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जीवन की अंतिम स्टेज जिसे शानदार समय के तौर पर गिना जाना चाहिए। वहीं लोगों ने इसे बोझिल और शारीरिक कष्टों से भरपूर माना है। लोगों को हर समय डर रहता है कि उन्हें स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं घेर लेंगी। यानि थकान और बीमारियों से भरी स्टेज। जबकि कई मनोवैज्ञानिकों का मानना है कि बुढ़ापा जीवन का शानदार समय है। हालांकि यह जीवन के प्रति बनाए जाने वाले नजरिए पर भी निर्भर करता है।

रिपोर्ट्स के अनुसार दुखी, निगेटिव विचार वाले बुजुर्गों को खुश रहने वाले उत्साहित बुजुर्गाें के मुकाबले डायबिटीज, हृदय रोग, कैंसर और स्ट्रोक जैसी बीमारियां जल्दी पकड़ती हैं। इसके साथ ही वे जल्दी युवाओं के विचारों से घबरा जाते हैं। लोगों के साथ रहने में असहज महसूस करते हैं। ऐसे में लाइफ की इस स्टेज के लिए सीनियर सिटिजन्स को सबसे पहले पॉजिटिव थिंकर और खुश रहने की जरूरत है। हंसमुख वरिष्ठ नागरिकों को उठने, कपड़े पहनने या अन्य किसी भी काम में कम कठिनाई होती है।

फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हार्ट इंस्टीट्यूट, दिल्ली की सीनियर क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट डॉ. भावना बर्मी  ने बताए ऐसे यूनिक टिप्स जो जीवन के अंतिम चरण को बना देंगे Fantastic…

3H यानि  Happiness, Health, and Honor पर करें काम

डाॅ. भावना ने बताया कि उम्र से संबंधित परिवर्तन जीवन के कई पहलुओं को प्रभावित करते हैं। जिनमें शारीरिक, मानसिक, सामाजिक, भावनात्मक और यौन शामिल है। आप इनमें से कुछ परिवर्तनों को अनुकूल और अन्य को नकारात्मक के रूप में देख सकते हैं।  Age बढ़ने की सकारात्मक विशेषताओं को अधिकतम करने के साथ अपने स्वास्थ्य की रक्षा के लिए सक्रिय उपायों को संतुलित करना मुश्किल हो सकता है । यदि हम अपने समुदाय के बुजुर्ग सदस्यों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए तत्पर हैं, तो हमें 3H को फोलो करने की जरूरत है यानि Happiness, Health, and Honor (खुशी, स्वास्थ्य और सम्मान)। बुजुर्गाें को निर्धारित दवाओं से बहुत कुछ ज्यादा की आवश्यकता होती है।  इसमें ऐसे तरीके जो खुश, स्वस्थ और मज़ेदार जीवन शैली में रहने में मदद करेंगे। जिसमें शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक साथ जरूरी है। 

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व्यायाम या योग

हमें बुजुर्गों के बीच हमेशा शारीरिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करना चाहिए। जबकि यह सच है कि उनका शरीर ज़ोरदार व्यायाम करने, तेज चलने या यहां तक ​​कि ताली बजाने जैसे सरल व्यायाम करने की अनुमति नहीं देगा। संगीत की ताल पर आपके हाथ चिंता, ब्ल प्रेशर और निराशा को कम करने और आराम करने में मदद कर सकते हैं। उनपर जोर न देकर  बागवानी, एक पालतू जानवर टहलना आदि में उनकी मदद लें। उन्हें घर की जरूरी गतिविधियों में शामिल करें। उन्हें दोस्त या परिवार के किसी सदस्य के साथ वर्कआउट जाने के लिए प्रेरित करें। 

परिवार वालों के साथ मिलकर हेल्दी खाना

डॉ. भावना ने बताया कि शारीरिक गतिविधि और स्वस्थ आहार खाना दोनों ही अच्छे स्वास्थ्य में योगदान करते हैं। भोजन करना इन तमाम शारीरिक परिवर्तनों के बावजूद आनंददायक हो सकता है। कंपनी के लिए और अकेलापन महसूस करने से बचने के लिए दोस्तों या रिश्तेदारों के साथ खाना खाएं। इसके अतिरिक्त, यह सुनिश्चित करने का प्रयास करें कि भोजन स्वादिष्ट है।  इंद्रियों को उत्तेजित करने के लिए आकर्षक रूप से प्रस्तुत किया गया है।  बुजुर्गों को कभी भी अपने कमरे में अकेले भोजन करने की अनुमति नहीं देनी चाहिए। परिवारों के संपर्क में रहने और एक ठोस संबंध बनाने का सबसे पुराना तरीका एक साथ भोजन करना है। साथ खाना खाने से वे अपनी खुशी बनाए रख पाएंगे।

