Organic gardening-गार्डनिंग का शौक तो बहुत से लोगों को है। लेकिन नेचुरल तरीके से गार्डनिंग करना थोड़ा मुश्किल है। आधुनिक युग में कीटनाशकों का प्रयोग करना पड़ता है। इनके इस्तेमाल के बगैर गार्डनिंग या खेती करना असंभव है।
आज हम आपको देशी नुस्खों के बारे में जानकारी देंगे। ये नुस्खे बागवानी में आपकी काफी मदद करेंगे। फगंस, कीड़े-मकोड़े, सुंडी आदि के प्रकोप से नुस्खे गार्डन या फसल को बचाएँगे।
बता दें कि ये चीजें आपके आसपास आसानी से उपलब्ध हो जाती है। आसानी से आप देसी नुस्खा तैयार कर पूर्णत जैविक बागवानी कर सकते हैं। रासायनिक कीटनाशकों के प्रयोग से खर्चा भी होता है और ये हानिकारक भी है।
सफेद फिटकरी (white alum)
- पौधों पर फफूंद का हमला होता है।
- इससे फसल या पौधे ऊपर से नीचे तक सूख जाते हैं।
- जड़ों पर फफूंद का हमला होने पर ऐसा होता है।
- फिटकरी का घोल तैयार कर मिट्टी में डालें।
- खेती कर रहे हैं, तो ट्यूबवेल के गड्ढे में फिटकरी डालें।
- 1 कीलो फिटकरी का टुकड़ा ट्यूबवेल के गड्ढे में रखें।
- उसके बाद पानी देना शुरु कर दें।
- फिटकरीयुक्त पानी पौधों कि जड़ों में जाएगा।
- पौधे पुनः स्वस्थ हो जाएंगे।
ये भी पढ़ें-राजा से रंक बना सकते हैं ये पौधे, घर से आज ही हटाएं
उपले की राख और बुझा चूना (slaked lime)
- उपले की राख और बुझे चुने को घोल बनाएं।
- 1 किलो प्रति 25 लीटर पानी में घोलें।
- इसको 5-6 घंटे के लि रख दें।
- बेल प्रजाति की फसलों में इसको छिड़कें।
- इससे लाल सूंडी, कीड़े-मकोड़े नहीं आएंगे।
- कद्दू, तौरई, घीया, खीरा आदि में स्प्रे करें।
ये भी है जरुरी-Terrace Gardening- छत पर बागवानी करने के लिए कैसी हो मिट्टी, जानिए
गोमूत्र, जंगली तंबाकू,ऑक, नीम के पत्ते और धतूरा
- प्रति 500 ग्राम इन पांच चीजों को घोल बनाएं।
- घोल को 15 से 20 दिन के रख किसी बर्तन में रख दें।
- आप इसमें 20-25 लीटर पानी डालें।
- 15 दिन बाद इस घोल को कपड़े से छान लें।
- किसी भी फसल में इसका छिड़काव करें।
- कीटनाशक के तौर पर ये अच्छा काम करेगा।
- छोटे स्तर पर बागवानी में इसका प्रयोग किया जा सकता है।
- आप जरुरत के हिसाब से घोल तैयार कर सकते हैं।
खट्टी लस्सी, गल गल और गोबर के उपले
- 2 किलो खट्टी लस्सी, 1 गलगल, 3 किलो गोबर के उपले लें।
- उपलें पूराने होने चाहिए और गलगल नींबू प्रजाति का होता है।
- उपलों को 7 दिन के लिए पानी में भिगोकर रख दें।
- उसके बाद उपलों को अलग निकाल दें।
- इस पानी में 15 दिन पूरानी लस्सी डालें।
- इसमें गलगल पीसकर या निचोड़ कर डालें।
- सारे घोल को कपड़े से अच्छे से छान लें।
- पीलिया रोग ग्रसित पौधों पर ये छिड़के।
- कुछ दिनों में पौधे स्वस्थ हो जाएंगे।
- जरुरत के हिसाब से घोल तैयार कर सकते हैं।
ये भी है जरुरी-इस तरीके से बोएं बीज, 3-4 दिन में 100 % पौधे अंकुरित होंगे
Flowering plants- फूलों के पौधे में कीजिए खास ट्रीटमेंट, लहलहा उठेगा गार्डन