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छत पर रंग बिरंगे फूलों से भरे गार्डन तो आपने बहुत देखे होंगे लेकिन आज देखिए एक अनोखा टेरेस गार्डन। जिस पर फूलों की या पत्तियों की नहीं कांटों की भरमार है। यह छत नहीं कैक्टस की दुनिया है। और इस दुनिया को बनाया है डॉक्टर राम गांधी जी ने। पेशे से डॉक्टर और शौक से माली! माली, जिनके लिए फिलहाल उनकी पूरी दुनिया कैक्टस बनी हुई है। इस छत पर सैकड़ो की संख्या में कैक्टस की वैराइटीज हैं। कैक्टस के प्रति उनका अनोखा प्यार और छत पर इन कांटों का विचित्र कलेक्शन हर किसी को अचंभित कर देता है तो चलिए इस लेख में स्वयं डॉक्टर राम गांधी जी जानते हैं इस अनोखी कहानी का राज और प्लांट्स के बारे में….

छत पर हैं 5000 से ज्यादा कैक्टस

डॉ. राम गांधी की छत पर करीब 5हजार से ज्यादा कैक्टस है। 250 गज की छत पर लगे इन छोटे बड़े कैक्टस को गिनना भी मुश्किल काम है। इनमें सैकड़ों तरह के कैक्टस की वैराइटी हैं।  डॉ. गांधी अब तक सभी प्लांट्स की खुद ही केयर करते आए हैं। उनका कहना है कि ये मेरे बच्चों की तरह हैं। इन प्लांट्स ने उन्हें दुनिया में पहचान दिलाई है। उन्हें दुनियाभर में कहीं भी कोई कैक्टस पसंद आता है तो वह उसे तुरंत मंगा लेते हैं। 

ऐसे शुरू हुआ था कांटों से प्यार

डॉ. राम गांधी का कहना है कि फूलों से प्यार करने वाली दुनिया में कांटों से प्यार करना आसान नहीं था। हालांकि इसके पीछे की कहानी करीब 50 साल पहले शुरू हुई जब उनकी बुआ की बेटी किसी कारणवश कुछ प्लांट्स उनके घर छोड़कर गई थी। जिसमें अधिकतर प्लांट्स कैक्टस थे। इस दौरान उन्होंने कैक्टस को बारीकी से देखा था। कैक्टस को बढ़ते देखा, एक अनोखा आकार लेते देखा साथ ही इन पर बेहद खूबसूरत फूल आते देखे। जिसके बाद से उन्हें इन कैक्टस प्लांट से प्यार हुआ। अब तक करीब 5हजार प्लांटस उनके पास हैं। 

कैक्टस पर आते हैं फूल- फल

अमूमन लोगों का मानना है कि कैक्टस कांटों से भरे होते हैं। लेकिन उनकी जानकारी के लिए आपको बता दें कि इन कैक्टस पर बेहद खूबसूरत फूल भी आते हैं। इसके साथ ही इनपर फल भी आते हैं। बहुत से क्षेत्रों में लोग रेगिस्तान में जाकर इन फूलों को देखना पसंद करते हैं। साथ ही इन कैक्टस का प्रयोग औषधी के तौर पर भी किया जाता है। भारत में भी कैक्टस का प्रयोग औषधीय के रूप में किया जाता है। 

विपरीत परिस्थितियों में जीवन का संदेश

डॉ. राम गांधी का कहना है कि ये मेरे लिए जीवन का सबसे अच्छा उदाहरण हैं। बहुत से लोगों का कहना होता है कि घरों में कैक्टस नहीं लगाने चाहिए क्योंकि ये नकारात्कता फैलाते हैं साथ ही deadness(मौत) की निशानी हैं। वहीं डॉ. राम गांधी का कहना है कि जहां दूर-दूर तक पानी नजर नहीं आता। पत्थरों और रेत के सिवाय कुछ न हो वहां भी कैक्टस बच सकते हैं। ऐसे में कैक्टस deadness(मौत) का नहीं जीवन की निशानी है।

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