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आज हम 21वीं सदी के दौर में जी रहे हैं। किंतु इसके बावजूद दुनिया में अंधविश्वास खत्म नहीं हुआ हैं। ऐसे ही अंधविश्वास का एक मामला ओडिशा से सामने आ रहा हैं। दरअसल, ओडिशा के बालासोर में बुरी आत्माओं से बचने के लिए दो नाबालिग बच्चों की आवारा कुत्तों से शादी करा दी गई है।
जानकारी के अनुसार बुरी आत्माओं से बचने के लिए मचुआ सिंह को अपने 11 साल के बेटे तपन सिंह के लिए दुल्हन के रूप में एक ‘कुतिया’ का इंतजाम करना पड़ा तथा मानस सिंह को अपनी सात वर्षीय बेटी लक्ष्मी के लिए दूल्हे के रूप में एक ‘कुत्ते’ का प्रबंध करना पड़ा।

गांव में ये है मान्यता

मचुआ सिंह और मानस सिंह अपने बच्चों की शादी के लिए कुत्ते की खोज तब शुरू की, जब उनके बच्चों के ऊपरी जबड़े से एक दांत निकलकर बाहर आया। इन आदिवासियों का मानन है कि जबड़े से दांत निकलना उनके बच्चों की जीवन में बुरा प्रभाव डाल सकता है। 28 वर्षीय सागर सिंह ने बताया कि समुदाय की परंपरा के अनुसार ये दोनों शादियां सुबह सात बजे से एक बजे तक चली और इस शादी में सामूहिक भोज किया गया। उन्होंने कहा कि समुदाय का मानना है कि शादी होने के बाद बुरी आत्मा का साया कुत्तों में प्रवेश हो जाता है।

शादी की वीडियो वायरल

कुछ दिनों पहले सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें एक परिवार द्वारा दो कुत्तों की ग्रैंड शादी कराई गई थी। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बनी हुई थी। शादी में हैरानी की बात यह थी कि व्यवस्था वैसी थी, जैसे आम शादियों में होती है। फीमेल डॉगी को दुल्हन की तरह सजाया गया था। जबकि दूल्हा बना कुत्ता इलेक्ट्रिक टॉय कार से शादी में एंट्री किया।समुदाय का मानना है कि बुरी आत्मा का साया शादी के बाद कुत्तों में चला जाता है। वैसे तो इसका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है, लेकिन यह अंधविश्वास पीढ़ी-दर-पीढ़ी चला आ रहा है।

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