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लेमनग्रास, जिसे लेमन ग्रास या सीताफल घास भी कहा जाता है। यह एक पौधा है जो आज कल हर घर में उगाया जा रहा है। इसका वैज्ञानिक नाम “सिट्रस केर्काटस” है। इसकी पत्तियाँ, स्टेम और बांस बहुत ही खुशबूदार होती हैं। इसका स्वाद नींबू के समान होता है। इसमें लगभग 75 प्रतिशत सिट्रल तत्व पाया जाता है। इसी वजह से इसकी खुशबू भी नींबू जैसी होती है।इसीलिए इसे लेमनग्रास कहा जाता है।

लेमनग्रास के पत्ते और उसकी खास खुशबू इसे खाने में, पकाने में और चाय बनाने में उपयोगी बनाते हैं। यह चाय, मसालों और ताजा सब्जियों में उपयोग किया जाता है। स्वाद के साथ ही इसके औषधीय गुणों के कारण भी यह पौधा प्रसिद्ध है। लेमनग्रास के सेवन से पाचन सिस्टम को सुधारने, सर्दी-जुकाम से निजात पाने और कैंसर जैसी बीमारियों को रोकने में मदद मिलती है।आज इस लेख में हम आपको लेमनग्रास उगाने के तरीके, केयर करने के तरीके व इसके फायदे बताएंगे। 

गमले में लेमनग्रास उगाने का तरीका

लेमनग्रास को गमले में उगाना एक अच्छा विकल्प है।  यहां लेमनग्रास को गमले में उगाने के कुछ सामान्य चरण हैं:

  1. गमला चयन: पहले, एक बड़ा और ड्रेनेज वाला गमला चुनें। गमले की नीचे छेद होना चाहिए ताकि पानी सुचारू रूप से निकल सके।
  2. मिट्टी का चयन: अच्छी गुणवत्ता की उच्च ड्रेनेज मिट्टी का चयन करें। लेमनग्रास अधिक धूप और सूखी मिट्टी को पसंद करता है।
  3. बीज या कटिंग से: लेमनग्रास को आसानी से कटिंग से लगाया जा सकता है। इसे किसी नर्सरी से या किसी पड़ोसी से एक तना लें और मिट्‌टी में लगा दें।
  4. पौधे की स्थापना: अच्छी गुणवत्ता के बीज या पौधे का चयन करें और उन्हें गमले में स्थापित करें। मिट्टी में छेद करें और पौधे को विस्तार करें।
  5. सिंचाई: लेमनग्रास को नियमित रूप से पानी दें, लेकिन सुनिश्चित करें कि पानी तब डालें जब मिट्टी कुछ सूखी हो जाए। अधिक पानी से पौधे का मरने का खतरा हो सकता है।
  6. रोग और कीटों का प्रबंधन: पौधों को नियमित रूप से चेक करें और आवश्यकता पर कीटाणुनाशकों और उपचार का उपयोग करें।
  7. धूप– पौधे को हमेशा धूप वाली जगह पर ही रखें।

लेमनग्रास को गमले में उगाने की प्रक्रिया सामान्यतः सीधी होती है और इसका देखभाल भी संभावित प्रदूषण और कीट प्रभावों से बचाव कर सकता है।

लेमनग्रास के फायदे

लेमनग्रास कई स्वास्थ्यवर्धक गुणों से भरपूर होता है। यह एक प्राकृतिक औषधि होती है जो भोजन में और औषधि के रूप में उपयोग की जाती है। यहाँ कुछ लेमनग्रास के महत्वपूर्ण फायदे हैं:

  1. पाचन को सुधारना: लेमनग्रास में पाया जाने वाला विशेष तत्व अपच को कम करने और पाचन को सुधारने में मदद करता है।
  2. शांति और तनाव में कमी: इसका सेदेटिव प्रभाव होता है, जिससे यह तनाव को कम करने और शांति प्रदान करने में मदद कर सकता है।
  3. मुख्य विटामिन और खनिजों का स्रोत: लेमनग्रास में विटामिन ए, सी और के साथ-साथ कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटेशियम, आयरन और कई अन्य खनिज पाए जाते हैं।
  4. श्वासनल विकारों के लिए उपयोगी: इसमें मौजूद एंटीबैक्टीरियल गुणों के कारण, लेमनग्रास श्वासनल संक्रमणों को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है।
  5. विषाक्त पदार्थों को निकालना: लेमनग्रास के रस में विषाक्त पदार्थों का निकालने के गुण होते हैं, जो शरीर को साफ और स्वस्थ रखने में मदद करते हैं।
  6. मानसिक स्वास्थ्य को सुधारना: इसके आरोग्यवर्धक गुण शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को सुधार सकते हैं, जिससे दिमाग को शांति और स्थिरता मिलती है।

इन फायदों के साथ-साथ, लेमनग्रास का रसोई में भी उपयोग होता है, जैसे कि खाने में मसालों के रूप में, ताजगी के स्वाद के लिए, और चाय के रूप में।

लेमनग्रास का रसोई में प्रयोग

लेमनग्रास एक विशेष स्वाद और गंध वाला पौधा है, जिसे व्यापक रूप से रसोई में उपयोग किया जाता है। यहाँ कुछ लोकप्रिय तरीके हैं जिनमें लेमनग्रास का उपयोग किया जाता है:

  1. चाय: लेमनग्रास की चाय बनाना बहुत सामान्य है। इसे ख़ासकर सुबह के समय पीना प्रिय होता है। इसमें लेमनग्रास के पत्तों को पानी में उबाला जाता है, जिससे चाय को उसकी खास खुशबू और स्वाद मिलता है।
  2. मसालों में: लेमनग्रास को विभिन्न मसालों में उपयोग किया जाता है, जैसे कि थाई करी, थाई सूप, और स्टिर फ्राईज में। इसकी खुशबूदार और ताजगी इन व्यंजनों को विशेष बनाती है।
  3. सलाद और चटनी: लेमनग्रास को सलाद में या चटनी के रूप में भी उपयोग किया जा सकता है। इसका उपयोग स्वाद में गंधकीयता और फ्रेशनेस लाने के लिए किया जाता है।
  4. दाल और सब्जियों में: लेमनग्रास को दाल और सब्जियों में भी उपयोग किया जाता है, जो उन्हें अद्वितीय स्वाद और खुशबू प्रदान करता है।
  5. माछे और समुद्री खाद्य पदार्थों में: लेमनग्रास का रस या पत्तों का पाउडर समुद्री खाद्य पदार्थों में मिलाकर उन्हें एक अद्वितीय स्वाद प्रदान करता है।

लेमनग्रास का इस्तेमाल विभिन्न रूपों में किया जा सकता है, और इसका स्वाद और गंध रसोई को एक अद्वितीय मिलान देता है।

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