WhatsApp Group Join Now

भारत देश में शादी के साथ ही बहुत सी चीजें बदल जाती हैं। जिसमें रहन सहन और खान-पान शामिल है।  वैसे अब हम बहुत सी चीजों की बात क्या करें क्योंकि शादी तो पूरी जिंदगी ही बदल देती है। खास तौर पर लड़कियों की… हालांकि हम यहां लड़कों को इग्नोर नहीं करेंगे लेकिन प्यारे दोस्तो और भाईयों यहां लड़की अपना घर छोड़कर भी आती है तो इन्हें कुछ प्वाइंट ज्यादा देने में गुरेज नहीं करनी चाहिए। तो इस लेख में हम जानने का प्रयास करेंगे कि क्या शादी के बाद खत्म हो जाता है मुंह का स्वाद…

ऊटपटांग सी बात है लेकिन जानना जरूरी है। शादी से पहले तक अपने घर में बेटी सबसे लाड़ली होती है। उसे सबसे पहले खाने काे दिया जाता है और शादी के बाद आखिर में क्यों। यहां भी फलाने-ढिमकाने पंडित जी कांड करके ही गए। अब इन पंडित जी से पूछिए कि क्या शादी के बाद लड़कियों की जीभ का स्वाद खत्म हो जाता है। कोई भी खास चीज आने पर घर के बच्चों को सबसे पहले दिया जाता है। बचता है तो बहु को जरूर मिलेगा। घर में हर रोज महिलाएं सबसे अंत में खाएंगी। क्योंकि इससे बड़ों को सम्मान मिलता है। 

क्यों! पंडित जी शादी की रस्मों के दौरान पांच ज्ञानेंद्रियों में से जीभ को लिस्ट से बाहर कर गए थे। बहु को अन्नपूर्णा स्वरुप बना दिया जाता है। बहुरानी भी खाने को स्वादिष्ट बनाने में जान लगा देती हैं। लेकिन अपने हाथ का ही खाना खाने के लिए उन्हें पहले सबके खाने और खाना बचने का इंतजार करना पड़ता है। खैर फलाने जी कह गए थे तो महिलाओं को उनकी इस रिवाज को मानना भी जरूरी है। 

महिलाओं की सेहत पर भारी पड़ रहा रिवाज

देश में हम बराबरी के हक की बात करते हैं तो इन महिलाओं को बराबर में बैठाकर खाना क्यों नहीं खिलाते। फिलहाल यह देश की पहली जरूरत बन गया है। क्योंकि ग्रामीण भारत में आज भी आमतौर पर महिलाएं परिवार को खाना खिलाने के बाद ही खाती हैं। इससे उनकी सेहत पर बुरा असर पड़ता है क्योंकि इससे उनके शरीर को पर्याप्त पोषण नहीं मिलता। पहले घर के आदमी व बच्चे खा लेते हैं उसके बाद महिलाओं की बारी आती है। इससे कई बार ये भी होता है कि दाल, सब्जियां या रोटियां ही कम पड़ जाती हैं। इस तरह दोबारा खाना बनाना मुश्किल होता है। और वह बचा ही खाना खाकर काम चलाती हैं। जिससे उनकी सेहत को नुकसान पहुंचता है। बहुत सी  महिलाएं इस रिवाज की वजह से एनीमिया का शिकार हो जाती हैं।

इसे भी पढ़ें- परंपराओं को बदलती महिलाओं की सोच: कमलेश भारतीय

आंकड़ों से समझने की कोशिश करें

राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों में 15 से 49 वर्ष के बीच की 54 फीसदी महिलाओं में खून की कमी है। इसके साथ ही 27 फीसदी महिलाओं में वजन कम होने की समस्या है। इस समस्या को देखते हुए 2015 में फ्रीडम फ्रॉम हंगर इंडिया ट्रस्ट ने एक न्यूट्रीशन प्रोजेक्ट शुरू किया। इस प्रोजेक्ट के तहत घर के सभी सदस्यों को एक साथ भोजन करने के लिए जागरूक किया गया। एक रिपोर्ट के अनुसार ट्रस्ट की प्रमुख कार्यकारी अधिकारी सरस्वती राव ने बताया कि हम हमेशा से इस रिवाज को देखते आए हैं। लेकिन कभी इसे बदलने की कोशिश नहीं की। हालांकि हम जानते हैं कि इस रिवाज को घर के बड़ों को सम्मान देने के लिए बनाया गया होगा लेकिन ये उनकी सेहत के लिए नुकसानदायक है। 

इसे भी पढ़ें- घर में इन आसान तरीकों से पानी को करें शुद्ध

ज्ञान- घर की लक्ष्मी को सबसे पहले भोग लगाएं

बहुत सी दोस्तों से बात जानने को मिली की शादी के बाद उन्हें सबसे अंत में खाने की सलाह दी जाती है। कहा जाता है कि घर की बहु को सबसे आखिर में खाना चाहिए। तो महिलाएं उन्हें उसी दौरान याद दिलाएं कि वे बहु ही नहीं लक्ष्मी भी हैं। तो घर की लक्ष्मी को सबसे पहले भोग लगाएं। अगर उन्हें सबसे पहले भोग लगाया जाएगा तो घर में लक्ष्मी का आगमन होगा।  

WhatsApp Group Join Now

2 Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *