पति-पत्नी का रिश्ता आपस में विश्वास पर टिका होता है। शादी के बाद दोनों के रिश्ते की बुनियाद विश्वास पर टिकी होती है। बहुत सी बाते हैं, जो पति अपनी पत्नी को नहीं बताते हैं। बहुत से लोगों का मानना होता है कि पत्नी को अगर सारे भेद दे दिए जाएं तो घर नहीं बसेगा। तो आज हम इस आर्टिकल में ऐसी ही कुछ बातों का जिक्र करने वाले है जो पति द्वारा पत्नी को नहीं बताई जाती।
सैलरी
ज्यादातर पति अपनी पत्नियों से सैलरी छिपाते हैं। बहुत से ऐसे लोग हैं, जो अपनी पत्नी को असली इनकम नहीं बताते हैं। वो ये नहीं बताते हैं कि उनको कितनी सैलरी मिलती हैं। लोगों का मानना है कि सैलरी का पता लगने पर पत्नी के व्यक्तिगत खर्चे बढ़ जाते हैं। पतियों का कहना है घर का बजट बिगड़े उससे बेहतर है कि पत्नियों से झूठ बोल लिया जाए।
अतीत
कहा जाता है पत्नी को कभी भी अपने अतीत के बारे में नहीं बताना चाहिए। उन्हें ये नहीं बताना चाहिए कि आपकी इतनी गर्लफ्रेंड थी या आपका किसी के साथ क्या संबंध था। चाणक्य नीति में बताया गया है कि पत्नी सुंदर हो, तो भी अतीत का जिक्र उससे नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से रिश्तों में दरार आ जाती है। भविष्य के बारे में बात करें और अपने जीवन को सुखमय बनाएं।
कमजोरी
अपनी पत्नी के सामने अपनी कमजोरी का जिक्र भूलकर भी नहीं करना चाहिए। ऐसा कहा जाता है कि जब आप अपनी पत्नी को छोटी-बड़ी अपनी सारी कमजोरी बता देते हैं, तो वो इसको अपने हथियार के तौर पर इस्तेमाल करती है। लड़ाई होने पर वो आपकी कमजोरी का बखान कर सकती है। इसलिए अपनी पत्नी को अपनी कमजोरी बचाने से बचें।
भेद
प्यार देने से बेटा बिगड़े भेद देने से नारी, लोभ देने से नौकर बिगड़े, धोखा देने से यारी। पूराने जमाने में ऐसा कहा जाता था कि पत्नी को कोई भी भेद नहीं बताना चाहिए ऐसा करने से आपके शादीशुदा जीवन पर प्रभाव पड़ सकता है। अपने अपमान की जानकारी भी पत्नी को नहीं देनी चाहिए। ज्यादातर महिलाएं मान अपमान वाली बाते झगड़ा होने पर बोल देती हैं, जो आपको चुभ सकती है।
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दान
अगर आपने कहीं दान दिया है तो अपनी पत्नी को इसकी जानकारी नहीं देना ही उचित माना जाता है। बजट बिगड़ने पर आपकी पत्नी आपको ताने दे सकती है। इसलिए चाणक्य नीति में ये भी माना गया है कि दान की जानकारी अपनी पत्नी से छिपानी चाहिए, लेकिन फेरों के समय सात वचनों में एक वचन ये भी होता है कि दान पुण्य जैसे कर्म पत्नी के साथ करना चाहिए।
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द यूनिक भारत इन सब बातों का समर्थन नहीं करता है। ये विचार चाणक्य नीति पर आधारित है।
Bilkul sahi 😀