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बहुत सी महिलाएं हैं, जो व्यस्त दिनचर्या में अपनी सेहत को नजरअंदाज कर देती हैं। सेहत को लेकर जो जरुरी बाते हैं उन्हें छोड़कर वो मिथ को सही मान लेती हैं। आज के लेख में हम महिलाओं की सेहत को लेकर फैले मिथ के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे। तो चलिए जानते हैं वो कौन से मिथ हैं, जिन्हें महिलाएं सच मान लेती हैं, लेकिन ऐसा कुछ नहीं होता। सर्टिफाइड डायबिटीज एजुकेटर, स्पोर्ट्स न्यूट्रिशनिस्ट स्पेशलिस्ट और न्यूट्रिशन डिफाइंड की फाउंडर रिद्धिमा बत्रा ने एक वेबसाइट को इसके बारे में जानकारी दी है।

मासिक धर्म में एक्सरसाइज नहीं करनी चाहिए

बहुत से लोगों का मानना है कि मासिक धर्म के दौरान महिलाओं को एक्सरसाइज नहीं करनी चाहिए। लेकिन ये मिथ है। इन दिनों में एक्सरसाइज करना बहुत सी तकलीफों के कम कर सकता है। ब्लोटिंग होना, पेट दर्द, चिड़चिड़ापन, मूड में बदलाव, अकड़न आदि समस्याओं से छुटकारा एक्सरसाइज दिला सकती है। ये खुद महिला पर निर्भर करता है कि वो वर्कआउट करना चाहती है या नहीं अगर उसका मन है, तो करे और नहीं मन है तो न करे।

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प्रेग्नेंसी में ज्यादा खाना चाहिए

बहुत से लोगों का ये भी कहना होता है कि महिलाएं जब गर्भवती होती हैं, तो उनको ज्यादा खाना चाहिए। दो आदमियों का खाना उसे लेना चाहिए। लेकिन ये बिल्कुल मिथ है। जितनी भूख हो आपको उतना ही खाना चाहिए। महिलाओं को कितना खाना चाहिए ये उसके वजन और शरीर पर निर्भर करता है। हालांकि ये बात सही है कि बच्चे को पोषण मां से प्राप्त होता है, लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि आपको बेहिसाब का खाना है। आपको अपनी डाइट में पोषक तत्वों को शामिल करना है।

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मासिक धर्म के दौरान नहीं हो सकती गर्भवती

बहुत से लोगों का कहना है कि मासिक धर्म के दौरान जब इंटरकोर्स करते हैं तो प्रेग्नेंट नहीं होते। हालांकि मासिक धर्म के दौरान शारीरिक संबंध बनाने से गर्भधारण करने के चांस बहुत कम होते हैं। लेकिन बहुत सी परिस्थितियों में मासिक धर्म के दौरान इंटरकोर्स होने से महिलाएं गर्भवती हो सकती हैं। ये महिला की सेहत पर और मासिक चक्र पर निर्भर करता है।

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