आज के समय पर सभी के पास मोबाइल और लेपटॉप होना आम बात है लेकिन इन इलैक्ट्राेनिक डिवाइस पर 12 से 16 घंटे तक संपर्क में रहना खतरे की ओर संकेत करता है। एक रिसर्च के मुताबिक 50 मिनट तक लगातार मोबाइल का इस्तेमाल करने से दिमाग की कोशिकाओं को नुकसान पहुंच सकता है। रेडिएशन से आपको कैंसर भी हो सकता है। ये रेडिएशन तेजी से आंखों के साथ हमारी त्वचा को भी नुकसान पहुंचा रही हैं। इसकी वजह से चेहरे पर पिगमेंटेशन, डार्क सर्कल्स, रैशेज आदि की समस्याएं हो सकती हैं। देश पूरी तरह डिजिटलाइजेशन की ओर बढ़ रहा है। ऐसे में आज के समय मोबाइल और लैपटॉप से दूरी बनाना असंभव हो गया है, लेकिन सावधानी बरत कर इनसे होने वाले नुकसानों को कम किया जा सकता है। जानें बचनें के उपाय
मोबाइल की रेडिएशन से हो रही हैं ये दिक्कतें
आईआईटी बॉम्बे के इलेक्ट्रिकल इंजिनियर प्रो. गिरीश कुमार की रिपोर्ट के अनुसार मोबाइल रेडिएशन से सिरदर्द, चक्कर आना, डिप्रेशन, नींद न आना, थकान, आंखों में ड्राइनेस, पाचन में गड़बड़ी, अनियमित धड़कन, जोड़ों में दर्द, काम में ध्यान न लगना, कानों का बजना, सुनने में कमी, याददाश्त में कमी जैसी समस्याएं हो रही हैं। इसके साथ ही मोबाइल के रेडिएशन से कैंसर, ऑर्थराइटिस, अल्जाइमर और हार्ट डिजीज का खतरा रहता है। इसके साथ ही रेडिएशन से खतरों में सबसे बड़ा खतरा है कैंसर। अगर मोबाइल फोन को पूरा दिन अपनी जेब में रखते हैं तो संबंधित स्थान पर ट्यूमर होने की आशंका बढ़ जाती है।
दुष्प्रभावों से बचने के लिए पीएं अधिक पानी
मोबाइल रेडिएशन से बचने के लिए हमें ज्यादा से ज्यादा पानी पीना चाहिए। इस दौरान चेहरे पर पिगमेंटेशन, डार्क सर्कल्स, रैशेज आदि की समस्या होती है। ऐसा करने से शरीर हाइड्रेट रहेगा। इससे आप इन समस्याओं से बच सकते हैं। इसके साथ ही अपने फोन के साथ फेराइट बीड (रेडिएशन सोखने वाला एक यंत्र) भी लगा सकते हैं। इसके साथ ही रेडिएशन शील्ड का इस्तेमाल भी अच्छा तरीका है। कई आईटी एस्पर्ट्स द्वारा ऐसे एप्लिकेशन या सॉफ्टवेयर डिजाइन किए हैं जो इन रेडिएशन को कम कर देते हैं। उन्हीं में से रेडिएशन ब्लॉक ऐप्लिकेशन एक है।
इन लोगों को रेडिएशन को सतर्क रहने की जरूरत
मैक्स हेल्थकेयर में कंसल्टेंट न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. पुनीत अग्रवाल ने बताया कि मोबाइल रेडिएशन वैसे से सभी को प्रभावित करती है। लेकिन महिलाएं, बुजुर्गों और मरीजों को इससे ज्यादा नुकसान हो सकता है। बच्चों पर भी इसके बड़े दुष्प्रभाव होते हैं। गर्भवती महिलाओं को भी मोबाइल आदि से दूरी बनाकर रखनी चाहिए। हालांकि आज के समय पर सभी अवेयर हैं कि ये इलेक्ट्रोनिक डिवाइस बेहद खतरनाक हैं, लेकिन हम इनका प्रयोग बंद नहीं कर पा रहे हैं। कोरोना काल के बाद से बच्चे भी मोबाइल पर अधिक समय बिता रहे हैं।
Mobile phone Jaruri to hain par zindagi se jada nahi to iska Kam use karein jis se nuksaan bhi kam ho