गार्डनिंग का मतलब सिर्फ सुंदरता ही नहीं, बल्कि इससे मिलने वाले अनगिनत फायदों को मााना जाता है। जिससे प्रकृति से जुड़ाव के साथ ही धार्मिक महत्व, औषधीय गुण और सुख समृदि्ध भी प्राप्त होती है। ऐसे अनेक पौधे होते हैं जिनमें ये सभी गुण होते हैं। जिनमें से एक है शमी का प्लांट। आज हम आपको इस लेख में शमी के पौधे को घर में लगाने के फायदों के बारे में बताएंगे। साथ ही इस बारे में भी जानकारी देंगे कि शमी का पौधा घर में लगाते समय किन बातों को ध्यान में रखने की जरूरत होती है।
शनिदेव से है शमी के पौधे का संबंध
कुछ पौधों का हिन्दू धर्म में काफी महत्त्व है और इनमें से एक है शमी (Shami) का पौधा। शास्त्रों में शमी के पौधे का संबंध शनिदेव से बताया जाता है। ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव को भी ये पौधा काफी प्रिय है। जब भी आप भगवान शिव को जल अर्पित करें तो इस जल में शमी का फूल या इसकी पत्ती डाल दें तो मान्यता है कि शनि के प्रकोप से बचा जा सकता है। इसके साथ ही शमी का पौधा लगाने से को घर में बरकत आती है। हवन के द्रव्यों में शमी की लकड़ी का भी प्रयोग किया जाता है। कभी भी पैसो की कमी नहीं रहती है। वहीं कुछ लोगों का मानना है कि हर दिन शमी की पूजा करने से विवाह संबंधी दिक्कतें भी दूर होती हैं। इस पौधे को लगाने से घर का वास्तु दोष भी दूर होता है।
शमी के पौधे के औषधीय महत्व
धार्मिक महत्व के साथ ही शमी के पौधे के औषधीय महत्व काफी हैं। यह काफी बीमारियों में काम आता है। आर्युवेद में इसका अच्छा प्रयोग किया जाता है।
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मानसिक विकार, सिज़ोफ्रेनिया, श्वसन मार्ग के संक्रमण, दाद, दस्त, प्रदर के इलाज में इसका इस्तेमाल किया जाता है।
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शमी के पेड़ की सूखी छाल को अल्सर के उपचार में इस्तेमाल किया जाता है।
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इसकी पिसी हुई छाल का काढ़ा गले में खराश और दांत दर्द में राहत देता है।
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शमी के पत्तों का इस्तेमाल एंटीसेप्टिक और पेचिश में किया जाता है।
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इसके पत्तों के रस का इस्तेमाल आंत में मौजूद परजीवी कृमियों को मारने हेतु किया जाता है।
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शमी पर आने वाली फली का इस्तेमाल मूत्रजननांगी विकारों के इलाज के लिए किया जाता है।
- शमी के पौधे का इस्तेमाल शरीर के कफ तथा पित्त दोष को संतुलित करने में लाभकारी होता है।
- यह चर्म रोग, बिच्छू के काटने, रक्तस्राव संबंधी विकारों और आंखों तथा चेहरे में जलन के इलाज में भी फायदेमंद है।
- चेहरे के बाल हटाने के लिए भी शमी के पौधे के फलों का पेस्ट इस्तेमाल किया जाता है।
घर में ऐसे लगाएं शमी का पौधा
शमी के पौधे को कटिंग और बीज के ज़रिए। शमी के पौधे को कटिंग एवं बीजों से उगाना सबसे आसान है। आपको बस कुछ आसान बातों का ध्यान रखना है।
कटिंग विधि के ज़रिए उगाना
- पौधे के तनों को 45° के कोण पर काटें। ऐसी संभावना है कि सभी कटिंग नहीं बढ़ेंगी, इसलिए आपको कम से कम तीन से चार तने काटने चाहिए।
- इन कटिंग को बोने के लिए तने के किनारों से सभी पत्तियों को हटा दें। ऊपर से पत्ते न तोड़ें।
- कटिंग तैयार होने के बाद उन्हें रूटिंग हार्मोन में डुबोएं। इसके लिए आप तीन भाग एलोवेरा जेल और एक भाग शहद को मिलाकर घर पर इसे बना सकते हैं। रूटिंग हार्मोन रूटिंग प्रक्रिया को तेज करेगा।
- पोटिंग मिक्स बनाने के लिए समान मात्रा में दोमट मिट्टी, खाद और रेत मिलाएं।
- तने के अंतिम सिरे को रूटिंग हार्मोन से लेपित किया जाना चाहिए। अब आप कटिंग को गमले में रख सकते हैं और मिट्टी को भर सकते हैं। पौधे को अच्छी तरह से पानी दें।
शमी के पौधे को बीज से उगाने का तरीका
- नजदीकी नर्सरी से शमी के पौधे के बीज खरीदें
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इसे बोने से पहले, कम से कम 12 से 24 घंटे तक भिगोना चाहिए
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बीज की बाहरी परत या कोट को धीरे से खुरचें
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बीज को गमले की मिट्टी में गाड़ दें और इसे धीरे से ढंक दें
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अंकुरण के लिए गमले को तेज रोशनी में रखें।
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