दैनिक जीवन का एक महत्वपूर्ण काम वजन कम करने का प्रोसेस बन गया है। भले ही किसी के पास पोष्टिक खाना खाने, पूजा करने, रिश्तेदारों से मिलने का समय न हो लेकिन जिम जाने का समय निकल ही आता है। वहीं अब जिम की जगह लोग इंटरमिटेंट फास्टिंग (Intermittent Fasting) कर रहे हैं। इससे तीन गुना तेजी से वजन कम हो रहा है। यह सस्ता और समय बचाने वाला स्टाइल है। जिसमें तेजी के साथ वजन कम होता है। आइए जानते हैं क्या है Intermittent Fasting…
निर्धारित समय के लिए रखा जाता है व्रत
यह साधारण शब्दों में व्रत रखने की ही प्रक्रिया है। इसमें हर दिन निश्चित समय के लिए व्रत रखा जाता है। व्रत के बाद क्या और कितना और किस समय खाया जाए इसपर विशेष ध्यान दिया जाता है। इसमें शुरू में सात घंटे, फिर 12 घंटे इसके बाद 16 और 18 घंटे का व्रत किया जाता है। इसके बाद बहुत कम या बिना कैलोरी का खाना खाया जाता है। इस प्रक्रिया के माध्यम में शरीर में जमा फैट को घटाया जाता है। इसमें लंच या डिनर में से एक समय के भोजन को हटा दिया जाता है। हालांकि नाश्ता करने की सलाह दी जाती है।
सिर्फ हेल्दी फूड खाते हैं
इंटरमिटेंट फास्टिंग में लंबे समय बाद खाना खाया जाता है। लेकिन जब खाया जाता है तो यह फूड बेहद हेल्दी होता है। इसमें एक्स्ट्रा कैलोरी नहीं होती है। फास्टिंग के दौरान पानी की मात्रा ज्यादा रखी जाती है। जब भी खाना खाते हैं तो उसमें फलों और हरी सब्जियों को जरूर शामिल किया जाता है। इसके साथ ही अच्छा प्रोटीन और कैल्शियम सोर्स के लिए दूध, दही और ड्राई फ्रूट्स को भी शामिल किया जाता है। नारियल पानी का भी सेवन किया जाता है। साबुत अनाजों का सेवन भी फायदेमंद है।
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बिना सलाह के न करें फास्टिंग
फास्टिंग शुरू करने से पहले डाइटीशियन या जिम ट्रेनर से सलाह लेने की जरूरत है। Intermittent Fasting बहुत लोगों को नुकसान भी पहुंचाती है। जिन्हें इसकी जरूरत नहीं होती वे भी इसे अपनाने लगते हैं। इससे उन्हें शारीरिक कमजाेरी महसूस होने लगती है। इसके साथ ही बहुत लोग लंबे समय तक इसे अपनाते रहते हैं। जबकि यह कुछ हफ्तों के लिए ही की जाती है। बच्चों, गर्भवती महिलाओं व किसी भी रोग से ग्रसित लोगों को फास्टिंग नहीं करने की सलाह दी जाती है।