Bottle gourd care tips-गार्डनिंग करने वाले लोग सब्जियों को उगाना बेहद पसंद करते हैं। इससे घर में आर्गेनिक तरीके से उगाई गई सब्जियां मिल जाती हैं। मार्केट में मिलने वाली सब्जियां कैमिकल से तैयार होती है, जो नुकसान करती है। घर पर टेरेस या बालकनी में आप कई प्रकार की सब्जियां ग्रो कर सकते हैं।
घीया यानि लौकी की बेल हर कोई लगाता है। गर्मियों का महीना इसको उगाने के लिए परफेक्ट है। आपके घर में लौकी की बेल उगी हुई है, तो आप इसमें ये स्पेशल ड्रिंक डाल दें। आज हम आपको लौकी में छाछ और काले नमक का प्रयोग का तरीका बताएंगे।
लौकी की बेल में डालें छाछ और काले नमक का घोल
लौकी की बेल लगाने के बाद हर कोई चाहता है कि ये अच्छे से फल दें। बहुत से लोगों की समस्या होती है कि बेल पूरी बढ़ी हो जाती है, लेकिन फ्रूटिंग शुरू नहीं होती है। लौकी में छाछ और काले नमक का डालना बहुत अच्छा साबित हो सकता है। इन दोनों का मिश्रण पौधे की ग्रोथ को दोनुना करके फ्रूटिंग लाने में सहायक होता है।
लौकी की बेल में छाछ डालने के फायदे
पौधे पर फ्रूटिंग तभी होगी जब वो स्वस्थ होगा। पौधे का स्वस्थ रहना बेहद जरुरी है। इसके लिए आप इसमें छाछ डालें। छाछ कीटनाशक की तरह काम करता है। पौधों के लिए ये प्राकृतिक उर्वरक है। इसमें एंटीफंगल गुण होते हैं, जो फंगल रोगों से पौधों को बचाते हैं।
इसमें लैक्टिक एसिड होता है, जो पौधों के लिए जरुरी है। मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार भी छाछ करती है। मिट्टी को स्वस्थ बनाए रखने में सहायक है, इससे पौधों को जल्दी और संपूर्ण पोषण प्राप्त होता है। इसमें कई सूक्ष्मजीव मौजूद होते हैं, जो मिट्टी को बेहतर बनाते हैं। इसलिए आप घीया की बेल में लस्सी डालिए।
काले नमक के गुण
काला नमक पोटेशियम का अच्छा स्रोत है। पौधों पर फ्रूटिंग के लिए पोटेशियम जरुरी तत्व है। आप ये मिट्टी में डालते हैं, तो इससे उर्रवक शक्ति में बढ़ोतरी होती है। आप ये लौकी की बेल में डाल सकते हैं। इसको छाछ के साथ मिलाकर ही आपको डालना है। ऐसा करने पर फायदा दोगुना होगा।
छाछ और नमक का मिश्रण ऐसे करें तैयार
एक लीटर लस्सी में आपको एक चम्मच काला नमक मिलाना है। इस घोल को अच्छी तरह से मिलाएं। आप हफ्ते में एक बार इसका छिड़काव लौकी की बेल पर करें। इसके छिड़काव से बेल पर लौकी ज्यादा लगेगी और मिट्टी की सेहत में सुधार होगा।
इस मिश्रण को पौधे में डालने से रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है। जड़ो के स्वास्थ्य के लिए भी ये घोल फायदेमंद साबित हो सकता है। ये नेचुरल पेस्टीसाइड की तरह काम करता है, जो बिल्कुल नेचुरल है। इसका प्रयोग आपके पौधों के लिए बिल्कुल सही है और प्रर्यावरण के अनुकुल है।
लौकी में ये घोल डालने से पहले बरतें सावधानी
आप जब भी कोई नया प्रयोग करते हैं, तो पौधे का पैच टेस्ट करना जरुरी होता है। हालांकि ये नेचुरल है, फिर भी आपको सावधानी बरतनी जरुरी है। आपका पौधा पूरा खराब ना हो, इसके लिए किसी भी प्रकार के उपाय को अपनाने से पहले पौधे के छोटे हिस्से पर पैच टेस्ट करें।
पैच टेस्ट यानि आप पौधे कि एक पत्ती पर 12 घंटे के लिए इसे लगाकर छोड़ दें। अगर इसका गलत प्रभाव होगा, तो पत्ती खराब हो जाएगी। इससे आप समझ जाएंगे की आपको इसका प्रयोग नहीं करना है। अगर पत्ती पर कोई प्रभाव नजर नहीं आया है, तो आप इसका छिड़काव पौधे में कर सकते हैं।
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