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Soil Solarization: क्या आप अपने गार्डन में मई-जून के महीने में भी गार्डनिंग कर रहे हैं। अगर आप ऐसा कर रहे हैं ताे गलत है। यह वो वक्त जब आपको व गार्डन को विश्राम की जरूरत है।  दरअसल मई और जून के महीने में तापमान में तेजी से वृद्धि होती है। यह मिट्‌टी को रीचार्ज करने का सबसे सही वक्त होता है। दरअसल हम बात कर रहे हैं मृदा सूर्यीकरण (Soil Solarization) की।  

मई जून के महीने में अपने मृदा सूर्यीकरण प्रक्रिया के द्वारा किचिन गार्डन या खेतों को विराम दिया जाता है। ताकि जब इनमें दोबारा खेती की जाए तो भरपूर पैदावार हो। हालांकि जानकारी के अभाव में लोग इस जरूरी प्रक्रिया को करना भूल जाते हैं।  पौधों के लिए यह सबसे कष्टकारी समय होता है।  वहीं किसी किसान या बागवान के लिए भी यह समय सबसे चुनौतीपूर्ण समय होता है। Soil Solarization से गार्डनर और बगीचे को राहत मिलेगी।  

आज के इस लेख में हम आपको बताएंगे कि मृदा सूर्यीकरण क्या है, मिट्‌टी को धूप दिखाना क्यों जरूरी है, हमें किस महीने में Soil Solarization करना चाहिए।  पौधों के लिए यह सबसे कष्टकारी समय होता है।  

क्या है मृदा सूर्यीकरण: What is soil solarization

मृदा सूर्यीकरण यानि कि मिट्टी का सौर उपचार। इस प्रक्रिया में मिट्‌टी की कुछ कमियों को दूर किया जाता है। यह एक प्राकृतिक और पर्यावरण अनुकूल तकनीक है। इस प्रक्रिया में कुछ महीनों के लिए गार्डन की मिट्‌टी को गमलों से निकाल कर बाहर एकजगह एकत्रित किया जाता है। खेत में भी जुताई करके खेत को खाली छोड़ दिया जाता है। मिट्‌टी को  प्लास्टिक की चादर से ढक दिया जाता है। इससे मिट्‌टी का तापमान 10 से 15 डिग्री तक बढ़ जाता है। इससे मिट्‌टी में मौजूद कीट व खरपतवार नष्ट हो जाते हैं। मिट्‌टी की पोष्टिकता बढ़ती है। 

                            मृदा सूर्यीकरण के फायदे: Benefits of soil solarization:

  • खरपतवार को नियंत्रित किया जा सकता है: इस प्रक्रिया में मिट्टी का तापमान बढ़ता है। जिससे खरपतवार व उसके बीज नष्ट हो जाते हैं।
  • बीमारी होगी खत्म:  यदि मिट्‌टी में कोई बाीमारी होे गई है। इस प्रक्रिया में उसके जीवाणु नष्ट हो जाते हैं, जिससे फसलों को होने वाली बीमारियों को कम किया जा सकता है। मिट्‌टी दोषमुक्त होती है। 
  • कीट नियंत्रण:  मृदा सूर्यीकरण से मिट्‌टी में मौजूद कीट नष्ट हो जाते हैं। इस प्रक्रिया में निमाटोडों की संख्या कम हो जाती है। 
  • पोषक तत्वों में वृदि्ध :   कई रिसर्च में यह बात साबित हुई है कि इस प्रक्रिया में  कार्बनिक पदार्थ,  कैल्शियम, मैग्निशियम आदि पोष्टिक तत्वों की वृदि्ध होती है। 
  • पैदावार में वृदि्ध:    मिट्‌टी के दोषमुक्त होने पर जब भी खेती की जाती है तो पैदावार में वृद्धि दर्ज होती है। ऐसा ही गार्डनिंग में है।

कब करना चाहिए मृदा सूर्यीकरण When should soil solarization be done

गार्डनिंग विशेषज्ञ दिग्विजय ने बताया कि मई से जून का महीना इस प्रक्रिया के लिए सबसे उत्तम समय है। इस समय तापमान में वृदि्ध होती है। हालांकि अधिक पैदावार के चलते कई बागवान ऐसा नहीं करते हैं। लेकिन मिट्‌टी को रीचार्ज करना उतना ही जरूरी है जितना मोबाइल को चार्ज करना जरूरी है। वसंत की सब्जियां या वसंत की बागवानी के बाद ही गमलों को खाली रखना चाहिए। 

गार्डन में मृदा सूर्यीकरण की प्रक्रिया process of soil solarization

  • सभी गमलों को खाली करें।
  • मिट्‌टी को एक जगह एकत्रित करें। 
  • मिट्‌टी को बड़े पॉलीथीन से ढक दें। 
  • मिट्‌टी के चारो ओर किनारी को अच्छे से दवा दें। ताकि मृदा में अवशोषित ताप बाहर न निकल सकें।
  • एक से दो महीने के लिए मिट्‌टी को इसी तरह रहने दें। 
  • इसके बाद मिट्‌टी के ऊपर से पॉलीथिन हटा दें। 
  • बारिश के दिनों में यह प्रक्रिया संभव नहीं है। 
  • मिट्‌टी में खाद मिलाकर देाबारा पौधारोपण करें। 

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