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वानप्रस्थ संस्था ने 77- वाँ स्वतंत्रता दिवस बड़े धूमधाम और हर्षोल्लास से सीनियर सिटीज़न क्लब में मनाया।
क्लब के महासचिव डाॅ जोगिंदर डांग ने वरिष्ठ अतिथियों का अभिनंदन करते हुए स्वतंत्रता दिवस मनाने की सार्थकता पर अपने विचार रखे। वरिष्ठ नागरिकों ने भारी संख्या में उपस्थित होकर ध्वजारोहण किया एवं सब ने मिलकर राष्ट्र गान गाया।
डाॅ. जे.के. डांग ने डॉ दवीना अमर ठकराल को मंच संचालन के लिए आमंत्रित किया ।
डॉ दवीना अमर ठकराल ने माँ शारदा को नमन करते हुए कहा…
है सबके चेहरों पर उल्लास झलक रहा,
मन मयूर हो उल्लसित होकर नाच रहा।
आज़ादी की ७६वीं वर्षगांठ मनाने को-
हर जन के ह्रदय में देश प्रेम मचल रहा।

बधाई हो आप को मुक्त हवा में साँस लेने के लिए

स्वतंत्रता दिवस की बधाई देते हुए डॉ दवीना अमर ठकराल ने स्वरचित कविता के द्वारा कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
“बधाई हो आप को मुक्त हवा में साँस लेने के लिए,
बधाई हो आपको निजता व प्रभु संपन्नता के लिए,
अभिव्यक्ति, भाषा, संस्कृति और सभ्यता को संजोकर रखने के लिए …,,.. कार्यक्रम का विधिवत आरंभ करते हुए डाॅ राज कुमार सैनी एवं डाॅ नीलम यादव ने राष्ट्रीय गीत वंदेमातरम् अपनी मंत्रमुग्ध कर देने वाली आवाज़ में अत्यंत श्रद्धा भाव से गा कर किया । तत्पश्चात डॉ राम कुमार सैनी के नेतृत्व में समूह गान की उत्साह व जोश से प्रस्तुति हुई। “ ए वतन ए वतन हमको तेरी क़सम, तेरी राहों में जाँ तक लुटा जाएँगें। सभागार में उपस्थित सभी ने ज़ोरदार तालियों से उन सब का स्वागत किया। डॉ दवीना अमर ठकराल ने स्वरचित कविता प्रस्तुत की
कैसे मनाएँ स्वतंत्रता दिवस …….
स्वतंत्रता का अर्थ कदापि नहीं मनमानी और उच्छृंखलता,
स्वतंत्रता का अर्थ है कर्तव्य और अधिकार के बीच समन्वयता।
भाईचारे का संचार कर ,सद्भावना का हो प्रादुर्भाव,
करके,
राष्ट्रभक्ति ही होना चाहिए हमारा सर्वोपरि धर्म……..

डॉ नीलम यादव ने अत्यंत मधुर स्वर में “तेरी मिट्टी में मिल जावां, गुल बनके मैं खिल जावां , इतनी सी है दिल की आरजू “ गीत प्रस्तुत करके सभागार में देश भक्ति की बयार चला दी। वीना अग्रवाल ने बुलंद आवाज़ में  हम होंगे क़ामयाब, एक दिन ..गीत गाकर सकारात्मकता का भाव पैदा किया।
डॉ आर के सैनी ने अपनी चिर परिचित सधी हुई आवाज़ में “कर चले हम फ़िदा जान-ओ-तन साथियों
अब तुम्हारे हवाले वतन साथियो.. ..,  गीत गाकर सभागार में शहीदों के प्रति श्रद्धांजलि का भाव पैदा करते हुए आंखें नम कर दी। डॉ पुष्पा ख़रब ने “ऐ मेरे प्यारे वतन ऐ मेरे बिछड़े चमन, तुझपे दिल कुरबान “ गीत की अत्यंत भावुक कर देने वाली अति सुंदर प्रस्तुति दी। देश प्रेम से ओत प्रोत कु: युक्ता ने नृत्य प्रस्तुति दी और सभी ने उसे ढेरों आशीर्वाद दिया ।

