Plant care-मानसून सीजन चल रहा है। ज्यादा बारिश की वजह से गार्डन के पौधे खराब होने लगते हैं। गुलाब, गुड़हल, मोगरा, चमेली, चंपा सभी ओवरवाटरिंग से खराब हो सकते हैं। लगातार बारिश हो रही है, तो पौधों को बचाना जरुरी है। आज हम आपके लिए कुछ सुझाव लेकर आए हैं। इन सुझावों पर अमल करने पर आप ज्यादा बारिश में भी पौधों ओवरवाटरिंग से बचा सकेंगे।
ओवरवाटरिंग से पौधों को बचाने का तरीका (How to save plants in case of overwatering)
मानसून में लगातार हो रही बारिश पौधे के लिए काल बन जाती है। कई पौधे जड़े गलाने लगते हैं। बहुत से पौधे हैं, जो ओवरवाटरिंग के चलते खराब होते हैं। बारिश में आपको अपने सभी पौधों को ज्यादा पानी से बचाना जरुरी है। नीचे कुछ टिप्स दिए गए हैं, जो पौधों को बचाने में आपकी हेल्प करेंगे।
एक्सट्रा पानी न डालें
- लगातार बारिश हो रही है, तो पौधों में वाटरिंग न करें।
- पौधे की मिट्टी जब सूखे, तब पानी देना।
- पौधों के पत्ते पीले होकर गिरने लगेंगे।
- धीरे-धीरे पौधा मर जाता है।
स्पॉन्ज की हेल्प से पानी कम करें
- पौधे की मिट्टी गीली हो गई है, तो गमले में स्पॉन्ज रख दें।
- स्पॉन्ज एक्स्ट्रा पानी को सोख लेगा।
- बारिश रुकने के बाद गमले में स्पॉन्ज रखें।
- ज्यादा गीला होने पर इसे हटा दें।
मिट्टी की गुड़ाई करें
- गमले की ऊपर की मिट्टी आपको खोदनी है।
- ऐसा करने पर जड़ों को हवा मिलेगी।
- कई बार जमी हुई मिट्टी के कारण काई लग जाती है।
- पौधों की जड़ों को आपको नुकसान नहीं पहुंचाना है।
गमले में एक्सट्रा छेद कर दें
- आप गमले में एक-दो एक्स्ट्रा छेद कर सकते हैं।
- जिससे पौधों को हवा मिलती रहेगी।
- ध्यान रखें कहीं गमला न टूट जाए।
- समस्या बढ़ रही है, तो पौधे को रिपॉट करें।
पौधों को धूप में रखें
- कुछ भी समझ नहीं आ रहा है, तो पौधों को धूप में रखें।
- जहां ज्यादा हवा और धूप उसे मिलती हो वहां पौधे रखें।
- ज्यादा सनलाइट के कारण पौधों की ज्यादा ग्रोथ होगी।
- ऐसे में पौधे एक्स्ट्रा पानी को अपने आप ही पी जाते हैं।
ओवरवाटरिंग के केस में खाद न दें
- ज्यादा पानी की समस्या में पौधों में खाद न दें।
- आपने फर्टिलाइजर ज्यादा डाल दी तो पौधा मर जाएगा।
- पौधे को 10 दिन रिकवर होने के लिए दें।
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