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शादीशुदा जिंदगी की नींव भरोसे, और एक दूसरे को समझने पर टिकी होती है। कहते हैं कि कई बार रिश्ते में प्यार भले ही न हो, लेकिन एक दूसरे को समझने से भी रिश्ता चल जाता है। रिश्ते में प्यार हो और एक-दूसरे के लिए अंडरस्टैंडिग ना हो तो रिश्ता बोझ लगने लगता है। ऐसे में शादीशुदा रिश्ता खुबसूरत नहीं रहता है। आज के इस लेख में हम जानते हैं कि पति-पत्नी के रिश्ते के लिए क्या जरूरी है? पति को हर बात में अपनी पत्नी को रोकना टोकना, बंदिशें लगाना कहां तक सही है?

पति अपनी पत्नी को समझता है गुलाम

बहुत से पुरुष हैं जो शादी के बाद स्त्री को अपनी जागिर समझ लेते हैं। उनका मानना होता है कि अब ये उनके हिसाब से खाएगी, पहनेगी, घूमेगी और दूसरों से बात करेंगी। वो स्त्री पर अपना एकाधिकार समझ लेते हैं। उन्हें अपनी पत्नी की भावनाओं से कोई मतलब नहीं होता। ऐसे पुरुष हमेशा ये सोचते हैं कि वो गुलाम ब्याहके लाए हैं अपने साथ। इसे जैसे चाहे अपने इशारों पर नचा लो। हर वक्त अपनी पत्नी को हर काम के लिए रोकना टोकना, छोटी-छोटी बातों पर डांटना ये सब कहां का न्याय है। आपकी पत्नी आपके साथ लाखों सपने संजोकर आई है। वो हंसी खुशी अपनी गृहस्थी आपके साथ बितान चाहती हैं। बस आपको अपनी पत्नी को समझना है। पत्नी को भी मौका दें कि वो आपको अच्छी तरह से समझे।

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ऐसा रिश्ता बन जाता है मजाक

जिस रिश्ते में एक दूसरे का सम्मान ना हो वो रिश्ता किसी काम का नहीं होता। ऐसा रिश्ता लोगों के बीच मजाक बनकर रह जाता है। आपस में समझ बहुत जरूरी है। जब समय बीत जाता है तो मिंया बीवी को समझ आता है कि हम तो गलत लड़ते थे। उस समय कोई फायदा नहीं होता पछतावा करने का। दुनिया में ये बहुत खुबसूरत रिश्ता है दोनों को प्रेम से और समझदारी से रहना चाहिए। जब आपस में पति पत्नी की नहीं बनती तो लोग मजाक बनाने लगते हैं। मजाक कपल का ही नहीं बनता बल्कि उनके परिवार का भी बनता है।

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पति को नहीं लगानी चाहिए ज्यादा बंदिशें

पति को बिना बात के अपनी पत्नी पर ज्याद बंदिशें नहीं लगानी चाहिए। उसे ये समझना चाहिए कि इसके भी कुछ सपने हैं। जब पति हर बात पर रोकता टोकता है। बिना गलती के सबके सामने डांटता है। हर वक्त मानसिक प्रताड़ना देता है, तो बहुत घूटन होती है। कई बार तो महिलाएं किसी को बता भी नहीं सकती। ऐसे में महिला को पहले तो अपने पति से बात करनी चाहिए। उनको आराम से समझाना चाहिए कि ये हम दोनों के भविष्य के लिए अच्छा नहीं है। अगर पति आपकी बातों पर ध्यान नहीं दे रहा है तो आप अपने ससुराल में बड़े बुजुर्गों को इस बारे में बता सकते हैं।

आपस की लड़ाई का बच्चों पर पड़ता है प्रभाव

जब पति-पत्नी की आपस में नहीं बनती है, तो इसका प्रभाव बच्चों पर पड़ता है। बच्चों के मन में रिश्ते को लेकर गलत इमेज बन जाती है। हमेशा घर में तनाव का माहौल रहने से बच्चों की पढ़ाई पर भी असर पड़ता है। बच्चा चिड़चिड़ा हो सकता है। किसी के साथ बात करने से कतराने लगता है। गुमशुम रहने लगता है। उसके दिमाग में हर समय ये चलता रहता है कि मां-पापा क्यों लड़ते हैं? इसलिए आपको अपने बच्चों का बेहतर भविष्य बनाना है तो ये हर रोज की किचकिच बंद करनी होगी।

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महिला की मेंटल हेल्थ पर पड़ता है असर

पति का यूं हर बात पर लड़ना झगड़ना महिला के मानसिक स्वास्थ्य को हानि पहुंचाता है। घर में जब बिना बात के किचकिच रहती है, तो महिला के दिमाग पर अनजाने में ही एक प्रेशर आ जाता है। वो ज्यादा टेंशन लेने लगती है। ऐसे में उसकी सेहत खराब रहने लगती है। कई बार तो ये दिमागी टेंशन गंभीर बीमारियों का कारण भी बन जाती है।

प्यार से निभाइए रिश्ते

अपने रिश्ते को हमेशा प्यार और समझदारी से निभाना चाहिए। अगर आप एक बंधन में उम्र भर के लिए बंध कर रहना चाहते हैं। एक दूसरे को छोड़ना नहीं चाह रहे हैं तो आपको इसे अच्छे से निभाना होगा। आपको अपने आप को ये समझाना होगा कि कोई भी इंसान परफेक्ट नहीं होता है। हर किसी में खामी होती है। अगर आपकी पत्नी से कोई गलती हुई है तो उसको माफ कर देना सही है। उसपर हर रोज बिना बात के दबाव रखना सही नहीं है। पत्नी को भी अपने पति को थोड़ा समझना होगा। काम से थके हारे आने पर उनके सामने पूरे दिन की रामायण का बखान न करें। पति के गुस्सा होने पर थोड़ी देर के लिए शांत रहे। गुस्सा शांत होने पर आप दोनों आपस में अपनी गलतफहमी दूर करें।

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