन के लिए इसी तरह छोड़ दें। इससे 24 घंटे में पानी में मौजूद क्लोरिन (chlorine) उड़ जाती है। इससे जरूरी सूक्ष्मजीवों के फैलने में आसानी होती है।
- अगले दिन बाल्टी में एक कप गुड़ डाल दें। इससे खाद के मिश्रण में सूक्ष्मजीवों की सक्रियता बढ़ जाएगी। इसे पानी में घोल दें।
- अब बाल्टी में वर्मीकम्पोस्ट खाद (worm casting manure) को डालें। खाद को पहले एक कपड़े में बांध लें। इस इस खाद की पोटली को बाल्टी में डाल दें। खाद को बिना कपड़े में भरे सीधे भी बाल्टी में डाला जा सकता है। लेकिन इसके बाद इस लिक्विड को छानना होगा।
- इसके बाद इस घोल को 24 घंटे के लिए घुलने के लिए छोड़ दें।
- लकड़ी की मदद से पानी को हिला दें।
- अब यह भूरे रंग की वर्मीकम्पोस्ट टी तैयार है।
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उपयोग करने का तरीका
इस वर्मीकम्पोस्ट टी को उपयोग करने का सबसे आसान तरीका है कि आप इसे पौधों पर स्प्रे करें या पौधों की जड़ों के आसपास मिट्टी में डाल दें। इसे दो या तीन दिन के अंदर पूरा प्रयोग कर लेना चाहिए। अन्यथा रोगाणु मर जाएंगे। ज्यादा दिन के लिए स्टोर करके नहीं रखना चाहिए। इसे अधिक मात्रा में पौधों में नहीं लगाना चाहिए। 15 दिनों के अंतराल पर इसका इस्तेमाल किया जा सकता है।
NOTE: यदि आप भी अपने पौधों में वर्मीकम्पोस्ट टी का प्रयोग करते हैं तो हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं कि यह आपके पौधों के लिए कितने फायदेमंद साबित हुई है।
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