अकेलापन महसूस न होने दें

सीनियर सिटीजन्स के लिए अलगाव और अकेलेपन का अहसास दु: ख और अवसाद के मुख्य कारणों में से एक है। कोई भी अकेले रहना पसंद नहीं करता है। इसलिए यदि हम वृद्ध नागरिकों को संतुष्ट रखना चाहते हैं, तो हम अपने परिवार के सदस्यों के साथ अपने रिश्ते बनाए रखना चाहिए। फैमिली मीटिंग्स, वरिष्ठ नागरिक यात्राएं, यहां तक ​​कि सिर्फ पारिवारिक पिकनिक पर जाना ही उन्हें जोड़कर रख सकता है। 

मानसिक व्यायाम

 हमें किसी बुजुर्ग सदस्य के शारीरिक फिटनेस को बनाए रखने की हड़बड़ी में मानसिक स्वास्थ्य की उपेक्षा नहीं करनी चाहिए। वरिष्ठ लोगों के मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए सबसे लोकप्रिय तकनीकों में से कुछ हैं क्रॉस वर्ड पजल, नियमित पढ़ना और लिखना। इस उम्र में आकर शारीरिक दुबर्लताओं के साथ मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर पड़ता है।  इसलिए इसे बनाए रखने के लिए नियमित रूप से कार्य जारी रखना चाहिए। उन्हें अपडेट रखने के लिए हम उन्हें अखबार भी पढ़ा सकते हैं, यह  मानसिक स्वास्थ्य बनाए रखने में मदद करेगा। 

उनका सम्मान करें

बड़ों के प्रति सम्मान एक शिष्टाचार है। जो सभी के मन में होना चाहिए। बुजुर्ग चाहते हैं सम्मान किया जाए और सम्मान के साथ व्यवहार किया जाए। हम बुजुर्गों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने में सक्षम होंगे यदि हम उनका सम्मान कर सकते हैं।

अध्यात्म से जुड़ें

यह कुछ ऐसा है जो उन्हें संतुष्टि और मन की शांति प्रदान करता है। यह उन्हें सांसारिक चीजों के प्रति उदासीन रखने में मदद करेगा। कुछ आध्यात्मिक पुस्तकों से कुछ कविताओं या छंदों को पढ़कर उनका दैनिक आधार पर ध्यान का अभ्यास कराएं।

 पारिवारिक विरासत, इतिहास और परंपरा पर चर्चा

विरासत, इतिहास और पारिवारिक कहानियों में एक निर्विवाद शक्ति होती है।  इनके बारे में बात करके परिवार के हर सदस्य के साथ परंपराएं, बुजुर्गों का उचित सम्मान जुड़ जाता है। परिवार का इतिहास महत्वपूर्ण हैं क्योंकि इसमें बुजुर्ग के पारिवारिक संबंधों में योगदान लिखे जा चुके हैं।

विनम्र रहें और उनसे सलाह लें

आपके समुदाय में बुजुर्गों की प्रतिष्ठा की रक्षा के लिए हम जो सबसे आसान काम कर सकते हैं, वह है विनम्र और सहानुभूतिपूर्ण बने रहें। बुजुर्ग निर्विवाद रूप से सबसे बुद्धिमान सदस्य हैं। हमें उनकी सलाह पर लगातार ध्यान देना चाहिए। हमें उनके ज्ञान का सम्मान करना चाहिए। 


डॉ.भावना बर्मी
25 से अधिक वर्षों से एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध Clinical Psychologist हैं। उन्होंने क्लिनिकल साइकोलॉजी में पीएचडी के साथ-साथ निमहंस, बैंगलोर से एम.फिल किया है। उन्होंने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS), दिल्ली से अपने करियर की शुरुआत की। वह सलाहकार मनोवैज्ञानिक के रूप में दिल्ली हार्ट एंड लंग इंस्टीट्यूट और धर्मशिला कैंसर अस्पताल से भी जुड़ी रही हैं। वह पिछले 20 से अधिक वर्षों से फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हार्ट इंस्टीट्यूट, दिल्ली में कार्यरत हैं। 

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