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Adenium plant-अडेनियम का पौधा काफी सुंदर लगता है। इसको गार्डन में लगाते हैं, तो ये आकर्षक लुक देता है। इसकी फूली हुई जड़े इसको अलग बनाती हैं। आप चाहते हैं कि आपके अडेनियम से ढ़ेरो फूल आएं और नई-नई टहनियां फूटें तो आपको कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद जरुरी है। आज का ये लेख अडेनियम प्लांट के बारे में हैं। चलिए जानते हैं हमें अडेनियम की किस प्रकार केयर करनी है और इसमें कौन सी खाद, कैसे और कब डालनी है।

अडेनियम से ज्यादा फूल लेने का तरीका (How to get more flowers from adenium)

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हर कोई चाहता है कि उसके गार्डन में लगे पौधों से ज्यादा फ्लावरिंग हो। अडेनियम काफी सुंदर पौधा है, जब छोटा सा अडेनियम फूलों से लद जाता है, तो ये मन मोह लेता है। आप सोच रहे हैं कि बाहर से फर्टिलाइजर खरीदकर इसमें डाल देंगे तो इसमें जान आ जाएगी और सालों साल चलेगा, तो ये गलत है। इसको मुलभूत केयर की जरुरत होती है। आपके किचिन में इसके लिए बहुत अच्छा भोजन होता है। चलिए जानते हैं  कैसे अडेनियम की केयर हमें करनी है। 

  1. अडेनियम के लिए अच्छी जलनिकासी वाली मिट्टी जरुरी है। मिट्टी ऐसी हो जिसमें से पानी नीचे आ जाए। 
  2. गर्मियों के सीजन का ये पौधा है। इसको आठ घंटे की धूप जरुरी है। 
  3. पौधे को छाया में रखने से न फ्लवारिंग होगी और न ही ग्रोथ होगी। 
  4.  ओवरवाटरिंग से आपको बचना है। मिट्टी जब दो इंच तक सुख जाए, तब पानी डालें।
  5. आप इसमें तीन दिन के अंतराल में पानी डाल सकते हैं। 
  6. अडेनियम को डायरेक्ट बारिश में आपको नहीं रखना है। 
  7. फरवरी में आप इसकी रिपोटिंग और हार्ड प्रूनिंग कर सकते हैं। 
  8. बारिश के मौसम में इसका गमला ऊपर तक मिट्टी का भर दें, ताकि पानी न रुके। 
  9. मिलीबग्स का अटैक होने पर आप नीम ऑयल का छिड़काव करें।
  10. महीने में एक बार आपको फर्टिलाइजर इसमें डालनी है। 

अडेनियम के लिए फर्टिलाइजर (Fertilizer for adenium)

किसी भी पौधे को ग्रोथ करने के लिए संपूर्ण पोषण की जरुरत होती है। अडेनियम महीने में एक बार फर्टिलाइजर की मांग करता है। आप इसमें बोनमील डाल सकते हैं। इसमें कैल्शियम और फॉस्फोरस होता है। आपके पास बोनमील नहीं है, तो आप अंडे के छिलकों को सुखाकर महीन पीस लें। दो चम्मच अंडे के छिलके का पाउडर अडेनियम की गुड़ाई कर डाल दें। इसमें कैल्शियम और फॉस्फोरस होता है। 

इसी के साथ आप वर्मीकंपोस्ट, गोबर की खाद, पत्तों की खाद अडेनिमय में डालें। अंडे के छिलके में फॉस्फोरस, कैल्शियम हो गया है और वर्मीकंपोस्ट से पौधे को नाइट्रोजन मिल गया है। अब फ्लावरिंग के लिए अहम पोषक तत्व पोटेशियम है। पोटेशियम आपके पौधों को केले के छिलकों से मिलेगा। केले के छिलकों को धोकर छोटे टुकड़ों में काटें और सूखा दें। उसके बाद इनको महीन पीस लें।

एक लीटर पानी में दो चम्मच केले के छिलके का पाउडर मिलाकर दो घंटे के लिए रख दें। उसके बाद आपको थोड़े पानी में फंगीसाइड डालनी है और फिर आधे पानी में बनाना पील फर्टिलाइजर मिलाकर पौधे में देनी है। ये फ्लावरिंग के लिए बहुत जरुरी है। फंगीसाइड डालने पर जड़ों में फगंस नहीं लगेगी। आपके पास कुछ भी नहीं है, तो सिर्फ बनाना पील फर्टिलाइजर इसमें आप डाल सकते हैं। इससे आपका पौधा फूलों से लद जाएगा और खूब चलेगा। 

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