आजादी का जश्न मनाएं तिरंगा झंडा फहराएगे

एस पी चौधरी ने स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में बताते हुए अति सुंदर कविता प्रस्तुत की। “आजादी का जश्न मनाएं तिरंगा झंडा फहराएगे
जन्म जन्म कोई देश मिले तो हम भारत अपनाएंगे “…….
कमला सैनी ने अत्यंत बुलंद आवाज़ में “बहुत प्यार करते हैं तिरंगे को हम “ गीत प्रस्तुत करके सभागार में जोश पैदा कर दिया।  सुनीता महतानी ने “जानने का हक़ है हमें “ प्रासंगिक गीत प्रस्तुत कर सभी के मन में प्रश्न पैदा कर सोचने पर विवश कर दिया।  कुमारी मायरा ने तिरंगे की वेशभूषा में उपस्थित होकर अति सुंदर नृत्य “ऐसा मेरा देश है “ गीत पर किया ।
डॉ धवन के नेतृत्व में समूह गीत “इन्साफ़ की डगर पे बच्चों दिखाओ चल के ये देश है तुम्हारा नेता तुम्हीं हो कल के”…….,
बेहद  ख़ूबसूरती से प्रस्तुत किया गया व दर्शकों के चेहरे पर आनंद के भाव स्पष्ट पढ़े जा रहे थे।
प्रेम केडिया ने
“ऐ मेरे वतन के लोगों ज़रा आँख में भर लो पानी
जो शहीद हुए हैं उनकी ज़रा याद करो क़ुर्बानी”
गीत गाकर सुर – सम्राज्ञी लता जी को याद किया।
श्री सुरजीत सिंह ने “मेरा रंग दे बसंती चोला
माय रंग दे बसंती चोला”…..
मनभावन प्रस्तुति देकर दर्शकों की ख़ूब तालियां बटोरी।
राज गर्ग ने सुभाष चंद्र बोस के जीवन दर्शन को काव्यात्मक रूप देकर प्रस्तुत किया जोकि काफ़ी सराहा गया।
डॉ नीलम परुथी ने “सलाम उन शहीदों को जो हो गए
वतन को जगाकर जो ख़ुद सो गए” गीत की भावुक कर देने वाली प्रस्तुति सबके समक्ष रखी।
अजीत सिंह के नेतृत्व में 1905 में मोहम्मद इक़बाल द्वारा लिखित अति प्रसिद्ध गीत
“सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्ताँ हमारा
बुलबुले हैं इसकी ये गुलिस्ताँ हमारा “
समूह गान प्रस्तुत कर आयोजन में चार चाँद लगा दिए।

प्रतिभागियों को दिए गए उपहार

डाॅ नेहा व डाॅ आशीष डांग ने भी युगल गीत गाकर सब को आनंदित कर दिया विवान एवं बिटिया आरती की प्रस्तुति भी काबिलेतारीफ रही । बच्चों व सभी प्रतिभागियों को उपहार वितरित किए गए। सभी के लिए जलपान की व्यवस्था सुचारु ढंग से की गई। डॉ डाँग ने सभी का आभार प्रकट करते हुए प्रधान सुदामा अग्रवाल को आमंत्रित किया।
सुदामा अग्रवाल ने अनुकरणीय व विचारणीय श्री वचन रख सभी को शुभ आशीष दिया।
कार्यक्रम का समापन डॉ दवीना अमर ठकराल ने मन हरण घनाक्षरी छंद में देश प्रेम विषय पर प्रस्तुति देकर किया।
देश प्रेम का हो भाव, मन में हो सदा चाव
देश हित सर्वदा ही, सब काम कीजिए
देश प्रेम मन में बसे ,हिन्दू और हिन्दी रमे”…………

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