शहर में नौकरी करने के साथ आप गांव में खाली पड़ी जमीन का प्रयोग कर कमाई करना चाहते हो ताे सागौन की खेती बेहतरीन विकल्प हो सकती है। जो कुछ ही सालों में आपको बिना मेहनत ही करोड़पति बना देगी। दरअसल, देश में सागवान की लकड़ी की बहुत ज्यादा मांग बढ़ी है। लकड़ी की मजबूती को देखते हुए इससे ही फर्नीचर के अधिकतर आइटम बनाए जा रहे हैं। फिलहाल भारत में सागवान की कुल खपत की तुलना में केवल 5 फीसदी लकड़ी ही उपलब्ध हो पा रही है। करीब 180 करोड़ क्यूबिक फीट सागवान की जरूरत है। वहीं सिर्फ 9 करोड़ क्यूबिक फीट सागवान की लकड़ी ही उपलब्ध हो पा रही है।
इस तरह होगी करोड़ो की कमाई
सागवान का पेड़ 12 साल में तैयार हो जाता है। एक बड़े पेड़ की कीमत 25 से 30 हजार रुपये तक है। इस तरह किसान पौध लगाने के दस से बारह साल बाद इन पेड़ों को काटकर करोड़ों रुपये कमा सकता है। सागवान का पौधा एक बार काटने के बाद दोबारा भी अपने आप उग जाता है। सागवान के पौधे की उम्र 200 साल की होती है। इसके पेड़ की लंबाई 70 से 100 फीट होती है। ऐसे में अगर किसी किसान के पास 1 एकड़ खेत है तो वो उसमें करीब 500 सागवान के पौधे लगा सकता है।
सागौन की खेती की एक महीने पहले ही करें तैयारी
सबसे पहले खेतों की अच्छे से जुताई करें। खेत में 10 फ़ीट की दूरी रखते हुए गड्ड्डे खोद लें। गड्डो को पौध रोपाई के एक माह पहले तैयार किया जाता है। ध्यान रहे कि पौधों की रोपाई के लिए लाये गए पौधे लगभग दो वर्ष पुराने होने चाहिए, क्योकि दो वर्ष पुराना पौधा अच्छे से वृद्धि करता है। सागवान दोमट मिट्टी में आसानी से उग जाता है। सागवान के पौधे सामान्य तापमान में अच्छी बढ़ोतरी करते हैं। आमतौर पर ये 15 से 40 डिग्री तापमान में अच्छे होते हैं। सागवान के पौधे को 8 से 10 फीट की दूरी पर लगाया जा सकता है।
पानी, पैसा और मेहनत होगी कम खर्च
सागौन की खेती में बहुत ही कम मेहनत करनी पड़ती है। यदि आपके पास लंबे समय से कोई प्लॉट खाली है तो भी आप वहां सागौन के पेड़ लगा सकते हैं। कम पानी, कम खर्च और कम मेहनत में सागवान बहुत ज्यादा कमाई देता है। इसमें एक बार लगाई पौध दो दशक तक चलती है और कमाई करती रहती है। इसके लिए आपको बार बार खेत पर जाने की जरूरत नहीं पड़ती। कोई पशु भी इसे नुकसान नहीं पहुंचाता है। तापमान में बदलाव का ज्यादा प्रभाव भी इस खेती पर नहीं पड़ता है।
फर्नीचर के साथ सागौन की लकड़ी का यहां होता है प्रयोग
सागौन की लकड़ी का प्रयोग फर्नीचर तथा दरवाजे बनाने के लिए किया जाता है। कई स्थानों पर इसके पत्रों का प्रयोग भोजन के लिये पात्र रूप में किया जाता है। यह 24-30 मी ऊँचा वृक्ष होता है। इसके पत्र सरल, बड़े 30-60 सेमी लम्बे एवं 15-30 सेमी चौड़े होते हैं। इससे प्लाइवुड तैयार किया जाता है। सागौन का इस्तेमाल दवा बनाने में भी किया जाता है। लंबे समय तक टिकने की क्षमता होने के कारण इसकी मांग हमेशा बाजार में बनी रहती है।