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मोबाइल फोन जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुका है। सुबह से लेकर रात तक लोग मोबाइल से चिपके रहते हैं। कई तो वॉशरूम में भी मोबइल लेकर जाते हैं। लेकिन वॉशरूम में मोबाइल का इस्तेमाल करना आपके लिए खतरनाक साबित हो सकता है। वॉशरूम में मोबाइल फोन लेकर जाते हैं, तो उसके साथ वापस कई सारे कीटाणु और खतरनाक बैक्टीरिया लेकर लौटते हैं। दरअसल, टॉयलेट से आने के बाद आप अपने हाथ तो धो लेते हैं, लेकिन मोबाइल में चिपके कीटाणु आपके मोबाइल के जरिए हर जगह फैल जाते हैं, जो आपके पूरे घर के लिए खतरनाक हो सकता है।

 

 

 

बिना हाथ धोए मोबाइल छूना बढ़ा सकता है खतरा

कई लोग कमोड पर बैठकर मोबाइल पर बात करते हैं या फेसबुक देखते हैं, वॉट्सएप चलाते हैं या इंस्टाग्राम पर रील्स देखते हैं। कमोड का इस्तेमाल करने के बाद यदि बिना हाथ धोए ही मोबाइल छूते हैं तो संक्रमित होने का खतरा बढ़ जाता है। समय बचाने और ऑफिस जल्दी जाने की भागमभाग में कमोड की सीट पर बैठकर ही टूथ ब्रश करते हैं। टॉयलेट सीट पर बैक्टीरिया नहीं हों, लेकिन स्टूल में मौजूद कीटाणु मुंह के रास्ते अंदर जा सकते हैं।

सांस से जुड़ी बीमारियां बढ़ सकती है

हर समय फोन का उपयोग करने से तनाव बढ़ता है। फोन को बाथरूम में ले जाकर आप अपने दिमाग और स्वास्थ्य दोनों के साथ खिलवाड़ कर रहे है। इससे इससे आपको अवसाद की समस्या बढ़ती है। टॉयलेट में गैजेट्स का इस्तेमाल करने से फोकस बंट जाता है। पेल्विक मसल्स एक्टिवेट नहीं हो पातीं। हम मोबाइल पर बात करते हैं तो ये कीटाणु हमारे शरीर में चले जाएंगे। जिन लोगों को सांस से जुड़ी बीमारियां हैं उनकी तकलीफ और बढ़ सकती है।

 

 

 

 

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रोशनी में किताबें पढ़ने से आंखों पर प्रेशर पड़ता है

टॉयलेट का इस्तेमाल शौच के लिए ही किया जाना चाहिए। टॉयलेट में कोई दूसरी चीज नहीं करनी चाहिए। कमोड में सीट पर बैठकर जब आप अखबार पढ़ते हैं या मोबाइल चलाते हैं तो मांसपेशियों में खिंचाव आने लगता है। ऐसे लोगों में पीठ दर्द देखने को मिल सकता है। टॉयलेट में रोशनी धीमी होती है। ऐसी रोशनी में किताबें पढ़ने से आंखों पर प्रेशर पड़ता है।

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