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hair washing- इस दिन बाल नहीं धोने, इस दिन कपड़े नहीं धोने, कद्दू नहीं काटना, नारियल नहीं फोड़ना इन नियमों का पालन आज भी महिलाएं करती हैं। आधुनिक युग में भी लोग पुरानी परंपराओं को रीति रिवाजों को काफी मानते हैं। हमारे देश में ज्यादातर इलाकों में आज भी रूढिवादी सोच है। पढ़े लिखे होने के बाद भी युवा कई ऐसी मान्यताओं को मानते हैं, जिनके पीछे कोई ठोस कारण नहीं है।

इस लेख में आज हम आपको कुछ ऐसी ही मान्यताओं से रुबरु करवाएंगे जो देश के कई हिस्सों में मानी जाती है। चलिए जानते हैं कुछ ऐसी रीति-रिवाजों और मान्यताओं के बारे में जिनका पालन आज भी लोग करते हैं।

प्रचलित मान्यताएं

बाल धोने को लेकर काफी सारी मान्यताएं प्रचलित है। हांलाकि इनके पीछे कोई ठोस या वास्तविक कारण नहीं है। ग्रामीण इलाकों की बात करें या शहर की बात करें देश के कई राज्यों की महिलाएं इन परंपराओं को निभाती हैं। हफ्ते में सात दिन आते हैं, जिनमें से पांच दिनों को महिलाओं को बाल नहीं धोने ऐसे नियम बना दिए गए।

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रविवार को बाल नहीं धोने

बहुत बार रविवार यानि संडे के दिन जब सिर धो लिया जाता है,तो बड़े बुजुर्गों द्वारा टोक दिया जाता है कि आज रविवार को सिर क्यों धो लिया। हालांकि एक भाई की बहन यानि जिसका एक भाई होता है, उसको इस दिन सिर धोने से मना किया जाता है।

माना जाता है कि जिसका एक भाई होता है, उसके लिए आज के दिन बाल धोना शुभ फल नहीं देता। ऐसी बहन भाई के लिए विपत्ति के मार्ग खोल देती है, ऐसा माना जाता है। मान्यता ये भी है कि अगर किसी कारणवश आपको बाल धोने पड़ रहे हैं,तो आप अपने भाई से पूछकर धो सकते हैं। अगर भाई ने मना कर दिया तो नहीं धोने।

बुधवार को नहीं धोने बाल

बुधवार को लेकर भी नियम बना दिए। बुधवार को एक बेटे की मां को सिर नहीं धोना चाहिए। माना जाता है कि जिस स्त्री के एक बेटा है, उसको कभी भी बुधवार के दिन अपने बाल नहीं धोने चाहिए। ऐसा करने पर बेटे की आयु क्षीण होती है।

बेटे की आयु में वृद्धि और सुख समृद्धि के लिए एक बेटे की मां को बुधवार के दिन सिर नहीं धोना चाहिए। अगर आपको बाल धोने है,तो अपने बेटे से पूछकर आप धो सकते हैं। बता दें कि कई इलाकों में इस परंपरा का पालन आज भी महिलाएं करती हैं और बुधवार को सिर नहीं धोती।

वीरवार को नहीं धोने बाल

रविवार और बुधवार को बाल नहीं धोने होते हैं, उसी तरह से वीरवार को किसी भी स्त्री को बाल नहीं धोने चाहिए ऐसा माना जाता है। इस दिन कई महिलाएं साबुन का इस्तेमाल नहीं करती। वीरवार को न तो सिर धोया जाता न ही कपड़े धोए जाते हैं। माना जाता है कि ऐसा करने पर आपको अशुभ फल की प्राप्ति होती है।

शनिवार को नहीं धोने बाल

शनिवार को लेकर भी ये मान्यता है कि इस दिन बाल धोने से शनि भारी होता है। आपको इस दिन सिर धोने से अशुभ फल प्राप्त होता है। इसलिए शनिवार के दिन शनि की करड़ाई से आप बचना चाहते हैं,तो बाल न धोएं।

मंगलवार को नहीं धोने बाल

बहुत से इलाकों में मंगलवार को भी बाल धोने से मना किया जाता है। इस दिन को लेकर एक कहावत भी बनी  कि मंगलवार के दिन तो कोई पशु भी अपना सिर पानी में नहीं डालता। इसलिए इस दिन महिलाओं को भी बाल नहीं धोने चाहिए। मंगल ग्रह से इसको जोड़ा गया है।

इन सब रिवाजों या परंपराओं का पालन आज भी कई महिलाओं द्वारा किया जाता है। ग्रामीण इलाकों में आज भी इन मान्यताओं को माना जाता है और इस दिन महिलाएं सिर भी नहीं धोती। बता दें कि ज्यादातर महिलाएं सोमवार या शुक्रवार को ही सिर धोना पसंद करती हैं। ये दोनों वार महिलाओं को बाल धोने के लिए उपयुक्त बताए गए हैं। हालांकि हम ये नहीं कह सकते हैं कि अन्य वारों में महिलाएं सिर नहीं धोती हैं।

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नोट- ये जानकारी अन्य सूचनाओं पर आधारित है। द यूनिक भारत का उद्देश्य किसी भी प्रकार की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का नहीं है। आपको अन्य किसी विषय पर ज्यादा जानकारी प्राप्त करनी है, तो हमें कमेंट के माध्यम से बता सकते हैं। हमारे साथ जुड़े रहने के लिए धन्यवाद।

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