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आज हर कोई अपने घर पर ही ऑर्गेनिक सब्जियां उगाना चाहता है। लेकिन जगह की कमी की वजह से ही लोग सब्जियां नहीं उगा पाते हैं। लोगों का मानना है कि उनकी बाल्कनी या छत पर चार से पांच गमले रखने की ही जगह है। ऐसे में इन गमलों में लगे कुछ सब्जियों के पौधे उनके काम नहीं आ सकते। लेकिन अगर इन गमलों में बेल वाली सब्जियां (creeper vegetable) लगा दी जाएं तो ये चार से पांच पौधे ही ढेरों सब्जियां आपको देंगे। क्योंकि ये बेल या लताएं दीवार, जाली, क्रीपर नेट, तारों व लकड़ियों के सहारे ऊपर की ओर बढ़ जाती हैं। जिनपर सब्जियां अच्छे से आती है। बेल के रुप में बढ़ने वाले सब्जियों के पौधों से कम जगह में ढ़ेरों सब्जियां ली जा सकती हैं। 

इस लेख में हम आपको बेल वाली सब्जियों के नाम बताएंगे जिन्हें गमले में भी लगाना आसान है। साथ ही इनकी देखरेख भी आसान है। जिनको लगाकर कम स्थान में अधिक उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है। पूरी जानकारी के लिए पूरा लेख पढ़ें- 

बेल पर लगने वाली सब्जियों के नाम – Climbing Vegetables

बेल पर लगने वाली सब्जियों के नाम

  • तोरई (Ridge Gourd)
  • लौकी (Bottle Gourd)
  • करेला (Bitter Gourd)
  • खीरा (Cucumber)
  • ककड़ी
  • टमाटर (Tomato)
  • सेम (Beans)
  • लोबिया (Lobia Beans or Cowpea)
  • कद्दू 
  • टिंडा (Tinda)
  • पेठा (Ash gourd)
  • खरबूज (Muskmelon)
  • तरबूज (Watermelon)

फरवरी में लगाएं बेल वाली सब्जियां

बेल वाली सब्जियों का लगाने का सही वक्त फरवरी का महीना माना जाता है। इस महीने में बीज जल्दी से अंकुरित होते हैं। तापमान सब्जियों के अनुकूल होता है। इस समय न तो तेज ठंड होती है और न ही गर्मी होती है। ऐसे में यह सही वक्त है। जनवरी से लेकर मार्च तक कभी भी इन सब्जियों को लगाया जा सकता है। खास बात है कि इन दिनों सिर्फ 35 से 40 दिनों के भीतर ही सब्जियों की बेलों पर सब्जियां आना शुरू हो जाती हैं। एक ही बेल पर ढ़ेरों सब्जियां आती हैं। ऐसे में आप अपने घर की थोड़ी सी जगह पर ही बेल वाली सब्जियां जरूर लगाएं। इसके साथ ही बरसात के दिनों में भी बेल वाली सब्जियां लगाई जा सकती हैं। 

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बेल वाले पौधों को सहारा देने के तरीके

अगर आप बेल वाली सब्जियां या पौधे अपने घर में लगा रहे हैं ताे आपको उन्हें सहारा देना पड़ेगा। दरअसल क्रीपर वेजिटेबल अधिक ऊंचाई तक बढ़ती हैं। इन बेल वाले पौधों को सहारा देना काफी जरूरी होता है। क्योंकि हमारे पास इन्हें सतह पर फैलाने के लिए जगह नहीं होती। साथ ही ये पौधे ऊपर की ओर बढ़ते हैं तो बिना सहारे तेज हवाओं के चलने पर नीचे गिर जाते हैं। पहले समय पर दीवार व लकड़ियों के सहारे ही इन्हें सपोर्ट दे दिया जाता था लेकिन अब तरह-तरह के ‘प्लांट सपोर्ट’ आने लगे हैं। 

  •  दीवार का सहारा– पौधों कोे दीवार के सहारे रखें। उन्हें दीवार का सहारा दें। ये देखने में भी सुंदर दिखते हैं। दीवार पर कुंदे या रस्सी लगाकर आप पौधे को दीवार पर बढ़ने में मदद कर सकते हैं। 
  • लकड़ी का सहारा- किसी भी पौधे को लकड़ी से सहारा देना सस्ता और आसान विकल्प है।  लकड़ियां घरों में आसानी से उपलब्ध भी हो जाती हैं। लकड़ी को गमले की मिट्‌टी में गाढ़ दें। उसके सहारे बेल को चलाएं।
  • क्रीपर नेट( creeper net)– पौधों को सहारा देने के लिए बाजार में क्रीपर नेट मिलती है। यह प्लास्टिक के धागों से बनी एक जाली है, जो गार्डन में बेल वाले पौधों को सहारा देने के लिए उपयोग की जाती है। यह पौधों के लिए बेस्ट है। क्योंकि इससे पौधे के सभी भाग पर धूप पड़ती है और वायु प्रवाह भी बना रहता है। इसका सहारा मिलने पर पौधे जमीन के संपर्क में नहीं आ पाते हैं।
  • प्लांट सपोर्ट क्लिप(plant support clip)– जिन पौधों पर भारी सब्जियां यानि खीरा, टमाटर आते हैं। ऐसे भारी पौधों को क्रीपर नेट से बाँधने और सहारा देने के लिए प्लांट सपोर्ट क्लिप का प्रयोग किया जा सकता है। ये क्लिप पौधों के तने को सपोर्ट देते हैं।
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  • प्लांट केज( garden cage)– आप बेल वालो पौधों को सहारा देने के लिए प्लांट केज यानि एक पिंजरे का प्रयोग कर सकते हैं। ये पिंजरे लकड़ी, लोहे या तार के बनवाए जा सकते हैं। बाजार में भी कई तरह के गार्डन केज मिलते हैं। 

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