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लोगों में किचन गार्डनिंग का शौक बढ़ा है। सब्जियों की ग्रोथ के लिए इस्तेमाल किए जा रहे कैमिकल्स से लोग वाकिफ हो चुके हैं। ऐसे में लोग घरों में ही सब्जियां उगाना चाहते हैं। वैज्ञानिक द्वारा भी कई ऐसे प्रयास किए गए हैं जिसमें लोग सीमित जगह में ही अच्छी गुणवत्ता की सब्जियां उगा सकें। इस मामले में हाइड्रोपोनिक्स (HYDROPONICS) तकनीक लोगों को काफी पसंद आ रही है। दरसअल यहां इस तकनीक में खेती के लिए जमीन की जरूरत ही नहीं होती है। पानी के भीतर इस तकनीक के माध्यम से सब्जियां व अन्य पौधे ग्रो करते हैं। बाल्कनी में आसानी से सब्जियां उगाई जा सकती है।

इस तरह बिना मिट्‌टी के करें खेती

हाइड्रोपोनिक्स तकनीक में स्टैंड के माध्यम से सेटअप बनाया जाता है। जिसमें पानी बहती अवस्था में होता है। इस तकनीक में पौधे मल्टीलेयर फ्रेम के सहारे पाइप में उगाए जाते हैं। इस दौरान पाइप के अंदर पौधे की जड़े रहती हैं। पाइप में पोषक तत्वों से भरे पानी को छोड़ दिया जाता है। मिट्‌टी के अंदर जो भी जरूरी पोषक तत्व होते हैं उन्हें पानी में ही प्रवाहित किया जाता है। इस विधि के माध्यम से टमाटर, खीरा, आलू, मक्का व अन्य फल वाले पौधे उगाए जा सकते हैं।

पानी को भी करना होता है उपचारित

इस तकनीक में सामान्य पानी की जगह बारिश का पानी सबसे बेहतर होता है। इस पानी में भी पौधों की जरूरत के अनुसार न्युट्रिशंस मिलाए जाते हैं। इस प्रक्रिया में कंकड़ या कोकापिट का भी प्रयोग किया जाता है। यह पानी का फ्लो निरंतर बनाए रखने में मदद करते हैं।  वैज्ञानिक इस तकनीक में कोकोपिट का प्रयोग करने की सलाह देते हैं क्योंकि कोकोपिट में पानी एब्जॉर्ब करने की क्षमता होती है। इसमें आरो का पानी भी इस्तेमाल किया जाता है। तापमान मेंटेन करने के लिए पॉली हाउस भी लगाया जा सकता है। पूरा सेटअप तैयार होने पर इस विधि से व्यावसायिक स्तर पर खेती की जा सकती है।

कम लागत, कमाई ज्यादा

इस तकनीक के माध्यम से कम लागत में ज्यादा कमाई होती है। इसके लिए एक बार सैटअप तैयार करना पड़ता है, हर फसल के लिए पोषक तत्व आते हैं। इसके अलावा इसमें कोई खर्चा नहीं आता है। पैदावार मिट्‌टी की तरह ही होती है। जरूरत के अनुसार पोषक तत्व मिलते रहने से पैदावार ज्यादा होती है। हालांकि वैज्ञानिकों द्वारा प्रशिक्षण लेने के बाद ही इस तकनीक से पौधे उगाना शुरू करना चाहिए।

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