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मासिक धर्म (पीरियड्स) महिलाओं को प्रकृति द्वारा दिया गया उपहार है। नव जीवन को दुनिया में लाने के लिए प्रकृति ने महिला को चुना और इसीलिए हर महीने महिला को पीरियड्स आते हैं। इन दिनों महिला के शरीर में अनगिनत बदलाव आ जाते है। हार्मोन में बदलाव के साथ-साथ महिला का मूड  भी बदलता रहता है। किसी- किसी महिला को पेट दर्द, कमर दर्द, जांघो में दर्द, शरीर में ऐंठन आदि समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इन्हीं समस्याओं से पीछा छुटवाने के लिए महिलाएं मेन्स्ट्रुअल सप्रेशन का सहारा ले रही है क्योंकि जिंदगी के चालीस साल हर महीने महिला पीरियड्स में बिताती है और दर्द के साथ काम करना चुनौतीपूर्ण है।

 

मेन्स्ट्रुअल सप्रेशन क्या है

दरअसल ये वो तरीका है जिसमें महिलाएं पीरियड्स को या तो बंद करवा लेती है या रक्त स्त्राव कम करवा लेती है। इसमें गोलियों की मदद और डॉक्टर की निगरानी में पीरियड्स रोके जाते हैं। कुछ महिलाओं में पूरी तरह से पीरियड्स नहीं रोकने की बजाएं ब्लड फ्लो कम कर दिया जाता है।

मेन्स्ट्रुअल सप्रेशन किसके लिए है जरूरी

ये हर वो लड़की करवा सकती है जिसे एक बार पीरियड्स आए हुए होते हैं। डॉक्टरी सलाह के अनुसार जिन महिलाओं को हेवी ब्लीडिंग की समस्या है या जो दिव्यांग हैं या जिन्हें पीरियड्स के दौरान अहसनीय पीड़ा होती है वहीं इस ट्रीटमेंट को  आजमाएं तो बेहतर होगा। कई हालातों में आर्मी में तैनात महिलाओं के लिए जो मुश्किल इलाकों में तैनात होती है वो इस मैथड का प्रयोग करती है। पीरियड्स को मुश्किल और झंझट की तरह देखने वाली महिलाएं भी इसका सहारा ले रही हैं।

 

कैसे होता मेन्स्ट्रुअल सप्रेशन

सप्रेशन मैथड के लिए बहुत सारे चलन है जो कुछ समय के लिए पीरियड्स रोक देते हैं या फ्लो कम कर देते हैं। बर्थ कंट्रोल पिल्स से फ्लो कम हो जाता है और चार महीने बाद पीरियड्स आते हैं। डेपो-प्रोवरा का प्रयोग भी महिला कर सकती है, जिसका तीन महीने में शॉट लेना होता है। प्रोजेस्टिन IUD भी एक तरीका है जिसमें पांच साल के लिअए इंट्रायूटेराइन डिवाइस डाल दी जाती है। इन सब तरीकों से धीरे-धीरे ब्लड का फ्लो कम हो जाता है और पीरियड्स बंद भी हो जाते हैं। हालांकि ये सब डॉक्टर्स की निगरानी में ही होता है।

 

 

मां बनने में आ सकती है दिक्कत

प्रकृति की बनाई हुई चीजों के साथ खिलवाड़ करना सही नहीं है। लेकिन महिलाएं आज स्प्रेशन मैथड का प्रयोग करके पीरियड्स रोक रही हैं। कई डॉक्टर्स का मानना है कि ये बंद करने के बाद महिला को मां बनने में कोई दिक्कत नहीं आती है बस महिला सेहतमंद होनी चाहिए, लेकिन कुछ डॉक्टर्स का कहना है कि किशोरियों को इनसे बचना चाहिए क्योंकि कई बार मां बनने में दिक्कत आ सकती है। जो महिला परिवार बना चुकी है वो इसका प्रयोग कर सकती हैं।

 

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