भारत में लाइफस्टाइल डिजीज की संख्या दिनों दिन बढ़ रही है। इन दिनों सबसे बड़ी संख्या डायबिटीज के मरीजों की है। डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए लोग लाखों रुपये दवाओं पर खर्च कर देते हैं। लेकिन इन दिनों लोगों का भराेसा जड़ी-बूटियाें की ओर बढ़ रहा है। इसी कड़ी में इन दिनों इंसुलिन का प्लांट चर्चा में आया है। आयुर्वेद विशेषज्ञों का मानना है कि यदि इंसुलिन प्लांट (Costus Igneus) की पत्तियों का सेवन किया जाए तो डायबिटीज के उपचार में भी मददगार हो सकता है। इस लेख में विभिन्न रिसर्च के आधार पर जानेंगे कि कैसे इंसुलिन का प्लांट डायबिटीज को ठीक कर सकता है, किस तरह इस प्लांट को घर में लगाया जा सकता है।
रिसर्च में हुआ साबित
इंसुलिन के प्लांट पर कई रिसर्च हो चुकी हैं। हर रिसर्च में यह पौधा डायबिटीज में फायदेमंद साबित हुआ है। पबमेड सेंट्रल के अनुसार इस पर कर्नाटक में अखिला जे शेट्टी, दिव्या चौधरी और शशिधर कोटियन की टीम ने रिसर्च की। सबसे पहले चूहों पर अध्ययन किया गया। ब्लड ग्लूकोज लेवल बढ़े हुए विस्टर चूहों के 4 अलग-अलग ग्रुप को पत्तियां दी गई। चूहों को 10 मिलीग्राम पत्तियाें का पाउडर रोजाना दिया गया। इस तरह 20 दिनों बाद फास्टिंग और पोस्टग्लूकोज के बाद शुगर मापा गया तो चूहों में ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल था। इसके बाद इन पत्तों का प्रयोग इंसानों पर भी किया गया व रिसर्च सफल साबित हुई।
ऐसे करता है ब्लड शुगर कंट्रोल
इंसुलिन प्लांट का वैज्ञानिक नाम कॉस्टस इगनियस (Costus Igneus) है। देश में अधिकतर लोग इसे इंसुलिन प्लांट के नाम से जानते हैं। इस पौधे की पत्तियों में कॉर्साेलिक एसिड पाया जाता है। इसके सेवन से कॉर्साेलिक एसिड पैनक्रियाज से इंसुलिन सीक्रेशन को बढ़ावा देता है। इंसुलिन के बढ़ने से शुगर ग्लाइकोजेन में कन्वर्ट होने लगता है। यह वाटर सॉल्यूबल कंटेंट है। जिसकी वजह से ब्लड से ग्लूकोज एब्जॉर्बशन को घटा देता है। इस तरह यह बड़ी आसानी से ब्लड शुगर काे कंट्रोल करता है। डायबिटीज के साथ ही यह कॉलेस्ट्रॉल को भी कंट्रोल करता है। यह अन्य सामान्य बीमारियों में भी फायदेमंद है। इसे सर्दी जुकाम, कफ, अस्थमा, यूट्रीन इंफेक्शन में फायदेमंद बताया गया है।
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इंसुलिन प्लांट में पोषक तत्व
- प्रोटीन,
- सेपोनिन्स,
- टेनिन्स
- स्टीरॉयड
- टर्पेनॉयड्स,
- फ्लेवनॉयड्स,
- अल्केलॉयड्स एंटीऑक्सीडेंट,
- एस्कॉर्बिक एसिड,
- आयरन,
- बी कैरोटीन जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं।
घर में कैसे लगाएं इंसुलिन प्लांट
बारिश के मौसम में इस पौधे को लगाना सबसे ठीक है। इन्सुलिन के पौधे को आप गमले या ग्रो बैग में आसानी से उगाया जा सकता है। इस पौधे को नर्सरी से खरीदा जा सकता है। यदि आपके किसी मित्र के पास इंसुलिन प्लांट पहले से ही है तो आप इसकी कटिंग भी लगा सकते हैं। हालांकि इसके लिए एक अच्छी टहनी को चुनें। कटिंग को थोड़ा तिरछा काट लें। सभी पत्तियों को हटाकर पॉट में लगा दें। इस प्लांट पर 2 से 3 हफ्तों में नए पत्ते विकसित होने लगेंगे। पत्ते विकसित होने से पहले इसे तेज धूप में न रखें। कोस्टस पिक्टस (इन्सुलिन) का पौधा पूर्ण धूप या आंशिक छाया में ग्रो कर सकता है।
कैसे करना है इसका प्रयोग
1. पत्तियों को सुखाकर
- इंसुलिन प्लांट की पत्तियों को तोड़ लें। इन्हें सुखा लें। ध्यान रखें कि इन्हें छाया में सुखाना है।
- छाया में सूखी हुई पत्तियों को ग्राइंड कर पाउडर बना लें।
- इस पाउडर को पानी के साथ एक चम्मच रोज ले सकते हैं।
- इन पत्तियों को कच्चा भी चबाया जा सकता है।
2 पत्तियों को उबालकर
- इंसुलिन की पत्तियों को तोड़ लें।
- पत्तों को अच्छे से साफ कर लें।
- धीमी आंच पर कुछ पत्तों को दस मिनट के लिए उबाल लें।
- पानी में मिक्स पर इस काढ़े को पीएं।
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Disclaimer: यह लेख विभिन्न शोधों के आधार पर लिखा गया है। तरीक़ों और सुझावों पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें। धन्यवाद