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बच्चों की परवरिश का असर उनकी पर्सनैलिटी पर पड़ता है। हर माता-पिता अपने बच्चों को अच्छी और बेहतर परवरिश देना चाहते हैं, लेकिन छोटी सी चूक बच्चों को जिद्दी बना सकती है। जिद्दी बच्चे को कैसे हैंडल करें? ये सवाल किसी एक का नहीं बल्कि कई माता-पिता का होता है। वे जानना चाहते हैं कि अपने जिद्दी बच्चों को कैसे सुधारें।

यदि कम उम्र में बच्चों के जिद्दी बर्ताव पर काबू न पाया जाए तो बच्चे बहुत चिड़चिड़े हो जाते हैं इसलिए जरूरी है कि बच्चे की जिद की आदत को समय रहते सुधार दिया जाए।

अभिभावक इन बातों का रखें ध्यान

  • तुलना करने से बचें- कई बार माता-पिता अपने बच्चों की तुलना उनके दोस्तों या फिर रिश्तेदारों के बच्चों से करने लग जाते हैं अगर आप भी ऐसा करते हैं तो इस आदत को छोड़ दें। भले ही आप तुलना अच्छे के लिए कर रहे हों, लेकिन इसका असर उनके ऊपर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। अगर आप अपने बच्चे को बेहतर इंसान बनाना चाहते हैं तो उन्हें प्यार से समझाने की कोशिश करें।
  • बहुत सख्त न बनें – कुछ माता-पिता अपने बच्चों को अनुशासित रखते हैं ताकि उनकी आदतों में सुधार किया जा सके। कभी-कभी आपका सख्त बनना बच्चों के व्यवहार पर नकारात्मक असर डाल सकता है। इसलिए कोशिश करें कि बच्चों को छोटी-छोटी गलतियों पर सख्त सजा न दें।अगर आप उन्हें बहुत कड़ी सजा देते हैं तो आपका बच्चा मानसिक तनाव का शिकार हो सकता है।
  • बहस न करें- जिद्दी बच्चों की इच्छाशक्ति बहुत मजबूत होती है। उनकी बात न माने जाने पर वह बहस करने लगते हैं। अभिभावक अगर उनकी जिद और बहस का जवाब उसी तरह से देंगे तो बच्चा ज्यादा जिद करेगा। इसलिए जिद्दी बच्चे के सामने खुद जिद न करें, बल्कि उनकी बात धैर्य से सुनें।
  • बच्चों को विकल्प दें- सबसे जरुरी बात बच्चों को आर्डर मत दो। उन्हें सुझाव और विकल्प दें। जैसे बच्चे को जबरदस्ती सुलाने के बजाय उससे पूछे कि सोते समय वो कौन सी स्टोरीज या किताब पड़ना पसंद करेगा। अगर ऐसे फिर भी बच्चा आपकी बात नहीं मानता है तो आप अपना धैर्य बनाए रखे। अपनी बात को कई बार कहें लेकिन बिना आपा खोए।
  • उनके साथ वक्त बिताएं-  जिद्दी बच्चे बहुत ज्यादा संवेदनशील होते हैं उनके साथ किया गया व्यवहार उनके दिल और दिमाग पर गहरा असर डालता है। इसलिए अपनी आवाज, बॉडी लैंग्वेज, अपने शब्दों को लेकर खास सावधानी बरतें। अगर आप अपने बच्चे से कुछ करवाना चाहती हैं तो उसे कुछ मजेदार तरीके से करवाएं। उनके साथ वक्त बिताओ ताकि उनकी परेशानी को समझा जा सके। आपका साथ उन्हें आपके करीब लाने में मदद करता है।
  • सौदेबाजी भी है जरूरी- कई बार अपने बच्चों के साथ निगोशिएट करना भी जरूरी होता है। जब बच्चों को अपनी मर्जी की चीज नहीं मिलती है तो वे जिद दिखाने लगते हैं। इसका मतलब यह नहीं है कि आप उनकी हर मांग को मान लें। आप सूझबूझ और बात करके इसका हल निकालें।
  • नियम बनाएं- भले ही आप बच्चे से कितना ही लाड प्यार करते हों, लेकिन उनके बेहतर व्यवहार के लिए कुछ नियम कायदे तय होने चाहिए। आपको कुछ नियम बनाने की जरूरत है। उन्हें समझाएं कि नियम तोड़ने पर उनके लिए ही नुकसान होगा। नियम तय होने पर बच्चा अनुशासन में रहेगा और जिद करना कुछ हद तक कम कर देगा। हालांकि अनुशासन और नियम बहुत अधिक कठोर न बनाएं।

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