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बागवानी का शौक हर किसी को होता है। लेकिन जगह की कमी की वजह से यह शौक कभी पूरा नहीं हो पाता। लेकिन इनडाेर प्लांट इस इस शौक को पूरा करने का जरिया बन रहे हैं। क्योंकि इसके लिए आपको किसी बड़े गार्डन या जगह की जरूरत नहीं होती है। आप अपने घर के किसी कमरे, रसोई, बाल्कनी, ऑफिस टेबल, डाइनिंग टेबल, ड्रॉइंग रूम में किसी भी कोने में आसानी से रख सकते हैं। यह ना केवल प्लांटिंग के शौक को पूरा करता है, बल्कि इससे घर में ऑक्सीजन लेवल बेहतर होता है। हवा का शुद्धीकरण(air purification) होता है। साथ ही  इंडोर प्लांट्स घर की सजावट का भी एक मुख्य हिस्सा बनते हैं। 

इनडोर प्लांट्स को हम अपने घर में सजा तो लेते हैं, केयर भी पूरी करते हैं, लेकिन इसके बाद भी हमारे प्लांट्स लंबे समय तक सर्वाइव नहीं कर पाते हैं।  पौधे जल्द ही मर जाते हैं या उनकी ग्रोथ नहीं हो पाती है। लेकिन इसके पीछे कोई बड़ी वजह नहीं है बल्कि हमारे द्वारा की जा रही गलतियां ही हैं। जिसकी वजह से पौधे मर जाते हैं। आज इस लेख में हम जानेंगे इनडोर प्लांट्स के मरने की वजह(common indoor planting mistakes) व देखभाल करने का तरीका(care tips)। 

इनडोर प्लांट्स को गलत जगह पर रखना

ज्यादातर इनडारे प्लांट्स के मरने की वजह गलत जगह पर रखना है। तकरीबन हर व्यक्ति यह गलती करता है। लोगों को लगता है कि इनडोर प्लांट्स है तो उसे घर में कहीं भी रखा जा सकता है। लेकिन ऐसा नहीं है। प्रत्येक पौधे की अपनी अलग-अलग जरूरतें होती हैं। सबसे पहले यह जानना चाहिए कि हमारे पौधे को आंशिक धूप, सीधी धूप या पूरी तरह छाया चाहिए। इसी के अनुसार पौधे को सही जगह पर रखना चाहिए। पौधे को खरीदते समय ही गार्डनिंग एक्सपर्ट से यह पूछ लेना चाहिए कि इस पौधे को कैसे प्रकाश में रखना है। 

सही गमले का चुनाव न करना

इनडोर प्लांट्स को इंटीरियर डेकोर के तौर पर भी इस्तेमाल किया जाता है। ऐसे में हमारी कोशिश रहती है कि गमले बहुत सुंदर दिखे। सुंदर गमले के चयन के चलते हम गलत गमला चुन लेते हैं। जानकारी के लिए बता दें कि इनडोर प्लांट्स की जड़ों को अच्छी मात्रा में ऑक्सीजन मिलना जरूरी है। इनडोर प्लांट के लिए चीनी मिट्टी के गमले नहीं चुनने चाहिए। इसकी जगह पर टेराकोटा और बिना शीशे वाले गमले इनडोर पौधों के लिए अच्छे विकल्प होते हैं। क्योंकि वे छिद्रपूर्ण होते हैं और जड़ों को सांस लेने की अनुमति देते हैं। ऐसे बर्तन चुनें जिनमें नीचे जल निकासी के बहुत सारे छेद हों। ये अतिरिक्त पानी को बाहर निकलने देंगे और बहुत अधिक नमी से पौधों की जड़ों को खराब होने से रोकेंगे।

अधिक या कम मात्रा में पानी देना( overwatering or less watering)

गार्डनिंग में वाटरिंग का अहम रोल होता है। वहीं इनडोर प्लांट के बीच में यह प्रक्रिया और भी अधिक अहम है। अधिकतर लोगों को लगता है कि अधिक पानी देने से उनका पौधा तेजी से ग्रो करेगा और मरेगा नहीं। जबकि यही सबसे बड़ी गलती होती है। वहीं इनडोर प्लांट्स में ओवरवाटरिंग नहीं करनी चाहिए। सिर्फ नमी बनाकर रखनी चाहिए। इनडाेर प्लांट्स में सप्ताह में केवल एक बार पौधों को पानी देना पर्याप्त है। वहीं कुछ लोग अपने कमरे में पौधे लगा तो लेते हैं लेकिन उन्हें पानी देना ही भूल जाते हैं। ऐसे में उन्हें पौधे के अंदर नमी को चैक करते रहना चाहिए।

प्रकाश की व्यवस्था

पौधों में  प्रकाश संश्लेषण (photosynthesis) की प्रक्रिया अहम है। इस प्रक्रिया के द्वारा ही पौधे भोजन तैयार करते हैं। पौधों को पूर्ण या आंशिक तौर पर सूर्य के प्रकाश की आवश्यकता होती है। हालांकि इनडोर पौधों को सीधी धूप (direct sunlight) में न रखें। लेकिन इसे अच्छी रोशनी वाले कमरे में रखा जा सकता है। कुछ पौधे फ्लोरोसेंट लैंप में भी बेहतर ग्रोथ करते हैं। इसके साथ ही पौधों को सप्ताह भर के भीतर एक बार धूप में रखा जा सकता है।

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पत्तियों को साफ न करना

इनडोर प्लांट्स की पत्तियों को साफ करना भी अहम है। पत्तियों पर धूल जमने से पौधे बेकार दिखते हैं । साथ ही पाैधों की ग्रोथ पर भी असर पड़ता है। साथ ही पत्तियां साफ करते रहने से पत्तियों पर पेस्ट अटैक से भी बचा जा सकता है।

पौधों की जगह बदलते रहना

इनडोर प्लांट्स के दौरान हम ज्यादातर ये गलती करते हैं। बता दें कि पौधे समय के साथ अपने आप को परिवेश के अनुसार ढालते हें। ऐसे में अगर हम बार-बार उनकी जगह को बदल देते हैं तो पौधों पर इसका प्रभाव पड़ता है। वातावरण बदलने पर पौधों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। धीरे-धीरे कर ही जगह को बदलें। पहले कुछ देर के लिए रखें। फिर परमानेंट जगह को बदल दें। 

देखभाल करने का तरीका

  • पौधों को निश्चित जगह पर रखें।
  • बार-बार जगह न बदलें।
  • ओवरवाटरिंग से बचें।
  • पौधों में नमी बनाकर रखें। 
  • पौधों की प्रूनिंग करते रहें। 
  • जलनिकासी वाली मिट्‌टी का चयन करें।
  • जलनिकासी व छिद्र वाला ही गमला चुनें।
  • सप्ताह में एक बार धूप जरूर दिखाएं।
  • आंशिक धूप में रखें। 
  • कमरे में नमी बनाकर रखें।
  • पत्तियों को साफ करते रहें। 

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