स्टैंड अप इंडिया योजना एक ऐसी सरकारी योजना है जो महिला उद्यमियों को स्वयं के उद्यम की शुरुआत करने में सहायता प्रदान करती है। इस योजना के अंतर्गत सरकार ने एक वित्तीय सहायता प्रदान की है जिसके द्वारा महिला उद्यमियों को उनके उद्यम की शुरुआत के लिए वित्तीय सहायता प्राप्त करने में मदद मिलती है।
इस योजना के तहत, महिला उद्यमियों को एक ब्याज दर से भी कम पर लोन प्रदान किया जाता है जो उनके उद्यम को वित्तीय रूप से स्थिर करने में मदद करता है। इसके साथ ही, यह योजना महिला उद्यमियों को संचार के लिए आवश्यक संसाधन भी प्रदान करती है।
क्या है स्टैंड अप इंडिया स्कीम
अनुसूचित जाति और महिलाओं को विनिर्माण और सेवा क्षेत्र में ग्रीनफील्ड उद्यम शुरू करने के लिए मदद करने के उद्देश्य से यह योजना शुरू की गई है। इस योजना के जरिए महिलाओं को बिजनेस शुरू करने के लिए उधार मिलने में मदद मिल पाती है। इस योजना के तहत अनुसूचित जाति और महिला उधारकर्ता को 10 लाख रुपए से 1 करोड़ रुपए के बीच बैंक ऋण की सुविधा प्रदान की जाती है।
जानें कौन कर सकता इस योजना में अप्लाई
- 18 वर्ष से अधिक आयु के अनुसूचित जाति के लोग और महिलाएं उद्यमी इस स्कीम के लिए अप्लाई कर सकते हैं।
- योजना के तहत ऋण सिर्फ ग्रीनफील्ड परियोजनाओं के लिए ही दिया जाता है।
- गैर-व्यक्तिगत उद्यमों के मामले में 51% शेयरधारिता और हिस्सेदारी या अनुसूचित जनजाति और महिला उद्यमी के पास होना जरूरी है।
- इस योजना के लिए अप्लाई करना वाला कोई भी उद्यमी किसी बैंक द्वारा डिफाल्टर नहीं घोषित होना चाहिए।
रजिस्ट्रेशन का ये है प्रोसेस
- सबसे पहले रजिस्ट्रेशन करने के लिए आपको गूगल के सर्च बार में “स्टैंड अप इंडिया स्कीम” सर्च करना होगा।
- इसके बाद आपके सामने ऑफिशियल वेबसाइट का लिंक खुल जायेगा।
- इस लिंक के ऊपर क्लिक करें और फिर स्टैंड अप इंडिया स्कीम पर क्लिक करें।
- अब आप अपनी जानकारी देकर रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं।
- रजिस्ट्रेशन के साथ-साथ यहां आपको विस्तार से योजना से जुड़ी जानकारी भी मिल जाएगी।
ये हैं इस योजना की खास बातें
यदि आप एक निवेशक हैं तो स्टैंड अप इंडिया योजना के माध्यम से आपको पूरी पेशेवर सलाह, समय और कानूनों के बारे में जानकारी मिलती है। साथ ही इसका एक और फायदा, वे आपके काम के पहले दो वर्षों के लिए स्टार्ट-अप में आपकी सहायता करेंगे। इस योजना में वे सलाहकारों को पोस्ट-सेट-अप सहायता भी प्रदान करते हैं।
इसके अलावा, उद्यमियों के लिए इस योजना का एक फायदा यह भी है कि उन्हें इस बारे में ज्यादा चिंता करने की ज़रूरत नहीं है कि वे लोन के लिए ली गई राशि को कैसे चुकाएंगे क्योंकि उन्हें सात साल की अवधि में लोन वापस करने की आवश्यकता है। इससे लोगों में लोन चुकाने को लेकर भी स्ट्रेस नहीं होता है।
योजना के जरिए महिलाओं की पहुंच बैंक खातों तक हो पाती है और तकनीकी शिक्षा समाज के इन वर्गों के वित्तीय और सामाजिक समावेश को बढ़ावा मिल पाता है।