हिंदू धर्म में हर कोई पूजा अर्चना करना पसंद करता है। सभी लोग भगवान को खुश करने के लिए तरह-तरह के तरीके अपनाते हैं। इच्छा पूर्ति के लिए लोग भगवान की अराधना करते हैं, तो बहुत से लोग घर में सुख शांति और धन प्राप्ति के लिए ऐसा करते हैं।
पूजा में फूल चढ़ाने का बहुत महत्व है। किसी भी देवता की पूजा बिना फूल के अधूरी मानी जाती है। सभी देवी-देवताओं को अलग-अलग फूल पसंद आते हैं और अलग-अलग फूल ही सबको चढ़ाए जाते हैं। पूजा में फूलों का चढ़ाया जाना शुभ होता है। बहुत से ऐसे फूल हैं, जिनको किसी खास देवता की पूजा के लिए वर्जित किया गया है। हालांकि ये फूल दूसरे देवता को चढ़ाए जा सकते हैं। इस लेख में जानते हैं कि वो कौन से फूल हैं, जो भगवान को नहीं चढ़ाने चाहिए।
ये फूल पूजा में हैं वर्जित
- अगस्त्य, लोधी और माधवी के फूलों का इस्तेमाल कभी भी भगवान विष्णु की पूजा में नहीं करना चाहिए। ऐसा करना शुभ नहीं माना जाता।
- भगवान शिव को कभी भी केतकी या केवड़ा का फूल नहीं चढ़ाना चाहिए। क्योंकि ये फूल शिव द्वारा श्रापित है।( शिव के चरणों में क्यों नहीं चढ़ाया जाता ये फूल)
- मां पार्वती के पूजा अर्चना करते समय कभी भी मदार या धतूरे के फूल का प्रयोग नहीं करना चाहिए। हालांकि शिव को ये फूल चढ़ाए जाते हैं।
- श्रीराम की पूजा में कनेर के फूलों के इस्तेमाल पर पांबदी है। ये फूल भी शिवलिंग पर लोग चढ़ाते हैं और शिव की पूजा में प्रयोग करते हैं।
- कभी भी सूर्य देवता की पूजा में बेलपत्र या बिलवा का प्रयोग नहीं करना चाहिए। ये अशुभ फल देने वाला होता है। हालांकि शिवलिंग पर बेलपत्र और बिलवा चढ़ाया जाना शुभ माना जाता है।
- कभी भी भगवान के चरणों में बासी फूल या कीड़े लगे फूल अर्पित नहीं करने चाहिए। पूजा करते समय आपको ये सावधानी बरतने की जरुरत है कि फूल सुंदर और खुशबू देने वाला हो।
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