सिंदूर हर महिला का सबसे अहम श्रृंगार होता है। विवाहित महिलाएं पति की लंबी उम्र की कामना के लिए सिंदूर लगाती है, लेकिन सिंदूर लगाने के भी कुछ खास नियम हैं। इन नियमों को महिलाएं जाने-अनजाने अनदेखा कर जाती हैं। जिसका असर उनके दाम्पत्य जीवन पर पड़ता है। सिंदूर के नियमों की अनदेखी पति-पत्नी दोनों के लिए परेशानियों की वजह बनती है। आइए जानते हैं सिंदूर से जुड़े वास्तु नियमों को…
उधार मांगकर न लगाएं सिंदूर
किसी दूसरी महिला के सिंदूर से भूलकर भी अपनी मांग न भरें। इससे पति को आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। साथ ही अपना सिंदूर भी किसी को न दें। मान्यता है कि इससे पति का सौभाग्य दुर्भाग्य में बदल सकता है।
सिंदूर को बालों में छिपाएं नहीं
सिंदूर लगाने के बाद इसे बालों से बिल्कुल नहीं छिपाना चाहिए। साथ ही सिंदूर हमेशा मांग के बीचों-बीच लगाएं। शास्त्रों के अनुसार मांग में सिंदूर ना दिखाई देने पर पति को मान-सम्मान भी नहीं मिलता। वहीं पति को जीवन में असफलता का सामना करना पड़ सकता है। इससे पति-पत्नी के रिश्ते में तनाव पैदा होता है।
बाल धोने के तुरंत बाद सिंदूर न लगाएं
शास्त्रों के अनुसार बाल धोने के तुरंत बाद सिंदूर लगाना अनुचित है। बाल धोने के तुरंत बाद सिंदूर लगाने से हर वक्त मन में दुविधाएं और बुरे विचार पनपने लगते हैं। साथ ही इससे पति को धन हानि भी झेलनी पड़ सकती है।
सिंदूर हमेशा मांग के बीचों-बीच लगाएं
हर महिला को सिंदूर हमेशा मांग के बीचों-बीच ही लगाना चाहिए। यह प्राचीन काल से ही मस्तक के ऐसे बिंदु पर लगाया जाता था, जो अधिकांश शारीरिक कार्यों को नियंत्रित करता है। ऐसा माना जाता है कि सुहागिन स्त्रियों को किसी भी पूजा पाठ में और शुभ अवसरों पर मांग में सिंदूर अवश्य लगाना चाहिए। माना जाता है कि माता सीता भी भगवान राम की लंबी उम्र के लिए सिंदूर लगाती थीं।
सिंदूर का सेहत से भी है संबंध
सिंदूर का गहरा क्नैक्शन सेहत से भी है। दरअसल, महिलाएं जहां सिंदूर लगाती हैं वो ‘ब्रह्मरंध्र’ और ‘अध्मि’ नामक कोमल स्थान के ठीक ऊपर होता है। सिंदूर में मौजूद तत्व इस स्थान से शरीर में मौजूद वैद्युतिक ऊर्जा को नियंत्रित करती है। इससे ब्लड प्रैशर कंट्रोल, तनाव अनिद्रा दूर भाग जाती हैं। साथ ही यह चेहरे पर झुर्रियां भी नहीं पड़ने देता।
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