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खाइके पान बनारस वाला, खुल जाए बंद अक्ल का ताला… गाना तो जरूर सुना होगा आपने। लेकिन सिर्फ पान खाने के  लिए अब बनारस कौन जाएगा। लेकिन अगर आप चाहें तो आसानी से घर में ही पान का पौधा उगा सकते हैं। यह हरियाली के साथ बेहद काम आने वाला पौधा है। 

बात पूजा-पाठ की हो या फिर स्वाद की तो इन दोनों जगहों पर पान के पत्ते का प्रयोग किया जाता है। इसके साथ ही पान का पत्ता भारतीय फ़ूड कल्चर एक नायब फूड आइटम है।वहीं दूसरी ओर यह बेहतरीन औषधीय गुणों से भी परिपूर्ण है। लेकिन बेहतरीन गार्डनिंग करने, देशी विदेशी पौधे उगाने के बाद भी हमारे बगीचों में पान का पौधा देखने को नहीं मिलता है। लेकिन इसे उगाना काफी आसान है। इस लेख में हम जानेंगे पान का पौधा उगाने का तरीका, पान के पत्ते के फायदे, पौधे की देखभाल।

कैसा दिखता है पान का पौधा

पान  पिपेरेसी (Piperaceae) परिवार का सदस्य है। पान का साइंटिफिक नाम पाइपर बेटले (Piper betel) है। इंग्लिश में पान के पौधे को betel प्लांट ही कहते हैं। बता दें कि ये बहुमुखी सदाबहार बेल है। इस पर हरी पत्तियां आती हैं। जिन्हें पान के पत्ते के रूप में जाना जाता है।  यह बेल करीब 1-2 मीटर की ऊंचाई तक बढ़ती है।

कब उगाएं पान का पौधा

पान का पौधा कटिंग व बीज दोनों से उगाया जा सकता है। इस पौधे को बारहमासी कभी भी उगाया जा सकता है। हालांकि इसे बसंत व बरसात के दिनों में लगाने की सलाह दी जाती है। ध्यान रखें कि पान का पौधा आर्द्र और गर्म जलवायु में तेजी से ग्रो करता है। हालांकि इसके लिए सही बीज का चयन करें। अगर कटिंग से लगा रहे हैं तो हेल्दी कटिंग लें। 

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मिट्‌टी करें तैयार

पान के पौधे के लिए मिट्‌टी को ध्यानपूर्वक तैयार करना चाहिए।  अच्छी जलधारण क्षमता व उचित जलनिकासी वाली मिट्‌टी का होना जरूरी है। थोड़ी अम्लीय रेतीली दोमट मिट्टी का इस्तेमाल सही रहता है। मिट्टी में उचित ऑर्गेनिक कम्पोस्ट, वर्मीकम्पोस्ट, गोबर खाद  इत्यादि को मिलाना चाहिए। इससे पान का पौधा अच्छे से ग्रो करता है। पौधा बेशक छोटा है लेकिन इसके लिए कम से कम 9 इंच का गमला होना चाहिए। इसे मनीप्लांट की तरह ही घर के अंदर भी लगा सकते हैं, लेकिन हमें हल्की धूप वाली खिड़की पर रखना होगा। साथ ही इसे तेज हवाओं से बचाना भी जरूरी है। 

कटिंग से पौधा लगाते समय ध्यान रखने योग्य बातें कैसे उगाएं

गमले या गार्डन में पान का पौधा लगाने के लिए स्वस्थ पौधे से लगभग 6-8 इंच लम्बी कलम काट लें। इस स्टेम के निचले हिस्से से पत्तियों को अलग कर दें।  लीफ नोड और कुछ पत्तियां को छोड़ दें।  इस कटिंग को सीधे गमले की मिट्टी में लगाएं। लगभग 10 से 20 दिनों में पान की कटिंग की जड़ें विकसित होने लग जाती हैं। जिसके बाद पौधा पत्तियों से भर जाता है।  यदि आपके पास मिट्‌टी नहीं है तो तो आप पान के पौधे को पानी में भी ग्रो कर सकते हैं। पानी में इसे मनीप्लांट की तरह ग्रो किया जाता है। लेकिन ये काफी कठिन विधि है। 

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पान के पौधे की देखभाल 

  • पान के पौधे में जलभराव नहीं होना चाहिए। पान के पौधे को नम मिट्टी पसंद हैं लेकिन अधिक जलभराव से पौधे की जड़ें सड़ सकती हैं।
  •  पान के पौधे की मिट्‌टी के शुष्क होने से पहले ही पानी लगा दें। 
  • मिट्टी में नमी बनाए रखने के लिए पौधों के आस-पास मल्चिंग करें।
  • डारयेक्ट धूप से बचाएं। ये पौधे जल सकते हें। 
  • आशिंक धूप में रखें। शेड नेट का उपयोग करें। 
  • अधिक ठण्ड होने पर गमले को घर के अन्दर रखें। 
  • तेज गर्मी से बचाने के लिए छायादार स्थान पर रखना चाहिए।
  • पत्तियों की अच्छी ग्रोथ के लिए नाइट्रोजन युक्त जैविक खाद डालें।
  • कीट नियंत्रण के लिए नीम तेल का इस्तेमाल करें।

 कब तोड़ें पान की पत्तियां

कटिंग से पान के पौधे लगाने के करीब 3 से 4 महीनों में पान की बेल से पत्ते तोड़ने के लिए तैयार हो जाते हैं। पान का पौधा लगातार तीन सालों तक पत्तियां देता है। तीन से चार महीने में पौधा करीब 3-4 फीट की ऊंचाई तक बढ़ जाता है। जिसके बाद पत्तियों को तोड़ सकते हैं।

पान के पत्तों में पाए जाने वाले पोषक तत्व

  • पानी: 85-90%
  • प्रोटीन: 3-3.5%
  • फैट: 0.4-1%
  • इसेन्शियल ऑयल: 0.08-0.2%
  • पोटैशियम: 1.1-4.6%
  • कैल्शियम: 0.2-0.5%
  • विटामिन-सी: 0.005-0.01%
  • खनिज पदार्थ: 2.3-3.3%
  • फाइबर: 2.3%
  • कार्ब्स: 0.5-6.1%

पान की पत्तियों के क्या फायदे

  • पान की पत्तियों में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं। 
  • पत्ते में डिटॉक्सिफाइंग (Detoxifying) गुण होते हैं
  • ओरल हेल्थ के लिए फायदेमंद होता है। पान के पत्ते खाने से मुंह से आने वाली बदबू से छुटकारा मिलता है। 
  • डाइजेशन करें दुरुस्त
  • सर्दी जुकाम में देगा राहत
  • कैंसर से करता है बचाव 
  • ब्लड शुगर लेवल सामान्य रखता है
  • छोटे मोटे इंफेक्शन से भी बचाने में कारगर हैं
  • कब्ज की समस्या को ठीक कर सकती हैं.

 

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