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Weightless potting mix: बागवानी के शौक को पूरा करने के लिए लोगों ने अपनी छत को ही अपना खेत बना लिया है। अब छतों पर सिर्फ फूलों वाले पौधे ही नहीं बल्कि सब्जियां और फलों की बागवानी की जा रही है। लोगों की टेरेस गार्डनिंग ने कृषि विशेषेज्ञों को भी हैरान कर दिया है। लेकिन टेरेस गार्डनिंग करने से पहले हमें बेहद सूझ-बूझ के साथ काम करना चाहिए। टेरेस के लिए जरूरी है कि हम हल्की, हेल्दी और सस्ती(Weightless potting mix) मिट्‌टी तैयार करें। 

हल्की, हेल्दी और सस्ती मिट्‌टी से मतलब उस प्रयास से है कि छत पर ज्यादा भार न बढ़े, पौधों की जरूरत को पूरा किया जा सके और ज्यादा महंगी भी न पड़े। आज इस लेख में हम आपको इसी तरीके की मिट्‌टी तैयार करने का तरीका बताएंगे।

एक हाथ से उठ जाना चाहिए गमला

गार्डनिंग एक्सपर्ट इला शर्मा बागवानी में जाना पहचाना नाम है। सैकड़ों लोगों को गार्डनिंग सिखा चुकी हैं। उनका मानना है कि गमला इतना हल्का होना चाहिए कि कोई भी आसानी से खिसका सके। यहां तक कि एक ही हाथ से उठा ले। लेकिन पोष्टिकता के मामले में भारी होना चाहिए। गमले में सभी पोषकतत्व भरपूर हों। हमें गमले की मिट्‌टी इतनी हेल्दी बना देनी चाहिए कि बार-बार मिट्‌टी बदलने की जरूरत ही ना पड़े। इस तरह का गमला आसानी से तैयार किया जा सकता है। 

10 इंच के गमले के लिए मिट्‌टी तैयार करने के लिए सामग्री(Materials for preparing soil)

  • एक हिस्सा गार्डन की मिट्‌टी (garden soil)
  • एक हिस्सा पत्ती खाद
  • एक हिस्सा गोबर की खाद 
  • 10 इंच के गमले में एक चम्मच नीम खली
  • 10 इंच के गमले के लिए एक चम्मच बोन मील

note: अगर गोबर खाद नहीं है तो किचिन कम्पोस्ट या वर्मीकम्पोस्ट का प्रयोग करें। 

15 दिन पहले ही तैयार कर लें मिट्‌टी(Prepare soil 15 days in advance)

ऊपर बताई गई सामग्री को अच्छे से मिला लें। पौधा लगाने से तकरीबन 15 दिन पहले ही मिट्‌टी तैयार कर लें। इस मिट्‌टी को छाया में रखें। इसे ढक कर रख दें। इससे मिट्‌टी में सूक्ष्मजीवों की क्रिया होगी। सभी पोष्टिकता अच्छे से मिक्स हो सकेगी। अब इसके बाद आप मिट्‌टी को गमलों में भर सकते हैं। सबसे पहले गमले के छेद पर ठीकरी रखें। ताकि जलनिकासी होती रहे। अब इसमें तैयार की हुई मिट्‌टी भरें। चाहें तो सबसे नीचे 2 से 4 इंच तक सूखे पत्तों की लेयर बनाएं। 

नहीं पड़ेगी माली और गुड़ाई की जरूरत

इला बताती है कि जमीन के नीचे सूक्ष्म जीवों की बड़ी दुनिया होती है। जंगलों में कभी भी गुड़ाई(Weeding) नहीं की जाती हैं उसके बावजूद पौधे बहुत अच्छे से बढ़ते हैं। वहां बरसात का पानी नहीं रुकता है। इसका अर्थ है कि जब हम बार-बार खुदाई या गुड़ाई करते हैं तो मिट्‌टी के अंदर मौजूद जरूरी बैक्टीरिया, केंचुए, सूक्ष्म जीव तक बाधित हो जाते हैं। मिट्टी की गुड़ाई करने से मिट्‌टी के अंदर का जीवन बाधित हो जाता है, जिससे मिट्टी को स्वस्थ बनाने वाली प्राकृतिक प्रक्रियाएं बाधित हो जाती हैं।

खरपतवार हटाने के लिए क्या करें(What to do to remove weeds)

  • खरपतवार को हटाने के लिए मल्चिंग करें।
  • मल्चिंग के लिए ऑर्गेनिक चीजों का प्रयोग करें।
  • मल्चिंग के लिए पत्तियों की खाद, राइस हस्क, पत्तों का प्रयोग करें।
  • मिट्‌टी को हेल्दी बनाएं।

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वीडियो में देखे पूरा तरीका

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