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वानप्रस्थ संस्था ने सीनियर सिटीजन क्लब के प्रांगण में हर्षोल्लास से अंतरराष्ट्रीय योग दिवस एवं पितृ – दिवस मनाया। सदस्यों का स्वागत करते हुए क्लब के महासचिव डा जे.के. डांग ने योग के महत्व का वर्णन करते हुए कहा कि आज 180-देश योग में भाग ले रहे हैं। डॉ. दवीना ठकराल ने मंच का संचालन करते हुए सभी का अभिनंदन कुछ इस तरह किया…
मन हर्षित ह्रदय गर्वित
हुआ है आज ये श्रीमन
पधारे आप प्रांगण में
करो स्वीकार अभिनंदन
पितृ दिवस के संदर्भ में उन्होंने कहा माँ के व्यक्तित्व के आगे पिता का क़द कभी भी बौना नहीं रह सकता….
क्योंकि
माँ जननी है पिता पालक हैं
माँ धरा तो पिता आसमा हैं
माँ मातृत्व का सागर तो पिता किनारा हैं
माँ घर की नींव तो पिता घर की छत हैं
माँ वात्सल्य का झरना तो पिता समंदर हैं।

नित करो व्यायाम, योग और प्राणायाम

योग दिवस के संदर्भ में डॉ दवीना ठकराल ने योग को मन तन और आत्मा का योग बताते हुए घनाक्षरी छंद में भी प्रस्तुत किया…
नित करो व्यायाम, योग और प्राणायाम,
अमूल्य शरीर को, रोगों से बचाइए।
निद्रा तुम तज कर, आलस्य का त्याग कर,
सुबह सवेरे उठकर, लंबी सैर जाइए।

अनुलोम विलोम हो, भ्रामरी अपनाकर,
एकाग्रचित्त होकर, योग अपनाइए।
तन मन शुद्ध कर,सद्भावना भक्ति कर,
सांसे नियंत्रित कर, दूर्भाव हटाइए ।
डॉ मनवीर ने वरिष्ठ नागरिकों के उपयोग में आने वाली सरल योग क्रियाएं एवं सूक्ष्म क्रियाएं प्रदर्शित कर के सदस्यों को प्रतिदिन योग करने के लिए प्रेरित किया। डॉ. मनवीर शीघ्र ही क्लब में दस-दिवसीय योग शिविर आयोजन कर सदस्यों को योग प्रशिक्षण देंगे।
पितृ दिवस पर बोलते हुए दूरदर्शन के पूर्व निदेशक अजीत सिंह ने कहा कि बदलते परिपेक्ष्य में बुजुर्गों को वह सम्मान नहीं रहा जो उन्हें मिलना चाहिए। एकल परिवार होने से यह समस्या और भी गंभीर होती जा रही है। उन्होंने अपने हरियाणवी अन्दाज़ में कहा कि शाम को दफ़्तर से घर आने पर अगर बेटा यही आकर पूछ ले कि बापू रोटी खाई , तो उसी से खुश हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि व्हाट्सअप संदेश तो केवल एक औपचारिकता है। पितृ दिवस पर सदस्यों ने गीतों के द्वारा पिता के महत्व पर ज़ोर दिया।

पिता ही सबसे न्यारा है

एस . पी . चौधरी ने अपनी चिर परिचित मधुर आवाज़ में गीत सुनाया
“ पिता ही सबसे न्यारा है,
पिता ही सबसे प्यारा है,
पिता का बहुत सहारा है,
पिता ही पालनहारा है।”
 वीना अग्रवाल ने अपनी सुरीली आवाज़ में
“ उंगली पकड कर तूने चलना सिखाया था…दिलबरो “ गीत गाया।
कमला सैनी ने
“ मां की महिमा सब सुनाते मैं बतलाऊं क्या है पिता ” गीत गाया।
वहीं डॉ. कमलेश कुकडेजा ने अपने पिता की याद में भावुक हो गई और सधी आवाज़ में
मेरे पिता मेरे भगवान मेरी दुनिया कर वीरान
कहां तुम चले गए, कहां तुम चले गए गीत गाया।
क्लब के वरिष्ठ कलाकार डाॅ. एस. एस. धवन ने अपनी मधुर आवाज में
“ तूं मेरा दिल तूं मेरी जान
ओ आई लव यू डैडी …
गीत गा कर खूब तालियां बटोरी।
डाॅ धवन की दाउती कुमारी युक्ता ने पंजाबी गीत
“ मेरा बापू ज़मींदार , किथों ले के देवे कार … ……,.गीत पर नृत्य प्रस्तुत कर सब का मन जीत लिया ।
डा शशी मदन ने पितृ दिवस पर कविता सुनाई
“ पिता जमीर है, पिता जागीर है, जिसके पास यह है वह सबसे अमीर है। कहने को तो सब ऊपर वाला देता है, पर खुदा का ही एक रूप पिता का शरीर है।”
इस के साथ ही क्लब के वरिष्ठ साथी डॉ. मनवीर का जन्मदिवस मानाया गया और उन्हें एक पौधा भेंट कर उनको सम्मानित किया।
इस अवसर पर डाॅ. सुनीता श्योकन्द एवं सोनिया ने सदस्यों के मनोरंजन के लिए कुछ खेल प्रस्तुत किए जिसका सदस्यों ने भरपूर आनंद लिया ।
समारोह के समापन पर क्लब के प्रधान सुदामा अग्रवाल ने योग की महता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा भारत में योग प्राचीन। समय से प्रचलित है हालांकि अब यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 2014 – से मनाया जा रहा है । उन्होंने ने युवा पीढ़ी को अपने माता पिता को सही मायनों में सम्मान देने के लिए आह्नान किया।
अत्यधिक गर्मी के बावजूद तीन घंटे से अधिक चले इस कार्यक्रम में 60- से अधिक सदस्यों ने भाग लिया।

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