अब बागवानी करना आम नहीं रहा है। लोग वैज्ञानिक तरीके से बागवानी कर रहे हैं। ज्यादा फलों व फूलों की पैदावार के लिए कई टेक्निक का इस्तेमाल किया जा रहा है। जिनमें से एक है पिंचिंग टेक्निक (pinching technique plants)। यह शब्द नए माली को भ्रमित कर सकता है। लेकिन ज्यादा फूलों के लिए इस टेक्निक को सीख लेना चाहिए। यह बहुत आसान प्रक्रिया है।
हालांकि पौधे का विकास शुरू होने पर उसे काट देना कठोर लग सकता है। लेकिन इस प्रक्रिया से फूलों के तनों की संख्या बढ़ जाती है इससे ज्यादा फूल मिलते हैं। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि पिंचिंग क्या है? किसी पौधे को कैसे पिंच किया जाए? पिंचिंग बैक क्यों किया जाता है?
पिंचिंग बैक क्या है (pinching technique plants)
पौधों को पिंच करना पौधों की छंटाई का ही एक रूप है। छंटाई की तरह ही पौधे पर ज्यादा शाखाओं के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। पिंचिंग के जरिए पौधे के मुख्य तने को हटा दिया जाता है। ऐसे में जब मुख्य तना हट जाता है तो पौधा और नए तने निकालना शुरू कर देता है। इससे बहुत ज्यादा शाखाएं पौधे पर आ जाती है।
इसे भी पढ़ें- गमले में लगाएं बेल वाली सब्जियां, लगेंगी ढेरों सब्जियां
क्याें करते हैं पिंच (why do a pinch to plant)
पौधे को कैसे पिंच करें (how to pinch a plant)
किसी नए माली के लिए पिंच करना भ्रमित कर सकता है। लेकिन पौधे को पिंच करना वास्तव में बहुत आसान है। “पिंचिंग” शब्द इस तथ्य को स्पष्ट करता है कि माली सीधे जा रहे मुख्य तने के ऊपरी कोमल भाग को अपनी उंगलियों की मदद से हटाता है। इसके लिए नाखून का उपयोग किया जाता है। अगर आपको अच्छा अनुभव हो जाता है तो पिंच करने के लिए प्रूनिंग कैंची का भी उपयोग कर सकते हैं। इस प्रक्रिया में आप तने को पत्ती की गांठों के ऊपर से दबा देंगे। अगर आप सही तरीके से पिंच करते हैं तो पौधों को सर्वोत्तम आकार और परिपूर्णता ला सकते हैं।
पिंच करने का समय
पौधों को पिंच करने का समय अलग-अलग हो सकता है। आम तौर पर ऐसा तब किया जाता है जब पौधे छोटे होते हैं। 8-12 इंच (20-30 सेमी) तक पाैधे लंबे होने व पत्तियों के 3-4 सेट होने पर इस प्रक्रिया को करें। पिंचिंग सब्जियों वाले पौधों में भी किया जा सकता है। टमाटर, लौकी, करेला, बैंगन आदि के पौधों पर भी इस तरह की क्रिया की जा सकती है। लेकिन ध्यान रखें कि केवल 50 प्रतिशत तक ही पत्तियां हटाएं। इससे अधिक पत्तियां हटाने पर पौधे की प्रकाश संश्लेषण और बढ़ने की क्षमता बाधित होती है। अगर पौधों को पिंचिंग नहीं किया जाएगा तो केवल एक केंद्रीय फूल का तना बढ़ेगा। सिर्फ इसी तने पर फूल आएगा।
किन पौधों को करें पिंच
- तुलसी,
- कैलेंडुला,
- कार्नेशन,
- सेलोसिया (प्लम की किस्में),
- कॉसमॉस,
- डहलिया,
- गोम्फ्रेना,
- गेंदा,
- फ़्लॉक्स,
- स्नैपड्रैगन,
- स्ट्रॉफ्लावर
- ज़िनिया आदि शामिल हैं।
किन पौधों को नहीं करें पिंच
इस मामले में यह ध्यान रखने योग्य है कि जिन पौधों के सिर्फ एक तने पर ही फूल आता है (एकल तने वाले पौधे) उन्हें गलती से भी पिंच न करें। क्योंकि ऐसे बहुत से पौधे हैं जिनके एक ही तना होता है जिसपर फूल आते हैं। एकल तने वाले पौधों में सूरजमुखी और बॉम्बे सेलोसिया शामिल हैं। कुछ फूल ऐसे होते हैं जिनके प्राकृतिक रूप से तने पैदा करते हैं। इन्हें पिंच करने की आवश्यकता नहीं होती है। इन फूलों में स्केबियोसा , फॉरगेट-मी-नॉट, फॉक्सग्लोव , दारा, डेल्फीनियम और रेननकुलस शामिल हैं ।