गार्डनिंग करते हैं तो आप बायोएंजाइम, नीम ऑइल, नीम खली, हल्दी आदि का प्रयोग तो जानते होंगे। लेकिन क्या आप गार्डन में दाल-चावल के प्रयोग के बारे में परिचित हैं। जी हां! गार्डन में चावल का पानी चमत्कारी फायदे पहुंचाता है।
कई वैज्ञानिक अध्ययनों में भी यह बात साबित हुई है। दाल- चावल के पानी में बहुत से ऐसे पोष्टिक तत्व होते हैं जो पौधों के लिए जरूरी हैं। आज इस लेख में हम आपको गार्डन में चावल के पानी के फायदे बताएंगे। जिसका प्रयोग करने पर आपको हैरान करने वाले परिणाम देखने को मिलेंगे।
पौधों में दाल-चावल के पानी के फायदे (Benefits of lentil-rice water in plants)
- दाल चावल के पानी में नाइट्रोजन, पोटेशियम, कैल्शियम व प्रोटीन की मात्रा होती है।
- दाल चावल का पानी कार्बोहाइड्रेट, जस्ता, लोहा, सल्फर, व खनिजों से भरपूर होता है।
- मिट्टी में मौजूद जरूरी सूक्ष्मजीवों को बढ़ाता है।
- जड़ों को मजबूती देने का काम करता है।
- पोषक तत्वों को अवशोषित करने की क्षमता को बढ़ाता है।
- पत्तियों को चमकदार और स्वस्थ रखता है।
- पौधों में रोगप्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है।
- कीटों से बचाकर कीटनाशक (insecticide) का काम करता है।
- फूलों और फलों की गुणवत्ता में सुधार कर सकता है।
- मिट्टी में कार्बनिक पदार्थेां को बढ़ाता है।
दाल चावल का पानी इस्तेमाल करने का तरीका (How to use dal rice water)
हम दाल और चावल को पानी की मदद से साफ करते हैं। चावल-दाल धोने वाले पानी को एक कंटेनर में एकत्रित करें। इस पानी को सीधे पौधों में दें। चावल बनने के बाद के पानी को भी प्रयाेग किया जा सकता है। पानी को इकट्ठा करें। किण्वन क्रिया कराएं। फिर इसे पानी के साथ मिलाकर पौधों में डालें।
इन बातों का रखें ध्यान
याद रखें अधिक मात्रा में इसका प्रयोग नुकसान कर सकता है। गमलों में स्टार्च की मात्रा एकत्रित हो सकती है। जिससे बैक्टीरिया जल्दी पनप सकते हैं। किण्वन वाला पानी महीने में दो या तीन बार दें। चावल दाल धोने के बाद का पानी हर दो दिन में डाल सकते हैं।
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