खुद को फिट एंड फाइन रखने के लिए आज हर उम्र वर्ग के लोग पूरी तरह गंभीर हो गए हैं। यही वजह है कि वे जिम के साथ ही योग, एरोबिक्स, डांस जैसे माध्यमों से सेहत बनाने में लगे हुए हैं। जिम में पसीना बहाने के साथ ही वे खान-पान पर भी विशेष ध्यान दे रहे हैं। सेहत को लेकर लड़के ही नहीं, लड़कियां भी अब जिम करती हैं। दुबले-पतले लोग मसल्स बनाना चाह रहे हैं तो मोटे लोग स्लिम होने के लिए पसीना बहा रहे हैं।
आज के व्यस्त जिंदगी में लोगों के पास चैन से न तो खाने का समय है, न ही आराम करने का। ऐसे में उन्हें स्वास्थ्यगत दिक्कतें समय से पहले आने लगी हैं। देर से सोने और उठने की आदत भी सेहत का कबाड़ा कर रही है। यही वजह है कि एक बड़ी आबादी मार्निंग वाक पर नहीं निकल पाती। ऐसे लोगों के लिए सेहत सुधारने का जिम बेहतर माध्यम साबित हो रहा है।
लेकिन अगर आपको वर्कआउट के बाद थकान होना, मासपेशियों में दर्द, रात को नींद ना आना और सुस्ती महसूस होने पर भी आप लगातार जिम जा रहे हैं तो इससे आपको फायदा होने की बजाय नुकसान भी हो सकता है। जिम आपको फिट करने के साथ अनफिट भी बना सकती है।
मांसपेशियों में खिंचाव
वर्कआउट के बाद अगर दो दिनो तक मांसपेशियों में दर्द बना रहता है, जिससे आप अच्छे से एक्सरसाइज भी नहीं कर पा रहे तो आपको जिम जाने की बजाय कुछ देर आराम कर लेना चाहिए।
ओवरट्रेनिंग के नुकसान
ज्यादा कसरत करने से खून का दबाव बढ़ता है और शरीर से इंसुलिन और एचडीएल कोलेस्ट्रॉल का स्तर घटता है। इसके चलते दिल की बीमारी होने का खतरा बढ़ जाता है।
पैरों में दर्द
वर्कआउट के बाद आपके पैरों में दर्द या थकान महसूस हो रही है और जॉगिग करने में भी परेशानी हो रही है तो इसका मतलब है की आप आराम करें, जिससे आपको आगे कोई परेशानी ना हो। वर्कआउट के वक्त आपको कोई चोट लग गई है तो थोडी देर के लिए जिम से तौबा करें और ठीक होने पर ही दोबारा ज्वाइन करें।
बदलने लगती है दिल की बनावट, फट सकती हैं नसें
लगातार जरूरत से ज्यादा एक्सरसाइज करने के कारण दिल की बनावट और उसके काम करने का तरीका बदलने लगता है। जर्नल बायोमेड सेंट्रल की रिपोर्ट के मुताबिक कसरत के दौरान शरीर को ज्यादा ऑक्सीजन की जरूरत होती है।
इस जरूरत को पूरा करने के लिए दिल को ज्यादा तेजी से ब्लड को पंप करना पड़ता है। इससे ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है। जिससे दिल के लेफ्ट वेंट्रिकल (निचले हिस्से में मौजूद चैंबर) का साइज बढ़ने लगता है। हार्ट मसल्स मोटी होने लगती हैं। इसे ‘एथलीट्स हार्ट सिंड्रोम’ कहते हैं, जो स्ट्रोक और हार्ट अटैक की जानलेवा वजह है।
नहीं आते लड़कियों को पीरियड्स
इन दिनों लड़कियां भी खुद को मजबूत बनाने के लिए हैवी एक्सरसाइज करने लगी हैं। इससे एस्ट्रोजन हॉर्मोंस गिरने पर वे एमेनोरिया की शिकार हो सकती हैं और पीरियड्स अनियमित हो सकते हैं। जिससे ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा बढ़ जाता है। बाल गिरने, मुहांसे जैसी तमाम दिक्कतें होने लगती हैं।
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पुरुषों में खत्म हो जाती है संबंध बनाने की इच्छा
लगातार हैवी एक्सरसाइज से पुरुषों की सेक्स ड्राइव पर बुरा असर पड़ता है। नॉर्थ कैरोलिना यूनिवर्सिटी की एक रिसर्च के अनुसार एक्सरसाइज के दौरान बॉडी में टेस्टोस्टेरोन और ल्यूटिनाइजिंग हॉर्मोंस का स्तर कम होने से पुरुष ‘एक्सरसाइज हाइपोगोनैडल मेल कंडीशन’ के शिकार हो जाते हैं। इससे उन्हें शारीरिक और मानसिक थकान तो होती ही है, संबंध बनाने की इच्छा भी धीरे-धीरे खत्म होने लगती है।
क्षतिग्रस्त मांसपेशियों को ठीक करने का तरीका
शांत होकर लेटने से बॉडी और ब्रेन की एनर्जी में संतुलन स्थापित होता है और 10 मिनट बाद ही हम खुद को बहुत अधिक फ्रेश और एनर्जेटिक महसूस करते हैं। कभी एक्सरसाइज करते समय हमारी मांसपेशियां क्षतिग्रस्त हो जाती हैं तो उनमें दुखन, दर्द या सूजन की समस्या हो सकती है। सरसों तेल की मसाज करने के बाद हॉट बॉटल से सिकाई करें। ध्यान रखें कि हॉट बॉटल कभी भी सीधे त्वचा पर नहीं रखते हैं। बल्कि शरीर और बॉटल के बीच कॉटन के कपड़े की एक परत अवश्य होनी चाहिए।