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हम अक्सर देखते हैं कि नर्सरी में सभी पौधे बहुत हरे भरे होते हैं। सभी छोटे पौधों पर भी फल आ रहे होते हैं। लेकिन जैसे ही हमें इन पौधों को खरीदकर घर लाते हैं तो पौधों की जान निकल जाती है। 
ऐसा इसलिए होता है क्योंकि नर्सरी पर नर्सरी वाले बहुत तरीके की खाद डालते हैं। जिसे वो आपको नहीं बताते हैं। जिसकी वजह से उनके पौधे हरे भरे रहते हैं। आज इस लेख में हम आपको वहीं टॉप सीक्रेट खाद बताने वाले हैं। जिनका आप घर में प्रयोग कर सकते हैं। इसके बाद आपके पौधे हमेशा हरे भरे रहेंगे। 

पोटाश

यह काले दाने के रूप में मिलता है। यह ऑर्गेनिक होता है। नर्सरी वाले सब्जियों और फलों के पौधे में डालते हैं। जिसकी वजह से उनके छोटै पौधों पर ही बड़े फल लगे होते हैं। इसे साल में चार से पांच बार डालें। एक चम्मच एक पौधे की मिट्‌टी पर फैला दें। 

पौधों में पोटाश के फायदे
  • मजबूत जड़ और तना होते हैं।

  • पौधों में प्रकाश संश्लेषण की क्रिया मे सुधार होता है।

  • पोषक तत्वों की अवशोषण क्षमता बढ़ती है।

  • रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है।

  • बेहतर फल और फूल तेजी से आते हैं।

  • फल अधिक बड़ा, स्वादिष्ट और चमकदार बनता है। 

ह्यूमिक एसिड

ह्यमिक एसिड Humic acids (HA) इसे ब्लैक गाेल्ड भी कहा जाता है। यह कार्बनिक अणु हैं। जो पौधों की ग्राेथ को बढ़ाते हैं। मिट्‌टी में सुधार करते हैं। इसमें कोयला, मिट्‌टी और कार्बनिक पदार्थ जोड़े जाते हैं। यह गार्डनिंग में काफी कारगर है। यह पूरी तरह ऑर्गेनिक है। इससे फूलों की संख्या बढ़ती है।इसे महीने में एक बार एक चम्मच डाला जा सकता है। इसे बायोएंजाइम की तरह पानी में मिलाकर डालें। 

सीवीड फर्टिलाइजर

नर्सरी में सीवीड फर्टिलाइजर का प्रयोग अधिकतर किया जाता है। गार्डन में आप एक लीटर पानी में एक चम्मच मिला सकते हैं। 15 दिन से 30 दिन में पौधों में डालें या स्प्रे करें। यह बहुत फायदेमंद होता है। 

बोनमील

 इसे साल में तीन से चार महीने में डाल सकते हैं। इसमें फाॅस्फोरस, कैल्शियम, जिंक और अन्य पोषक तत्वों की अच्छी मात्रा होती है। इसे साल में मई, जून और जुलाई के महीने में नहीं डालना चाहिए। इसे किसी भी खाद के साथ मिलाकर पौधों में डालें। 

एग्रोमील

बोनमील की तरह ही नर्सरी में एग्रामील का प्रयोग व्यापक स्तर पर किया जाता है। इसमें फॉस्फोरस और नाइट्राेजन होता है। यह पौधों की ग्रोथ के लिए उपयोगी है। इसे वर्मी कम्पोस्ट या पत्ती की खाद में मिलाकर डालें। 

नीम खली

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नीम खली सबसे ताकतबर फर्टिलाइजर है। यह खाद का भी काम करता है साथ ही पौधों को फंगस और पेस्ट अटैक से भी बचाता है। इसे बरसात के मौसम में जरूर प्रयोग करना चाहिए। इन दिनों सबसे अधिक पेस्ट अटैक होता है। जिससे पौधों को बचाने में मदद मिलते हैं।

सरसों की खली

सरसों की खली पोष्टिकता की खान होता है। इसे पौधों में हर महीने में डालना चाहिए। इसे पौधों में डालने के लिए दस दिन के लिए पानी में भिगो दें। उस पानी काे डायलूट कर पौधों में डालें। यह फ्लावरिंग, फ्रूटिंग में फायदेमंद है। 

वर्मीकम्पोस्ट

नर्सियों में वर्मीकम्पोस्ट का इस्तेमाल किया जाता है। इसके लिए गोबर की खाद का वर्मीकम्पोस्ट प्रयोग किया जाता है। बाजार में काफी मिलावट वाली वर्मीकम्पोस्ट मिलती है। हमेशा अच्छी वर्मीकम्पोस्ट जांचने के बाद ही पौधों में डालें।

पत्ती की खाद

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पत्ती खाद को ब्लैक गोल्ड भी कहा जाता है। इसे बनाना भी आसान है। गार्डन में जितनी भी पत्तियां हैं उन्हें इकट्‌ठा करें और खाद बनाएं। ये सबसे अधिक उपयोगी है। सभी गार्डनर्स को यह खाद जरूर डालना चाहिए। 

वीडियो में देखें

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